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राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का पहला दिन, 10 लाख कर्मचारियों का समर्थन, बैंकिंग सेवाएं होंगी प्रभावित

केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में कर्मचारी संगठनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आज पहला दिन है. इसके चलते सोमवार और मंगलवार को देश भर में बैकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं. यूएफबीयू ने कहा है कि हड़ताल को लगभग 10 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों का समर्थन हासिल है.

राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल
राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल
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Published : Mar 15, 2021, 8:43 AM IST

Updated : Mar 15, 2021, 12:11 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आज पहला दिन है. हड़ताल के कारण जमा और निकासी, चेक क्लीयरेंस और ऋण स्वीकृति जैसी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं. नौ यूनियनों के सम्मिलित संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन (यूएफबीयू) ने एक बयान में दावा किया है कि बैंकों के लगभग 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग लेंगे. यूएफबीयू नौ बैंक यूनियनों का संयुक्त मंच है.

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित कई सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि यदि हड़ताल होती है, तो उनका सामान्य कामकाज शाखाओं और कार्यालयों में प्रभावित हो सकता है. बैंकों ने यह भी बताया कि वे बैंक शाखाओं और कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिये आवश्यक कदम उठा रहे हैं.

पढ़ें- मौत के 31 साल बाद वसीयत पर अमल, मामला न्याय प्रणाली की नाकामी : बॉम्बे हाईकोर्ट

गौरतलब है कि पिछले महीने पेश किए गये केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी.

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि चार, नौ और 10 मार्च को अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के साथ हुई बैठकें बेनतीजा रही अत: हड़ताल होगी.

यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक इम्प्लॉइज कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईसीआई) आदि शामिल हैं.

इंडियन नेशल बैंक एम्पलाईज फेडरेशन (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक आफिसर्स (एनओबीओ) भी हड़ताल में शामिल हैं.

पढ़ें- 2015 समझौते के दायरे में नगा मुद्दे का समाधान करे केंद्र : एनएससीएन-आईएम

14 बैंकों का विलय कर चुकी है सरकार
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा था. सरकार ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये बड़ी राशि जुटाने का प्रस्ताव किया है. सरकार इससे पहले आडीबीआई बैंक में अपनी अधिकांश की हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है. पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है.

बैंक अधिकारियों के राष्ट्रीय संगठन (NOBO) के महासचिव विराज टिकेकर ने कहा, हम सभी बैंक हड़ताल में शामिल हैं. बाकी सभी नौ संघ और यूनियन भी हड़ताल में भाग ले रही हैं. टिकेकर ने कहा कि दो दिन की हड़ताल में बैंक अधिकारियों, एआईबीओसी, एआईबीओए, आईएनओओसी और एनओबीओ के चार संघ सम्मलित हो रहे हैं.

पढ़ें- बंगाल में भाजपा खत्म करेगी तृणमूल कांग्रेस का 'सिंडिकेट राज' : स्वपन दासगुप्ता

ईटीवी भारत से बात करते हुए विराज टिकेकर ने बताया कि लगभग चार लाख बैंक अधिकारी और पांच लाख लिपिक कर्मचारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं. पहले भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) से संबद्ध बैंकिंग यूनियनों और बैंक अधिकारियों के संघों की भागीदारी के संकेत मिल रहे थे, जो भारतीय जनता पार्टी के मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध है. जैसा कि पहले ईटीवी भारत ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि बीएमएस के केंद्रीय कार्य समिति (केकेएस) ने पिछले महीने चेन्नई में आयोजित अपनी बैठक में केंद्र द्वारा शुरू किए गए निजीकरण अभियान का कड़ा विरोध करने का फैसला किया है.

वहीं, बीएमएस की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद ने केंद्र के निजीकरण अभियान के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) के तहत रेलवे सेवाओं के निजीकरण और रक्षा कारखानों के निगमीकरण शामिल हैं.

नई दिल्ली : राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आज पहला दिन है. हड़ताल के कारण जमा और निकासी, चेक क्लीयरेंस और ऋण स्वीकृति जैसी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं. नौ यूनियनों के सम्मिलित संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन (यूएफबीयू) ने एक बयान में दावा किया है कि बैंकों के लगभग 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग लेंगे. यूएफबीयू नौ बैंक यूनियनों का संयुक्त मंच है.

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित कई सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि यदि हड़ताल होती है, तो उनका सामान्य कामकाज शाखाओं और कार्यालयों में प्रभावित हो सकता है. बैंकों ने यह भी बताया कि वे बैंक शाखाओं और कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिये आवश्यक कदम उठा रहे हैं.

पढ़ें- मौत के 31 साल बाद वसीयत पर अमल, मामला न्याय प्रणाली की नाकामी : बॉम्बे हाईकोर्ट

गौरतलब है कि पिछले महीने पेश किए गये केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी.

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि चार, नौ और 10 मार्च को अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के साथ हुई बैठकें बेनतीजा रही अत: हड़ताल होगी.

यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक इम्प्लॉइज कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईसीआई) आदि शामिल हैं.

इंडियन नेशल बैंक एम्पलाईज फेडरेशन (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक आफिसर्स (एनओबीओ) भी हड़ताल में शामिल हैं.

पढ़ें- 2015 समझौते के दायरे में नगा मुद्दे का समाधान करे केंद्र : एनएससीएन-आईएम

14 बैंकों का विलय कर चुकी है सरकार
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा था. सरकार ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये बड़ी राशि जुटाने का प्रस्ताव किया है. सरकार इससे पहले आडीबीआई बैंक में अपनी अधिकांश की हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है. पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है.

बैंक अधिकारियों के राष्ट्रीय संगठन (NOBO) के महासचिव विराज टिकेकर ने कहा, हम सभी बैंक हड़ताल में शामिल हैं. बाकी सभी नौ संघ और यूनियन भी हड़ताल में भाग ले रही हैं. टिकेकर ने कहा कि दो दिन की हड़ताल में बैंक अधिकारियों, एआईबीओसी, एआईबीओए, आईएनओओसी और एनओबीओ के चार संघ सम्मलित हो रहे हैं.

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ईटीवी भारत से बात करते हुए विराज टिकेकर ने बताया कि लगभग चार लाख बैंक अधिकारी और पांच लाख लिपिक कर्मचारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं. पहले भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) से संबद्ध बैंकिंग यूनियनों और बैंक अधिकारियों के संघों की भागीदारी के संकेत मिल रहे थे, जो भारतीय जनता पार्टी के मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध है. जैसा कि पहले ईटीवी भारत ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि बीएमएस के केंद्रीय कार्य समिति (केकेएस) ने पिछले महीने चेन्नई में आयोजित अपनी बैठक में केंद्र द्वारा शुरू किए गए निजीकरण अभियान का कड़ा विरोध करने का फैसला किया है.

वहीं, बीएमएस की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद ने केंद्र के निजीकरण अभियान के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) के तहत रेलवे सेवाओं के निजीकरण और रक्षा कारखानों के निगमीकरण शामिल हैं.

Last Updated : Mar 15, 2021, 12:11 PM IST
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