नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर कहा कि, 'यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता दें.' चिकित्सक समुदाय की नि:स्वार्थ सेवा को लेकर प्रशंसा करते हुए मंडाविया ने कहा, 'हमारे डॉक्टर एवं मेडिकल पेशेवरों ने हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाई है. हर साल एक जुलाई को यह दिवस मनाना उनकी बड़ी भूमिका की मान्यता देने का ही एक प्रयास है.'
वह यहां लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे. मंडाविया ने कहा कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष से जुड़े 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत सरकार वरिष्ठ चिकित्सकों, जो 75 साल से अधिक उम्र के हैं, को उनके समर्पण एवं योगदान के लिए सम्मानित कर रही है. राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मशहूर डॉक्टर और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बिधानचंद्र राय के सम्मान में मनाया जाता है. उनकी जयंती और पुण्यतिथि एक जुलाई को ही पड़ती है.
चिकित्सक समुदाय से डॉ राय से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए मंडाविया ने कहा, 'अपने देश के स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता के तौर पर रखना हमारा पुनीत कर्तव्य है.' उन्होंने कहा, 'हमारे देश में स्वास्थ्य को सेवा के रूप में देखा जाता है, और हमारे चिकित्सा पेशेवरों ने अथक एवं नि:स्वार्थ काम कर सेवाभाव एवं सेवा परमो धर्म:' की हमारे देश की परंपरा का पालन किया है. यह एकमात्र वजह है कि हमारे कोविड योद्धाओं ने आगे आकर नि:स्वार्थ भावना के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्र सदैव पहले आना चाहिए. हमें अपने सेवा भाव को बनाए रखना चाहिए, केवल तभी हम समृद्ध भारत का निर्माण कर पायेंगे.'
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मंडाविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत जेनेरिक दवा का दुनिया का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है जो दुनियाभर में जेनेरिक दवा की आपूर्ति का 20 प्रतिशत हिस्सा है. उन्होंने कहा कि कोविड 19 महामारी के दौरान, भारत ने 150 देशों को सुलभ और सस्ते टीके वितरित किए हैं. इतने सारे देशों में टीके और अन्य जेनेरिक दवाएं वितरित करते हुए, हमने कभी भी गुणवत्ता और मानकों के साथ समझौता नहीं किया है. और तो और हमने कभी नकली या घटिया दवाओं की डिलीवरी नहीं भी की. इसके परिणामस्वरूप भारत ने वैश्विक ख्याति अर्जित की है.