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जानें, नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की क्या है खासियत

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Published : Jul 14, 2021, 10:13 PM IST

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (National Digital Health Mission- NDHM) का उद्देश्य एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य ढांचे का विकास करना है. जुलाई 2019 में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का ब्लूप्रिंट जारी किया था. आम जनता सहित विभिन्न हितधारकों से इस ब्लूप्रिंट पर कमेंट्स भी मांगे गए हैं. जानिए, इस ब्लूप्रिंट की विशेषताएं तथा आम भारतीय को इससे मिलने वाले फायदों के बारे में.

नेशनल डिजिटल स्वास्थ्य ब्लूप्रिं
नेशनल डिजिटल स्वास्थ्य ब्लूप्रिं

हैदराबाद : जुलाई 2019, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) की ओर से पब्लिक डोमेन में नेशनल डिजिटल हेल्थ ब्लूप्रिंट (National Digital Health Blueprint-NDHB) जारी किया गया. 15 अगस्त 2020 के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के शुभारंभ की घोषणा की, जिसके तहत प्रत्येक भारतीय अपना मेडिकल रिकॉर्ड को संग्रहीत कर सकता है.

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य ब्लूप्रिंट क्या है?

यह नेशनल डिजिटल स्वास्थ्य ब्लूप्रिंट 2017 का राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (National Health Policy-NHP) का विस्तारित रूप है. इसे उच्च दक्षता और प्रभावशीलता (higher efficiency and effectiveness) की प्राप्ति के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के आधार पर भारत के सभी नागरिकों को सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा (universal healthcare) प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था.

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (National Digital Health Mission- NDHM) का उद्देश्य देश के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य ढांचे का समर्थन करने के लिए आवश्यक रीढ़ की हड्डी विकसित करना है.

यह डिजिटल राजमार्गों के माध्यम से हेल्थकेयर पारिस्थितिकी तंत्र (Healthcare ecosystem) के विभिन्न हितधारकों के बीच मौजूदा अंतर को कम करेगा.

NDHB में निर्धारित मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार सरकार द्वारा NDHM की रूपरेखा, विकसित, नियोजित, संचालित और अनुरक्षित की गई थी.

NDHB के उद्देश्य

यह NHP 2017 के विजन और स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित SDG के अनुरूप है. इसमे शामिल है :

  • मूल डिजिटल स्वास्थ्य डेटा और बुनियादी ढांचे की स्थापना और प्रबंधन
  • इसके निर्बाध आदान-प्रदान के लिए आवश्यक राष्ट्रीय डिजिटल (National Digital) में सभी लोगों द्वारा खुले मानकों को अपनाने को बढ़ावा देना
  • स्वास्थ्य से लेकर रोग प्रबंधन तक पूरे क्षेत्र में फैले कई डिजिटल स्वास्थ्य प्रणालियों (multiple digital health systems) के विकास में स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र (Health Ecosystem)
  • अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स (Electronic Health Records) की एक प्रणाली बनाना, जो नागरिकों की सहमति के आधार पर लोगों तथा सेवा प्रदाताओं के लिए आसानी से उपबल्ध है.
  • रोगी अपने ईएचआर का मालिक बने, इसलिए डेटा स्वामित्व के लिए मार्ग तैयार करना और स्वास्थ्य सुविधाएं और सरकारी संस्थाएं रोगी की ओर से डेटा को भरोसे में रखती हैं.
  • दृष्टि को साकार करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (the states and union territories) के साथ काम करते हुए सहकारी संघवाद (cooperative federalism) के सर्वोत्तम सिद्धांतों का पालन करना.
  • स्वास्थ्य डेटा विश्लेषण (health data analytics) और चिकित्सा अनुसंधान (medical research) को बढ़ावा देना.
  • सभी स्तरों पर शासन की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाना.
  • स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना.
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में पहले से मौजूद सूचना प्रणालियों का लाभ उठाना.

