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नौसेना को मिली पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी वगीर

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Published : Dec 20, 2022, 10:46 PM IST

भारतीय नौसेना की ताकत अब और बढ़ गई है, क्योंकि नौसेना को मंगलवार को पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी वगीर मिल गई है. इस पनडुब्बी की मदद से अब नौसेना समुद्री सीमाओं पर कड़ी निगरानी रख पाएगी.

scorpene submarine vagir
स्कॉर्पीन पनडुब्बी वगीर

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना को मंगलवार को पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी वगीर प्राप्त हुई, जिसे अगले महीने सेवा में शामिल करने की योजना है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस पनडुब्बी को सेवा में शामिल किये जाने से नौसेना की लड़ाकू क्षमता ऐसे वक्त में बढ़ने वाली है, जब चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है. नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, 'वगीर ने एक फरवरी से समुद्री परीक्षण शुरू किया था और यह बहुत गर्व की बात है कि उसने सभी महत्वपूर्ण परीक्षण पूरे कर लिये हैं.'

संबंधित विकास में, भारतीय नौसेना के लिए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर कॉर्वेट का पहला 'अर्नला' मंगलवार को चेन्नई में लॉन्च किया गया. भारतीय नौसेना के पिछवाड़े माने जाने वाले क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रयासों पर चिंताओं की पृष्ठभूमि में भारत हिंद महासागर पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. प्रोजेक्ट-75 में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का स्वदेशी निर्माण शामिल है.

पढ़ें: माकपा (माओवादी) कर रहा महिलाओं की भर्ती, पांच के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल : NIA

पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में किया जा रहा है. नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, 'पनडुब्बी निर्माण एक जटिल गतिविधि है, क्योंकि कठिनाई तब बढ़ जाती है, जब सभी उपकरणों को छोटा करने की आवश्यकता होती है और कड़े गुणवत्ता की आवश्यकताओं के अधीन होते हैं.'

(एक्स्ट्रा इनपुट- पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना को मंगलवार को पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी वगीर प्राप्त हुई, जिसे अगले महीने सेवा में शामिल करने की योजना है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस पनडुब्बी को सेवा में शामिल किये जाने से नौसेना की लड़ाकू क्षमता ऐसे वक्त में बढ़ने वाली है, जब चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है. नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, 'वगीर ने एक फरवरी से समुद्री परीक्षण शुरू किया था और यह बहुत गर्व की बात है कि उसने सभी महत्वपूर्ण परीक्षण पूरे कर लिये हैं.'

संबंधित विकास में, भारतीय नौसेना के लिए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर कॉर्वेट का पहला 'अर्नला' मंगलवार को चेन्नई में लॉन्च किया गया. भारतीय नौसेना के पिछवाड़े माने जाने वाले क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रयासों पर चिंताओं की पृष्ठभूमि में भारत हिंद महासागर पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. प्रोजेक्ट-75 में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का स्वदेशी निर्माण शामिल है.

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पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में किया जा रहा है. नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, 'पनडुब्बी निर्माण एक जटिल गतिविधि है, क्योंकि कठिनाई तब बढ़ जाती है, जब सभी उपकरणों को छोटा करने की आवश्यकता होती है और कड़े गुणवत्ता की आवश्यकताओं के अधीन होते हैं.'

(एक्स्ट्रा इनपुट- पीटीआई-भाषा)

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