कोल्हापुर : महाराष्ट्र के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसरो मुख्यालय जाने पर कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करना राजनेताओं का काम है. प्रैस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "अगर प्रधानमंत्री बेंगलुरू गए है, तो मेरे हिसाब से इसमें कुछ भी गलत नहीं है. इसरो के वैज्ञानिकों ने देश का मान बढ़ाया है. राजनेताओं को उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए. वहां जाने के लिए किसी भी तरह के प्रॉटोकॉल की जरूरत नहीं है." पवार ने आगे कहा कि चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग से देश की प्रतिष्ठा बढ़ी है.
गौरतलब है कि भारत चंद्रमा की साउथ पोल पर लैंडर उतारने वाला दुनियां का पहला देश बन गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण अफ्रीका से 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद आज सीधे बेंगलुरू में इसरो मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने वैज्ञानिकों से मुलाकात की. इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने खुद पीएम मोदी का स्वागत किया. पीएम मोदी ने उनकी पीठ थपथपाई और चुनौतीपूर्ण चंद्रयान-3 मिशन की सफल नेतृत्व के लिए उन्हें गले लगाया.
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अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी चंद्रयान-3 के आखिरी 15 चुनौतीपूर्ण मिनटों को याद करते हुए भावुक भी हो गए. प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग को चिह्नित करने के लिए 23 अगस्त का दिन राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रमा की जिस सतह पर लैंडर उतरा था, उसको 'शिवशक्ति' प्वाइंट के रूप में जाना जाएगा, जबकि चंद्रयान -2 की लैंडिंग प्वाइंट को 'तिरंगा' कहा जाएगा. प्रधानमंत्री ने इन मिशन के पीछे वैज्ञानिकों की टीम के साथ एक सामूहिक फोटो भी खिंचवाई.
इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ ने पीएम मोदी को चंद्रमा के साउथ पोल पर 40 दिनों की यात्रा और प्रोजेक्ट में किए गए प्रयासों के बारे में जानकारी दी. वैज्ञानिकों से मिलने से पहले, पीएम ने 'जय विज्ञान जय अनुसंधान' का नारा लगाया और बेंगलुरू पहुंचने पर एचएएल हवाई अड्डे के बाहर सड़कों पर खड़े लोगों का अभिवादन किया.
(एएनआई)