NDHB द्वारा अनुशंसित तरीके और उपकरण

स्वास्थ्य और आईटी डोमेन (health and IT domains) में स्थापित विधियों को अपनाने से ब्लूप्रिंट का व्यवस्थित कार्यान्वयन संभव होगा. NDHB द्वारा निम्नलिखित विधियों की सिफारिश की गई है :

  • संघीय वास्तुकला (Federated architecture)
  • विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी (Unique Health Id- UHID)
  • इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (Electronic Health Records- EHR)
  • मेटाडेटा और डेटा मानक (Metadata & Data Standards-MDDS)
  • स्वास्थ्य सूचना विज्ञान मानक (Health informatics standards)
  • एनसीडी के लिए रजिस्ट्रियां (Registries for NCDs)
  • प्रदाताओं, पेशेवरों और पैरा-मेडिकल्स की डिरेक्टोरी (Directories of providers, professionals and para-medicals)
  • गोपनीयता और सुरक्षा पर ध्यान देने के साथ डेटा प्रबंधन पर कानून और विनियम
  • डेटा विश्लेषण

कोविड-19 (Covid-19) के दौरान NDHB की भूमिका

भारत को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के प्रबंधन के लिए एक विश्वसनीय और किफायती ढांचे की अत्यंत आवश्यकता है.

कोरोनावायरस (coronavirus) के कारण वर्तमान चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जो एक स्पष्ट अनुस्मारक है कि एक राष्ट्र की स्थिरता और विकास के लिए एक मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा अनिवार्य है.

पढ़ें : गुजरात कांग्रेस के नेता वेणुगोपाल से मिले, PCC प्रमुख व प्रभारी की नियुक्ति की मांग

हालांकि, महामारी (pandemic) ने भारत के व्यापार विकास को धीमा कर दिया है.

विकास को बढ़ावा देने के लिए, एक स्वस्थ कार्यबल सुनिश्चित करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में सुधार करने और सबसे महत्वपूर्ण रूप से सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य संसाधनों को एकीकृत करने वाली पहलों को परिचय और लागू करने की भारत को आवश्यकता है.

जुलाई 2019 में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सार्वजनिक डोमेन में नेशनल डिजिटल स्वास्थ्य ब्लूप्रिंट जारी किया और आम जनता सहित विभिन्न हितधारकों से कमेंट्स मांगी गई.

इस ब्लूप्रिंट का उद्देश्य मूल डिजिटल स्वास्थ्य तथ्य का पता लगाना और प्रबंधन करना है और इसके निरंतर आदान-प्रदान के लिए आवश्यक उपयुक्त बुनियादी ढांचा प्रदान करना है.

भारतीय स्वास्थ्य सेवा (Indian healthcare) का यह विकास राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र (National Digital Health ecosystem) में सभी हितधारकों द्वारा खुले मानकों के कार्यान्वयन का समर्थन कर प्राप्त किया जा सकता है.

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की वर्तमान स्थिति

21 जनवरी 2021 तक 6,30,478 स्वास्थ्य पहचानपत्र तैयार किए जा चुके हैं. NDHM के लिए विक्रेताओं का चयन सरकार के विभिन्न लागू नियमों और नीतियों के अनुरूप है.

सरकार ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालन के विस्तार में तेजी लाने का फैसला किया है, जिसमें एक यूनिफाईड हेल्थ इंटरफेस (unified health interface-UHI) शामिल है. यह लोगों को ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श और बुकिंग सहित कई स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध करता है.

आज तक लाभान्वित

देश की 'आत्मनिर्भर भारत' (Atmanirbhar Bharat) की भावना जिसके परिणामस्वरूप कोविड-19 के बीच आत्मनिर्भरता की प्राप्ति हुई है.

देश अब पीपीई किट, एन95 मास्क, वेंटिलेटर आदि का उत्पादन कर रहा है, जिनका निर्माण घरेलू स्तर पर नहीं हो रहा था.

इस तरह की विश्व स्तरीय वस्तुओं की उत्पादन क्षमता में वृद्धि पीएम मोदी द्वारा उल्लिखित "लोकल फॉर वोलक" (vocal for local) में गुजने लगी.

