मुंबई : महाराष्ट्र राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि कथित मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनसे पूछताछ किए जाने के एक दिन बाद उन्हें विपक्षी गठबंधन, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सभी शीर्ष नेताओं से समर्थन के लिए फोन आए. पाटिल ने कहा कि हालांकि विपक्ष के नेता अजीत पवार ने उन्हें फोन नहीं किया - लेकिन कारण मैं कल (सोमवार) ही बता चुका हूं.
पाटिल ने कहा, एनसीपी के सभी शीर्ष नेताओं और हमारे गठबंधन सहयोगियों ने मुझे कल रात और आज भी फोन किया है. मैं किसी का नाम नहीं ले रहा हूं. लेकिन उनमें हमारे मित्र दलों के सभी प्रमुख नेता शामिल हैं. वह एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मिलने वाले हैं. वो ईडी की पूछताछ के बारे में पवार को जानकारी देंगे. 22 मई को पाटिल ने सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि जब वह ईडी कार्यालय जाएंगे तो वे अपना काम न छोड़ें और एकजुटता दिखाने के लिए मुंबई न आएं.
अजीत पवार ने कहा था कि उन्होंने नियम बना रखा है कि वह किसी भी जांच के मामले में कभी भी टिप्पणी नहीं करते हैं. अजित पवार ने कहा था, इससे पहले प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ जांच हुई थी.. मुझे एक बयान दिखाइए जहां मैंने जांच के बारे में कुछ कहा हो. उन्होंने बताया कि पिछले साल, जब आयकर विभाग (आईटीडी) ने 22 स्थानों पर छापेमारी कर उनके करीबी परिवार के सदस्यों की जांच की थी, तब भी मैंने कुछ नहीं कहा था.
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पाटिल को फोन किया और अपना पूरा समर्थन दिया, हालांकि उनके बीच क्या बात हुई, यह जानकारी नहीं है. गौरतलब है कि सोमवार देर शाम (22 मई) को, पवार ने विपक्षी राजनीतिक नेताओं को परेशान करने और उन पर दबाव बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के खुलेआम दुरुपयोग के लिए केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना की थी.
पवार ने कहा, एनसीपी के दस नेता ईडी और अन्य एजेंसियों की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं .. दूसरी ओर, परम बीर सिंह (मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त) के खिलाफ बहुत सारी शिकायतें थीं .. उस पर भी विचार किया जाना चाहिए था. अपने वरिष्ठ पार्टी सहयोगी और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सिंह की कथित भ्रष्टाचार की शिकायतों से कुछ नहीं निकला, लेकिन उन्हें (देशमुख) अनावश्यक रूप से 13 महीने जेल में बिताने पड़े.
मराठा नेता ने कहा कि हो सकता है कि बीजेपी को एनसीपी से 'कुछ उम्मीदें' हों (इस तरह के उत्पीड़न के लिए), लेकिन हम उन्हें संतुष्ट नहीं करने जा रहे हैं. नाना पटोले और संजय राउत जैसे कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) नेताओं ने भी विपक्षी दलों के नेताओं को परेशान करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए केंद्र पर हमला किया है.
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(आईएएनएस)