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नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति मुर्मू को 'नहीं बुलाए जाने' से नाराज राकांपा, शिवसेना (यूटीबी)

नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को नहीं बुलाए जाने के मुद्दे पर राकांपा और शिवसेना (यूटीबी) ने नाराजगी जताई. इन दलों की ओर से आरोप लगाया गया कि राष्ट्रपति मुर्मू की अनदेखी की गई.

NCP Shiv Sena UTB miffed over not calling President Murmu for inauguration of new Parliament building
नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति मुर्मू को ‘नहीं बुलाए जाने’ से नाराज राकांपा, शिवसेना (यूटीबी)
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Published : May 28, 2023, 12:46 PM IST

Updated : May 28, 2023, 8:01 PM IST

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने रविवार को कहा कि यह दुखद है कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नहीं कराया गया. शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया कि राष्ट्रपति मुर्मू की अनदेखी करके नए संसद भवन का उद्घाटन करना परंपरा और नियमों के अनुरूप नहीं है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार सुबह नयी दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक सेंगोल को लोकसभा कक्ष में स्थापित किया.

कई विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार किया और जोर देकर कहा कि राज्य के प्रमुख के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को यह सम्मान दिया जाना चाहिए. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने ट्वीट किया, 'हमारे देश में लोकतंत्र है, राजशाही नहीं. हमारी राष्ट्रपति, हमारे देश की संवैधानिक प्रमुख को नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करता देख दुख हुआ.'

शिवसेना (यूटीबी) के नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में लिखे संपादकीय 'रोखठोक' में दावा किया कि राष्ट्रपति मुर्मू की अनदेखी करके नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाना परंपरा और नियमों के अनुरूप नहीं है. उन्होंने लिखा कि जिस तरह से संसद को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश की जा रही है यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. राउत ने लिखा, 'भारत की राष्ट्रपति को समारोह के लिए आमंत्रित भी नहीं किया गया , यही वजह है कि 20 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया.'

राज्यसभा सदस्य राउत ने यह भी कहा कि नए संसद भवन की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि मौजूदा भवन अच्छी स्थिति में है. उन्होंने मराठी दैनिक समाचार पत्र में लिखा, 'इतिहास याद रखेगा कि एक नए संसद भवन के लिए बेवजह 20,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे और भारत के राष्ट्रपति को भी आमंत्रित नहीं किया गया था.'

एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि सुप्रिया सुले ने आज पुणे में सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र खतरे में है और देश में अत्याचार हो रहा है. एक सवाल खड़ा हो गया है कि क्या संसद का उद्घाटन समारोह देश के लिए नहीं बल्कि व्यक्ति विशेष के लिए है. एक ओर राज्यसभा उच्च सदन, के अध्यक्ष को नहीं बुलाया जाता है और लोकसभा अध्यक्ष को बुलाया जाता है तो क्या राज्यसभा संविधान में नहीं है? सुप्रिया सुले ने यह भी कहा है कि यह सरकार जुल्म से चल रही है. वैसे तो नया संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर है, लेकिन मेरे लिए पुराना संसद भवन मंदिर है. यहां कई राष्ट्र निर्माताओं ने भाषण दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने रविवार को कहा कि यह दुखद है कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नहीं कराया गया. शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया कि राष्ट्रपति मुर्मू की अनदेखी करके नए संसद भवन का उद्घाटन करना परंपरा और नियमों के अनुरूप नहीं है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार सुबह नयी दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक सेंगोल को लोकसभा कक्ष में स्थापित किया.

कई विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार किया और जोर देकर कहा कि राज्य के प्रमुख के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को यह सम्मान दिया जाना चाहिए. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने ट्वीट किया, 'हमारे देश में लोकतंत्र है, राजशाही नहीं. हमारी राष्ट्रपति, हमारे देश की संवैधानिक प्रमुख को नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करता देख दुख हुआ.'

शिवसेना (यूटीबी) के नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में लिखे संपादकीय 'रोखठोक' में दावा किया कि राष्ट्रपति मुर्मू की अनदेखी करके नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाना परंपरा और नियमों के अनुरूप नहीं है. उन्होंने लिखा कि जिस तरह से संसद को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश की जा रही है यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. राउत ने लिखा, 'भारत की राष्ट्रपति को समारोह के लिए आमंत्रित भी नहीं किया गया , यही वजह है कि 20 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया.'

राज्यसभा सदस्य राउत ने यह भी कहा कि नए संसद भवन की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि मौजूदा भवन अच्छी स्थिति में है. उन्होंने मराठी दैनिक समाचार पत्र में लिखा, 'इतिहास याद रखेगा कि एक नए संसद भवन के लिए बेवजह 20,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे और भारत के राष्ट्रपति को भी आमंत्रित नहीं किया गया था.'

एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि सुप्रिया सुले ने आज पुणे में सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र खतरे में है और देश में अत्याचार हो रहा है. एक सवाल खड़ा हो गया है कि क्या संसद का उद्घाटन समारोह देश के लिए नहीं बल्कि व्यक्ति विशेष के लिए है. एक ओर राज्यसभा उच्च सदन, के अध्यक्ष को नहीं बुलाया जाता है और लोकसभा अध्यक्ष को बुलाया जाता है तो क्या राज्यसभा संविधान में नहीं है? सुप्रिया सुले ने यह भी कहा है कि यह सरकार जुल्म से चल रही है. वैसे तो नया संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर है, लेकिन मेरे लिए पुराना संसद भवन मंदिर है. यहां कई राष्ट्र निर्माताओं ने भाषण दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : May 28, 2023, 8:01 PM IST
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