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नाटो सम्मेलन : रूस के खिलाफ गठबंधन बलों को मजबूत करना प्रमुख प्राथमिकता

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Published : Jun 30, 2022, 7:01 AM IST

Updated : Jun 30, 2022, 12:28 PM IST

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेताओं ने कहा है कि पूर्वी यूरोप में गठबंधन के बलों को रूस के खिलाफ एक प्रतिरोध के रूप में मजबूत करना मैड्रिड शिखर सम्मेलन की एक प्रमुख प्राथमिकता है. ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि नाटो को पिछले कुछ महीनों से सबक लेने और पूर्वी हिस्से की अपनी स्थिति को संशोधित करने की आवश्यकता है.

NATO summit
नाटो सम्मेलन

नई दिल्ली/ मैड्रिड: उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेताओं ने कहा है कि पूर्वी यूरोप में गठबंधन के बलों को रूस के खिलाफ एक प्रतिरोध के रूप में मजबूत करना मैड्रिड शिखर सम्मेलन की एक प्रमुख प्राथमिकता है. ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि नाटो को पिछले कुछ महीनों से सबक लेने और पूर्वी हिस्से की अपनी स्थिति को संशोधित करने की आवश्यकता है. पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने कहा कि रूस के समीप स्थित सदस्यों के लिए अपने तीव्र प्रतिक्रिया बल को बढ़ाने की नाटो की प्रतिबद्धता से यूरोप 'सुरक्षित' होगा. उन्होंने कहा कि रूस, यूरोप के लिए एक खतरा है और न केवल यूरोप के लिए बल्कि पूरे नाटो के लिए खतरा है.

पढ़ें: फिनलैंड और स्वीडन नाटो की सदस्यता हासिल करने के लिए तैयार

नाटो ने कहा है कि वह पूर्वी हिस्से के लिए अपने तीव्र प्रतिक्रिया बल के तहत सैनिकों की संख्या 40,000 से बढ़ाकर 300,000 करेगा. पूर्वी हिस्से में यूक्रेन और बेलारूस के साथ लगती पोलैंड की सीमाएं शामिल हैं. बेलारूस रूस का सहयोगी देश है. बुधवार को शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में इस बात पर विचार किया जाएगा कि नाटो किस प्रकार यूक्रेन को और अधिक समर्थन दे सकता है. जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज ने कहा कि नाटो के सदस्य और अन्य देश जब तक जरूरी होगा, तब तक रूस के खिलाफ अपनी रक्षा के लिए यूक्रेन की क्षमता का समर्थन करते रहेंगे.

उन्होंने मैड्रिड में नाटो शिखर सम्मेलन की शुरुआत में कहा कि सैन्य गठबंधन और कई अन्य देश इस बात से सहमत हैं कि रूस ने जब 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया तो उसने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन किया. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि यहां एकत्र होने वाले देश, और कई अन्य देश वित्तीय साधनों, मानवीय सहायता के साथ-साथ यूक्रेन को तत्काल आवश्यकता वाले हथियार मुहैया करा कर योगदान दे रहे हैं.

पढ़ें: नाटो में स्वीडन व फिनलैंड का शामिल होना तुर्की के लिए खतरा : एर्दोआन

नाटो ने रूस को शांति, सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया : नाटो ने बुधवार को रूस को अपने सदस्यों की शांति एवं सुरक्षा के लिए 'सबसे बड़ा और सीधा खतरा' करार दिया. इसके साथ ही नाटो प्रमुख ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद गठबंधन सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती का सामना कर रहा है. तीस देशों के गठबंधन ने मैड्रिड में अपने शिखर सम्मेलन में रूस को नाटो देशों के लिए खतरा बताने वाली घोषणा की. नाटो की यह घोषणा इस बात को रेखांकित करती है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने शीतयुद्ध के बाद के यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था को नाटकीय रूप से कैसे प्रभावित किया है.

गठबंधन के नेताओं ने रूस के आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन के लिए 'राजनीतिक और व्यावहारिक समर्थन बढ़ाने' का वादा किया. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इससे पहले बुधवार को अपने देश की पूरी तरह से मदद नहीं करने को लेकर नाटो से नाराजगी जताई तथा रूस से लड़ने के लिए और अधिक हथियार मांगे. नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि गठबंधन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे गंभीर सुरक्षा संकट चुनौती का सामना कर रहा है. लेकिन गठबंधन को बड़ा सैन्य हिस्सा प्रदान करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि शिखर सम्मेलन से एक अचूक संदेश भेजेगा... कि नाटो मजबूत और एकजुट है. बाइडन ने कहा कि हम कदम बढ़ा रहे हैं. हम साबित कर रहे हैं कि नाटो की अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है.

