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कृषि आंदोलन: दानवे और गोयल के बयानों पर राकांपा ने साधा मोदी पर निशाना

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Published : Dec 14, 2020, 7:40 AM IST

देश में नए कृषि कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन जारी है. वहीं, केंद्रीय मंत्रियों के बयानों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. राकांपा ने मोदी से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है.

pm modi on danve and goyal remarks
एनसीपी ने साधा मोदी पर निशाना

मुंबई/नागपुर/नासिक: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ केंद्रीय मंत्रियों के उन दावों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए, जिसमें उन लोगों ने कहा है कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को पाकिस्तान, चीन और माओवादियों का समर्थन हासिल है. राकांपा प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के बजाए केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे और पीयूष गोयल ने ''आंदोलन को बदनाम करने के लिए विवादास्पद बयान'' दिए हैं.

शरद पवार की पार्टी राज्य में शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में सहयोगी है. कांग्रेस भी सरकार में शामिल है. गोयल ने शनिवार को कहा था कि आंदोलन अब किसानों का नहीं रहा क्योंकि इसमें ''वामपंथी और माओवादी तत्व घुस आए हैं'', जो ''राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में'' जेल में बंद लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि यह स्पष्ट रूप से सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधारों को पटरी से उतारने का प्रयास है.

सर्जिकल स्ट्राइक की बात की

दानवे ने कुछ दिनों पहले यह कहकर विवाद पैदा कर दिया था कि कृषकों के आंदोलन में चीन और पाकिस्तान का हाथ है, जिसका विभिन्न वर्गों ने कड़ा प्रतिवाद किया था. दानवे के बयान को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना के सांसद संजय राउत ने केंद्र से ''सर्जिकल स्ट्राइक'' करने की मांग की है. दानवे के बयान पर केंद्रीय मंत्री और आरपीआई (ए) के नेता रामदास आठवले ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा कि किसानों के प्रदर्शन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ होने का दानवे का दावा, ''सरकार का रूख नहीं है.''

पीएम मोदी को इन दावों को स्पष्ट करना चाहिए

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के हाथ यहां तक नहीं पहुंच सकते हैं. गोयल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आठवले ने कहा कि यह पता लगाना जरूरी है कि क्या इस तरह के लोग प्रदर्शन में शामिल हैं, जिनका किसान प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों को दो कदम पीछे हटना चाहिए और फिर इस मुद्दे पर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए. महेश तपासे ने कहा कि दानवे ने कहा कि प्रदर्शन को पाकिस्तान और चीन से समर्थन मिल रहा है, वहीं गोयल ने आरोप लगाए कि माओवादी आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या ये दावे सच हैं.

पढ़ें: आंदोलन का 19वां दिन : देशव्यापी प्रदर्शन के बीच किसान करेंगे भूख हड़ताल

किसान संगठन लगातार कर रहे मांग

उन्होंने कहा कि कृषक मांग कर रहे हैं कि नये कृषि कानूनों को वापस लिया जाए, लेकिन सरकार कठोर बनी हुई है. नासिक में राउत ने दानवे के बयान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा कह रही है कि नयी दिल्ली में किसान आंदोलन में पाकिस्तान और चीन का हाथ है. रक्षा मंत्री भाजपा के हैं. भाजपा को इस सिलसिले में सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए. राज्यसभा सदस्य ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बल प्रयोग करने के बावजूद पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं. राउत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए दो कदम पीछे हट जाती है तो इससे इसका महत्व कम नहीं हो जाएगा. सरकार को पीछे हटना चाहिए और लोकसभा में कृषि कानूनों पर फिर से चर्चा करनी चाहिए और किसानों की उम्मीदों के मुताबिक इन कानूनों को फिर से पेश करना चाहिए.

मुंबई/नागपुर/नासिक: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ केंद्रीय मंत्रियों के उन दावों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए, जिसमें उन लोगों ने कहा है कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को पाकिस्तान, चीन और माओवादियों का समर्थन हासिल है. राकांपा प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के बजाए केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे और पीयूष गोयल ने ''आंदोलन को बदनाम करने के लिए विवादास्पद बयान'' दिए हैं.

शरद पवार की पार्टी राज्य में शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में सहयोगी है. कांग्रेस भी सरकार में शामिल है. गोयल ने शनिवार को कहा था कि आंदोलन अब किसानों का नहीं रहा क्योंकि इसमें ''वामपंथी और माओवादी तत्व घुस आए हैं'', जो ''राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में'' जेल में बंद लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि यह स्पष्ट रूप से सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधारों को पटरी से उतारने का प्रयास है.

सर्जिकल स्ट्राइक की बात की

दानवे ने कुछ दिनों पहले यह कहकर विवाद पैदा कर दिया था कि कृषकों के आंदोलन में चीन और पाकिस्तान का हाथ है, जिसका विभिन्न वर्गों ने कड़ा प्रतिवाद किया था. दानवे के बयान को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना के सांसद संजय राउत ने केंद्र से ''सर्जिकल स्ट्राइक'' करने की मांग की है. दानवे के बयान पर केंद्रीय मंत्री और आरपीआई (ए) के नेता रामदास आठवले ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा कि किसानों के प्रदर्शन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ होने का दानवे का दावा, ''सरकार का रूख नहीं है.''

पीएम मोदी को इन दावों को स्पष्ट करना चाहिए

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के हाथ यहां तक नहीं पहुंच सकते हैं. गोयल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आठवले ने कहा कि यह पता लगाना जरूरी है कि क्या इस तरह के लोग प्रदर्शन में शामिल हैं, जिनका किसान प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों को दो कदम पीछे हटना चाहिए और फिर इस मुद्दे पर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए. महेश तपासे ने कहा कि दानवे ने कहा कि प्रदर्शन को पाकिस्तान और चीन से समर्थन मिल रहा है, वहीं गोयल ने आरोप लगाए कि माओवादी आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या ये दावे सच हैं.

पढ़ें: आंदोलन का 19वां दिन : देशव्यापी प्रदर्शन के बीच किसान करेंगे भूख हड़ताल

किसान संगठन लगातार कर रहे मांग

उन्होंने कहा कि कृषक मांग कर रहे हैं कि नये कृषि कानूनों को वापस लिया जाए, लेकिन सरकार कठोर बनी हुई है. नासिक में राउत ने दानवे के बयान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा कह रही है कि नयी दिल्ली में किसान आंदोलन में पाकिस्तान और चीन का हाथ है. रक्षा मंत्री भाजपा के हैं. भाजपा को इस सिलसिले में सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए. राज्यसभा सदस्य ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बल प्रयोग करने के बावजूद पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं. राउत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए दो कदम पीछे हट जाती है तो इससे इसका महत्व कम नहीं हो जाएगा. सरकार को पीछे हटना चाहिए और लोकसभा में कृषि कानूनों पर फिर से चर्चा करनी चाहिए और किसानों की उम्मीदों के मुताबिक इन कानूनों को फिर से पेश करना चाहिए.

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