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सेप्टिक टैंक में चार श्रमिकों की मौत मामला: मानव अधिकार आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजा नोटिस - झज्जर में सेप्टिंक टैंक में श्रमिकों की मौत

सेप्टिंक टैंक में पानी निकासी के लिए पाइप लगाते वक्त हरियाणा के झज्जर जिले में चार श्रमिकों की मौत हो गई थी. इस मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने हरियाणा में मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस दिया है.

sanitation workers death in jhajjar
sanitation workers death in jhajjar
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Published : Apr 7, 2023, 2:24 PM IST

चंडीगढ़: झज्जर के बहादुरगढ़ में 4 अप्रैल को 4 श्रमिकों की मौत हो गई थी. सेप्टिंक टैंक में पानी निकासी के लिए पाइप लगाते वक्त चारों श्रमिक जहरीली गैस की चपेट में आ गए थे. इस मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स पर स्वत: संज्ञान लिया. जिसके बाद आयोग ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव संजीव कौशल और पुलिस महानिदेशक को 6 सप्ताह के भीतर इस घटना की रिपोर्ट मांगी है. कथित तौर पर इस घटना में श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए थे.

नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस मामले में अधिकारियों की लापरवाही हो सकती है. जिसकी वजह से चार श्रमिकों की मौत हुई है. आयोग ने कहा कि इस तरह की घटना से संबंधित अधिकारियों को वो अपने उत्तरदायित्व से छुटकारा पाने की अनुमति नहीं दे सकता. आयोग ने कहा कि हरियाणा सरकार की रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को दी गई राहत के बारे में सूचित करें. इनमें जागरूकता फैलाने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के बहादुरगढ़ में जहरीली गैस की चपेट में आने से 4 श्रमिकों की मौत, सेप्टिक टैंक में पाइप लगाने के दौरान हादसा

बताया जा रहा है कि बहादुरगढ़ में सेप्टिक टैंक में पाइप लगाने वाले श्रमिकों के पास कोई सुरक्षा उपकरण नहीं था. जिसकी वजह से चार श्रमिकों की मौत हो गई. जानकारी के अनुसार, पहले महेंद्र नाम का श्रमिक पाइप लगाने के लिए सेप्टिक टैंक में गया. सेप्टिक टैंक में जाते ही महेंद्र जहरीली गैस की चपेट में आने से बेहोश हो गया. उसे बचाने के लिए दीपक नाम का श्रमिक सेप्टिक टैंक में गया. इसी तरह दीपक और महेंद्र को बचाने के लिए बाकी दो श्रमिक भी सेप्टिक टैंक में चले गए. चारों ही फिर बाहर नहीं आए.

चंडीगढ़: झज्जर के बहादुरगढ़ में 4 अप्रैल को 4 श्रमिकों की मौत हो गई थी. सेप्टिंक टैंक में पानी निकासी के लिए पाइप लगाते वक्त चारों श्रमिक जहरीली गैस की चपेट में आ गए थे. इस मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स पर स्वत: संज्ञान लिया. जिसके बाद आयोग ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव संजीव कौशल और पुलिस महानिदेशक को 6 सप्ताह के भीतर इस घटना की रिपोर्ट मांगी है. कथित तौर पर इस घटना में श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए थे.

नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस मामले में अधिकारियों की लापरवाही हो सकती है. जिसकी वजह से चार श्रमिकों की मौत हुई है. आयोग ने कहा कि इस तरह की घटना से संबंधित अधिकारियों को वो अपने उत्तरदायित्व से छुटकारा पाने की अनुमति नहीं दे सकता. आयोग ने कहा कि हरियाणा सरकार की रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को दी गई राहत के बारे में सूचित करें. इनमें जागरूकता फैलाने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी होनी चाहिए.

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बताया जा रहा है कि बहादुरगढ़ में सेप्टिक टैंक में पाइप लगाने वाले श्रमिकों के पास कोई सुरक्षा उपकरण नहीं था. जिसकी वजह से चार श्रमिकों की मौत हो गई. जानकारी के अनुसार, पहले महेंद्र नाम का श्रमिक पाइप लगाने के लिए सेप्टिक टैंक में गया. सेप्टिक टैंक में जाते ही महेंद्र जहरीली गैस की चपेट में आने से बेहोश हो गया. उसे बचाने के लिए दीपक नाम का श्रमिक सेप्टिक टैंक में गया. इसी तरह दीपक और महेंद्र को बचाने के लिए बाकी दो श्रमिक भी सेप्टिक टैंक में चले गए. चारों ही फिर बाहर नहीं आए.

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