नई दिल्ली/ मैड्रिड: उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेताओं ने कहा है कि पूर्वी यूरोप में गठबंधन के बलों को रूस के खिलाफ एक प्रतिरोध के रूप में मजबूत करना मैड्रिड शिखर सम्मेलन की एक प्रमुख प्राथमिकता है. ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि नाटो को पिछले कुछ महीनों से सबक लेने और पूर्वी हिस्से की अपनी स्थिति को संशोधित करने की आवश्यकता है. पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने कहा कि रूस के समीप स्थित सदस्यों के लिए अपने तीव्र प्रतिक्रिया बल को बढ़ाने की नाटो की प्रतिबद्धता से यूरोप 'सुरक्षित' होगा. उन्होंने कहा कि रूस, यूरोप के लिए एक खतरा है और न केवल यूरोप के लिए बल्कि पूरे नाटो के लिए खतरा है.

पढ़ें: फिनलैंड और स्वीडन नाटो की सदस्यता हासिल करने के लिए तैयार

नाटो ने कहा है कि वह पूर्वी हिस्से के लिए अपने तीव्र प्रतिक्रिया बल के तहत सैनिकों की संख्या 40,000 से बढ़ाकर 300,000 करेगा. पूर्वी हिस्से में यूक्रेन और बेलारूस के साथ लगती पोलैंड की सीमाएं शामिल हैं. बेलारूस रूस का सहयोगी देश है. बुधवार को शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में इस बात पर विचार किया जाएगा कि नाटो किस प्रकार यूक्रेन को और अधिक समर्थन दे सकता है. जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज ने कहा कि नाटो के सदस्य और अन्य देश जब तक जरूरी होगा, तब तक रूस के खिलाफ अपनी रक्षा के लिए यूक्रेन की क्षमता का समर्थन करते रहेंगे.

उन्होंने मैड्रिड में नाटो शिखर सम्मेलन की शुरुआत में कहा कि सैन्य गठबंधन और कई अन्य देश इस बात से सहमत हैं कि रूस ने जब 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया तो उसने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन किया. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि यहां एकत्र होने वाले देश, और कई अन्य देश वित्तीय साधनों, मानवीय सहायता के साथ-साथ यूक्रेन को तत्काल आवश्यकता वाले हथियार मुहैया करा कर योगदान दे रहे हैं.

पढ़ें: नाटो में स्वीडन व फिनलैंड का शामिल होना तुर्की के लिए खतरा : एर्दोआन

नाटो ने रूस को शांति, सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया : नाटो ने बुधवार को रूस को अपने सदस्यों की शांति एवं सुरक्षा के लिए 'सबसे बड़ा और सीधा खतरा' करार दिया. इसके साथ ही नाटो प्रमुख ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद गठबंधन सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती का सामना कर रहा है. तीस देशों के गठबंधन ने मैड्रिड में अपने शिखर सम्मेलन में रूस को नाटो देशों के लिए खतरा बताने वाली घोषणा की. नाटो की यह घोषणा इस बात को रेखांकित करती है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने शीतयुद्ध के बाद के यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था को नाटकीय रूप से कैसे प्रभावित किया है.

गठबंधन के नेताओं ने रूस के आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन के लिए 'राजनीतिक और व्यावहारिक समर्थन बढ़ाने' का वादा किया. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इससे पहले बुधवार को अपने देश की पूरी तरह से मदद नहीं करने को लेकर नाटो से नाराजगी जताई तथा रूस से लड़ने के लिए और अधिक हथियार मांगे. नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि गठबंधन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे गंभीर सुरक्षा संकट चुनौती का सामना कर रहा है. लेकिन गठबंधन को बड़ा सैन्य हिस्सा प्रदान करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि शिखर सम्मेलन से एक अचूक संदेश भेजेगा... कि नाटो मजबूत और एकजुट है. बाइडन ने कहा कि हम कदम बढ़ा रहे हैं. हम साबित कर रहे हैं कि नाटो की अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है.

Last Updated : Jun 30, 2022, 12:28 PM IST
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