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राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष ने की मांग, बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को दें मुफ्त राशन

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Published : Jan 12, 2022, 5:39 PM IST

Updated : Jan 12, 2022, 6:54 PM IST

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष के.एन. त्रिपाठी (National Labor Congress President K.N. Tripathi) ने कहा कि वह अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ पीयूष गोयल (K.N. Tripathi will meet union minister piyus goyal) एवं केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर प्रवासी मजदूरों के हित से संबंधित ज्ञापन उन्हें सौंपेंगे. उन्होंने उम्मीद जतायी कि केंद्र सरकार उनकी मांग को जल्द से जल्द पूरा करेगी.

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष के.एन. त्रिपाठी
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष के.एन. त्रिपाठी

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष के.एन. त्रिपाठी (National Labor Congress President K.N. Tripathi) ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है. संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके मद्देनजर पाबंदियां लगायी जा रही हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी मजदूर (corona third wave effect on migrant laborers) हो रहे हैं. कल-कारखानों में उनकी संख्या कम की जा रही है या तो कामकाज बंद हो रहा है.

मजदूर नेता त्रिपाठी ने यहां एक वीडियो जारी कर केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल से प्रवासी मजदूरों को एक साल तक मुफ्त राशन देने की मांग (Demand to provide free ration to migrant laborers) की है. उन्होंने कहा कि देश लॉकडाउन की तरफ बढ़ रहा है. प्रवासी मजदूर अपने राज्यों को लौटने पर मजबूर हो रहे हैं. कोरोना में मजदूरों के सामने अन्न का संकट (Food crisis for laborers during Corona) पैदा न हो इसलिए बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को एक साल तक मुफ्त राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करायी जाए. बिना राशनकार्ड वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या करीब सात करोड़ है.

उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ पीयूष गोयल एवं केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर इस संबंध में ज्ञापन उन्हें सौंपेंगे. उन्होंने उम्मीद जतायी कि केंद्र सरकार उनकी मांग को जल्द से जल्द पूरा करेगी.

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष केएन त्रिपाठी का बयान

बता दें कि गरीबों के समाने अनाज का संकट न हो इसलिए केंद्र सरकार ने साल 2020 में कोरोना की पहली लहर एवं देश में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए अन्न की व्यवस्था करायी थी. सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के 80 करोड़ लाभार्थियों को अलग से मुफ्त में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत पांच किलो खाद्यान्न गेहूं-चावल प्रति माह प्रति व्यक्ति के हिसाब से देने का ऐलान किया और उसे पूरा किया. अप्रैल से नवंबर 2020 तक PMGKAY योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को ये लाभ मिला, लेकिन केवल राशनकार्ड धारकों को ही मुफ्त अनाज मिला.

वर्ष 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मुफ्त अनाज देने की योजना PMGKAY को दोबारा शुरू किया गया. यह योजना 31 मार्च, 2022 तक चलेगी. लेकिन, मुफ्त राशन का लाभ लेने से बिना राशन कार्ड वाले लोग वंचित रह गए. केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, मई से नंवबर 2021 के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को PMGKAY के तहत 278 LMT खाद्यान्न मुफ्त में वितरण के लिए आवंटित किया गया है. अप्रैल से नंवबर 2020 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को PMGKAY के तहत मुफ्त वितरण के लिए 322 LMT अनाज का आवंटन किया गया था.

पढ़ें : रैली की असफलता छिपाने के लिए प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का हो रहा नाटक : संयुक्त किसान मोर्चा

PMGKAY के शुरू होने से लेकर अबतक 75987138.23 MT खाद्यान्न राशन कार्ड धारकों के बीच मुफ्त वितरण के लिए राज्यों व केंद्रीय शासित प्रदेशों को केंद्र सरकार की तरफ से आवंटित किया जा चुका है. जानकारी के अनुसार, इसमें से अबतक 54931788.00 MT से ज्यादा खाद्यान्न राज्यों व केंद्रीय शासित प्रदेशों द्वारा गरीबों में बांटे जा चुके हैं.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष के.एन. त्रिपाठी (National Labor Congress President K.N. Tripathi) ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है. संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके मद्देनजर पाबंदियां लगायी जा रही हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी मजदूर (corona third wave effect on migrant laborers) हो रहे हैं. कल-कारखानों में उनकी संख्या कम की जा रही है या तो कामकाज बंद हो रहा है.

मजदूर नेता त्रिपाठी ने यहां एक वीडियो जारी कर केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल से प्रवासी मजदूरों को एक साल तक मुफ्त राशन देने की मांग (Demand to provide free ration to migrant laborers) की है. उन्होंने कहा कि देश लॉकडाउन की तरफ बढ़ रहा है. प्रवासी मजदूर अपने राज्यों को लौटने पर मजबूर हो रहे हैं. कोरोना में मजदूरों के सामने अन्न का संकट (Food crisis for laborers during Corona) पैदा न हो इसलिए बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को एक साल तक मुफ्त राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करायी जाए. बिना राशनकार्ड वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या करीब सात करोड़ है.

उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ पीयूष गोयल एवं केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर इस संबंध में ज्ञापन उन्हें सौंपेंगे. उन्होंने उम्मीद जतायी कि केंद्र सरकार उनकी मांग को जल्द से जल्द पूरा करेगी.

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष केएन त्रिपाठी का बयान

बता दें कि गरीबों के समाने अनाज का संकट न हो इसलिए केंद्र सरकार ने साल 2020 में कोरोना की पहली लहर एवं देश में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए अन्न की व्यवस्था करायी थी. सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के 80 करोड़ लाभार्थियों को अलग से मुफ्त में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत पांच किलो खाद्यान्न गेहूं-चावल प्रति माह प्रति व्यक्ति के हिसाब से देने का ऐलान किया और उसे पूरा किया. अप्रैल से नवंबर 2020 तक PMGKAY योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को ये लाभ मिला, लेकिन केवल राशनकार्ड धारकों को ही मुफ्त अनाज मिला.

वर्ष 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मुफ्त अनाज देने की योजना PMGKAY को दोबारा शुरू किया गया. यह योजना 31 मार्च, 2022 तक चलेगी. लेकिन, मुफ्त राशन का लाभ लेने से बिना राशन कार्ड वाले लोग वंचित रह गए. केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, मई से नंवबर 2021 के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को PMGKAY के तहत 278 LMT खाद्यान्न मुफ्त में वितरण के लिए आवंटित किया गया है. अप्रैल से नंवबर 2020 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को PMGKAY के तहत मुफ्त वितरण के लिए 322 LMT अनाज का आवंटन किया गया था.

पढ़ें : रैली की असफलता छिपाने के लिए प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का हो रहा नाटक : संयुक्त किसान मोर्चा

PMGKAY के शुरू होने से लेकर अबतक 75987138.23 MT खाद्यान्न राशन कार्ड धारकों के बीच मुफ्त वितरण के लिए राज्यों व केंद्रीय शासित प्रदेशों को केंद्र सरकार की तरफ से आवंटित किया जा चुका है. जानकारी के अनुसार, इसमें से अबतक 54931788.00 MT से ज्यादा खाद्यान्न राज्यों व केंद्रीय शासित प्रदेशों द्वारा गरीबों में बांटे जा चुके हैं.

Last Updated : Jan 12, 2022, 6:54 PM IST

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