मुंबई : तमिलनाडु के चेन्नई से अगवा किए गए नौसेना के 27 वर्षीय नौसेना अधिकारी सूरज दुबे को महाराष्ट्र के पालघर जिले के जंगलों में जिंदा जलाने के बाद उनके पिता ने अपने बेटे के लिए न्याय की गुहार लगाई है.
सूरज के पिता मिथिलेश दुबे ने कहा- मैं अपने बेटे के लिए इंसाफ चाहता हूं, मैं मीडिया के जरिए यही संदेश देना चाहता हूं. उसने मरने से पहले बयान दिया था कि फिरौती के लिए उसका अपहरण करके तीन दिन तक एक अज्ञात स्थान पर बंधक बनाकर रखा गया. फिर उसे बाद में पालघर लाया गया और जिंदा जला दिया गया.
घटना के बाद से सूरज के पैतृक गांव पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ गांव में मातम पसरा हुआ है. मुम्बई से 3.30 बजे फ्लाइट से शव रांची लाया जाएगा. जिसके बाद पैतृक घर आएगा. सोमवार को कोयल नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
परिजन कर रहे फिरौती की बात से इंकार
जवान सूरज कुमार दुबे के भाई नीरज कुमार दुबे ने ईटीवी भारत को बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें फोन कर बताया था कि फिरौती के लिए अपहरण किया गया था, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. परिवार के किसी भी सदस्य के पास फिरौती के लिए कोई कॉल नहीं आया है. घटना के पीछे बड़ी साजिश है. नीरज कुमार दुबे ने बताया कि पालघर के एसपी ने उन्हें बताया कि तीन लोगों ने अपहरण किया था. जिसमें से एक नाम इरफान है. उन्होंने बताया कि मामले में सीबीआई जांच हो तभी असली बात सामने आएगी और इंसाफ मिलेगा.
परिजनों के लागातार संपर्क में था
नीरज कुमार दुबे ने बताया कि सूरज का साथी जवान धर्मेंद्र उसके लगातार संपर्क में था. 22 जनवरी से धर्मेंद्र, सूरज का लोकेशन ले रहा था. 30 जनवरी को 13 बार एसएमएस से धर्मेंद्र और सूरज के बीच बातचीत हुई थी. उन्होंने बताया कि शुरुआत के दो दिनों तक यूनिट का कमांडेंट का व्यवहार परिजनों के प्रति सहानुभूति पूर्वक था लेकिन जैसे धर्मेंद्र का जिक्र आया कमांडेंट का व्यवहार बदल गया.
ग्रामीण कर रहे न्याय की मांग
नेवी जवान सूरज कुमार दुबे के जिंदा जलाने के मामले में उनके पैतृक गांव के इलाके में ग्रामीणों के बीच आक्रोश है. ग्रामीण विवेकानंद दुबे ने बताया कि घटना के पीछे बड़ी साजिश है. आखिर चेन्नई से सूरज पालघर कैसे पहुंच गया. पूरे मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है. ग्रामीण बबलू दुबे बताते हैं कि सीबीआई जांच को लेकर आंदोलन किया जाएगा. फिलहाल कैंडल मार्च निकाल रहे हैं बाद में वे भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
शनिवार को पालघर के पुलिस अधीक्षक दत्तात्रे शिंदे ने कहा कि 31 जनवरी को चेन्नई हवाई अड्डे के बाहर दुबे का अपहरण कर लिया गया था और उन्हें पालघर के वीवाजी के जंगलों में ले जाया गया और आग लगा दी गई. उन्होंने कहा कि 'अपहरणकर्ताओं ने उन्हें रिहा करने के लिए 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी, लेकिन नौसेना के अधिकारी के परिवार द्वारा मांग पूरी नहीं की गई. इससे नाराज होकर, अपहरणकर्ताओं ने उन्हें जिंदा जला दिया और उसे जंगल में मरने के लिए छोड़ दिया.'
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शिंदे ने आगे कहा कि दुबे को शुक्रवार को पालघर के जंगलों में जली हुई हालत में पाया गया था जिसके बाद उन्हें दहानू के एक अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत बिगड़ गई. उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्हें आईएनएस अश्विनी में ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. महाराष्ट्र पुलिस ने तीन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ जांच शुरू कर दी है. गौरतलब है कि नौसेना अधिकारी सूरज दुबे झारखंड के पलामू जिले के रहने वाले थे.