बीजापुर : इनामी नक्सली ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया (Naxalite surrender in Bijapur ) है. नक्सली झारखंड रीजनल कमेटी में सक्रिय था. नक्सली का नाम समीर उर्फ अभिषेक और उसकी पत्नी का नाम अनुप्रिया है झारखंड के नक्सलियों की नाराजगी और भेदभावपूर्ण व्यवहार के कारण सरेंडर किया है. DIG और एसपी आंजनेय वार्ष्णेय, CRPF अफसरों के सामने नक्सली समीर ने सरेंडर किया (Bijapur police station area) है. नक्सली 13 सालों से संगठन में सक्रिय था. अब तक कुल 12 बड़ी वारदातों में शामिल होने की जानकारी आई है.
कब हुआ था संगठन में भर्ती : आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली जून 2009 में गंगालूर एरिया कमेटी में पीएलजीए सदस्य के पद पर भर्ती हुआ. जहां संगठन में संत्री डयूटी और संदेश लाना ले जाना और पुलिस मुखबिरी का काम करता था. मार्च 2010 में पार्टी सदस्य के रूप में पदोन्नत किया गया. मई 2014 में सीसीएम सुधाकर की गार्ड टीम में एसीएम की पद पर पदोन्नत कर नई जिम्मेदारी दी गई. कुछ दिनों बाद सीसीएम सुधाकर के गार्ड टीम में एसीएम पद के साथ सब जोनल कमेटी सदस्य की नई जिम्मेदारी दी गई. इस दौरान सुधाकर एवं माधवी की टीम के साथ बिहार रीजनल कमेटी क्षेत्र में काम किया. साल 2018 में जेआरसी सदस्य (झारखण्ड रीजनल कमेटी सदस्य) की जिम्मेदारी दी गई . जहां पीबीएम (पोलित ब्यूरो मेंबर) मिसीर बेसरा उर्फ प्रधान उर्फ सागर के साथ काम किया. वर्ष 2018 से 04 मार्च 2022 तक जेआरसी सदस्य के पद पर संगठन में कार्य किया.
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किन घटनाओं में शामिल था नक्सली समीर : साल 2010 में रेड्डी के जंगलों में पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ की घटना में वह शामिल था.इसके अलावा साल 2013 में डीआरजी की पार्टी पर हिरोली के जंगलों में पुलिस पार्टी पर हमला की घटना,वर्ष 2015 में बीआरसी क्षेत्र अन्तर्गत जिला गढ़वा झारखण्ड और छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस माओवादी के बीच मुठभेड़ में वह शामिल रहा है. साल 2016 में बीआरसी क्षेत्र अन्तर्गत जिला लातेहार झारखण्ड के हेनार गांव जंगाल में पुलिस माओवादी मुठभेड़ की घटना में भी इसका हाथ बताया जा रहा है. साल 2017 में नक्सली समीर ने झारखंड के बोरोये में नक्सली मुठभेड़ में तीन जवानों को घायल किया था. पुलिस का मानना है कि इसके सरेंडर करने से लाल आतंक को भविष्य में और झटका लगेगा.