देशभर में 1400 से ज्यादा लैब में एक दिन में सात लाख से ज्यादा परीक्षण जारी है. एमबीबीएस और एमडी कोर्स (MBBS and MD courses) में 45,000 से ज्यादा सीटें जोड़ी गईं हैं.

हैदराबाद : जुलाई 2019, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) की ओर से पब्लिक डोमेन में नेशनल डिजिटल हेल्थ ब्लूप्रिंट (National Digital Health Blueprint-NDHB) जारी किया गया. 15 अगस्त 2020 के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के शुभारंभ की घोषणा की, जिसके तहत प्रत्येक भारतीय अपना मेडिकल रिकॉर्ड को संग्रहीत कर सकता है.

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य ब्लूप्रिंट क्या है?

यह नेशनल डिजिटल स्वास्थ्य ब्लूप्रिंट 2017 का राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (National Health Policy-NHP) का विस्तारित रूप है. इसे उच्च दक्षता और प्रभावशीलता (higher efficiency and effectiveness) की प्राप्ति के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के आधार पर भारत के सभी नागरिकों को सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा (universal healthcare) प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था.

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (National Digital Health Mission- NDHM) का उद्देश्य देश के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य ढांचे का समर्थन करने के लिए आवश्यक रीढ़ की हड्डी विकसित करना है.

यह डिजिटल राजमार्गों के माध्यम से हेल्थकेयर पारिस्थितिकी तंत्र (Healthcare ecosystem) के विभिन्न हितधारकों के बीच मौजूदा अंतर को कम करेगा.

NDHB में निर्धारित मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार सरकार द्वारा NDHM की रूपरेखा, विकसित, नियोजित, संचालित और अनुरक्षित की गई थी.

NDHB के उद्देश्य

यह NHP 2017 के विजन और स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित SDG के अनुरूप है. इसमे शामिल है :

  • मूल डिजिटल स्वास्थ्य डेटा और बुनियादी ढांचे की स्थापना और प्रबंधन
  • इसके निर्बाध आदान-प्रदान के लिए आवश्यक राष्ट्रीय डिजिटल (National Digital) में सभी लोगों द्वारा खुले मानकों को अपनाने को बढ़ावा देना
  • स्वास्थ्य से लेकर रोग प्रबंधन तक पूरे क्षेत्र में फैले कई डिजिटल स्वास्थ्य प्रणालियों (multiple digital health systems) के विकास में स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र (Health Ecosystem)
  • अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स (Electronic Health Records) की एक प्रणाली बनाना, जो नागरिकों की सहमति के आधार पर लोगों तथा सेवा प्रदाताओं के लिए आसानी से उपबल्ध है.
  • रोगी अपने ईएचआर का मालिक बने, इसलिए डेटा स्वामित्व के लिए मार्ग तैयार करना और स्वास्थ्य सुविधाएं और सरकारी संस्थाएं रोगी की ओर से डेटा को भरोसे में रखती हैं.
  • दृष्टि को साकार करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (the states and union territories) के साथ काम करते हुए सहकारी संघवाद (cooperative federalism) के सर्वोत्तम सिद्धांतों का पालन करना.
  • स्वास्थ्य डेटा विश्लेषण (health data analytics) और चिकित्सा अनुसंधान (medical research) को बढ़ावा देना.
  • सभी स्तरों पर शासन की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाना.
  • स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना.
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में पहले से मौजूद सूचना प्रणालियों का लाभ उठाना.

NDHB द्वारा अनुशंसित तरीके और उपकरण

स्वास्थ्य और आईटी डोमेन (health and IT domains) में स्थापित विधियों को अपनाने से ब्लूप्रिंट का व्यवस्थित कार्यान्वयन संभव होगा. NDHB द्वारा निम्नलिखित विधियों की सिफारिश की गई है :

  • संघीय वास्तुकला (Federated architecture)
  • विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी (Unique Health Id- UHID)
  • इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (Electronic Health Records- EHR)
  • मेटाडेटा और डेटा मानक (Metadata & Data Standards-MDDS)
  • स्वास्थ्य सूचना विज्ञान मानक (Health informatics standards)
  • एनसीडी के लिए रजिस्ट्रियां (Registries for NCDs)
  • प्रदाताओं, पेशेवरों और पैरा-मेडिकल्स की डिरेक्टोरी (Directories of providers, professionals and para-medicals)
  • गोपनीयता और सुरक्षा पर ध्यान देने के साथ डेटा प्रबंधन पर कानून और विनियम
  • डेटा विश्लेषण

कोविड-19 (Covid-19) के दौरान NDHB की भूमिका

भारत को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के प्रबंधन के लिए एक विश्वसनीय और किफायती ढांचे की अत्यंत आवश्यकता है.

कोरोनावायरस (coronavirus) के कारण वर्तमान चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जो एक स्पष्ट अनुस्मारक है कि एक राष्ट्र की स्थिरता और विकास के लिए एक मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा अनिवार्य है.

पढ़ें : गुजरात कांग्रेस के नेता वेणुगोपाल से मिले, PCC प्रमुख व प्रभारी की नियुक्ति की मांग

हालांकि, महामारी (pandemic) ने भारत के व्यापार विकास को धीमा कर दिया है.

विकास को बढ़ावा देने के लिए, एक स्वस्थ कार्यबल सुनिश्चित करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में सुधार करने और सबसे महत्वपूर्ण रूप से सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य संसाधनों को एकीकृत करने वाली पहलों को परिचय और लागू करने की भारत को आवश्यकता है.

जुलाई 2019 में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सार्वजनिक डोमेन में नेशनल डिजिटल स्वास्थ्य ब्लूप्रिंट जारी किया और आम जनता सहित विभिन्न हितधारकों से कमेंट्स मांगी गई.

इस ब्लूप्रिंट का उद्देश्य मूल डिजिटल स्वास्थ्य तथ्य का पता लगाना और प्रबंधन करना है और इसके निरंतर आदान-प्रदान के लिए आवश्यक उपयुक्त बुनियादी ढांचा प्रदान करना है.

भारतीय स्वास्थ्य सेवा (Indian healthcare) का यह विकास राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र (National Digital Health ecosystem) में सभी हितधारकों द्वारा खुले मानकों के कार्यान्वयन का समर्थन कर प्राप्त किया जा सकता है.

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की वर्तमान स्थिति

21 जनवरी 2021 तक 6,30,478 स्वास्थ्य पहचानपत्र तैयार किए जा चुके हैं. NDHM के लिए विक्रेताओं का चयन सरकार के विभिन्न लागू नियमों और नीतियों के अनुरूप है.

सरकार ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालन के विस्तार में तेजी लाने का फैसला किया है, जिसमें एक यूनिफाईड हेल्थ इंटरफेस (unified health interface-UHI) शामिल है. यह लोगों को ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श और बुकिंग सहित कई स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध करता है.

आज तक लाभान्वित

देश की 'आत्मनिर्भर भारत' (Atmanirbhar Bharat) की भावना जिसके परिणामस्वरूप कोविड-19 के बीच आत्मनिर्भरता की प्राप्ति हुई है.

देश अब पीपीई किट, एन95 मास्क, वेंटिलेटर आदि का उत्पादन कर रहा है, जिनका निर्माण घरेलू स्तर पर नहीं हो रहा था.

इस तरह की विश्व स्तरीय वस्तुओं की उत्पादन क्षमता में वृद्धि पीएम मोदी द्वारा उल्लिखित "लोकल फॉर वोलक" (vocal for local) में गुजने लगी.

देशभर में 1400 से ज्यादा लैब में एक दिन में सात लाख से ज्यादा परीक्षण जारी है. एमबीबीएस और एमडी कोर्स (MBBS and MD courses) में 45,000 से ज्यादा सीटें जोड़ी गईं हैं.

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