जम्मू : वोटबैंक की खातिर कथित ध्रुवीकरण की कोशिश की आलोचना करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा पर परोक्ष प्रहार किया और कहा कि वह गद्दार नहीं बल्कि सच्चे राष्ट्रवादी हैं जो देश के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का मुकुट है जिसे देश की सुरक्षा के लिए बचाकर रखने की जरूरत है. उन्होंने अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने तथा पिछले राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के अगस्त 2019 के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया.
अब्दुल्ला ने सांबा जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया , 'हमने पाकिस्तान के साथ हाथ नहीं मिलाया या उसकी तारीफ में नारे नहीं लगाए. हम महात्मा गांधी के भारत के साथ गये और हमें इस बात पर गर्व है कि भारत हमारा घर है. हमारे देश के अंदर ही दुश्मनों ने झूठ फैलाकर हमें कमजोर करने की कोशिश की क्योंकि यह नेशनल कांफ्रेंस ही थी जिसने जम्मू कश्मीर के भारत के साथ विलय में अहम भूमिका निभायी.' उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस के विरुद्ध साजिशें अब भी जारी है लेकिन 'मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमने देश के लिए कई कुर्बानियां दी हैं क्योंकि हमने (आतंकवादी हमलों में) हजारों कार्यकर्ता एवं मंत्री गंवाए हैं.'
उन्होंने कहा, 'हमें दृढ़संकल्प के साथ उनका मुकाबला करना है और उनके दुष्प्रचार को गलत साबित करना है. हम गद्दार नहीं हैं क्योंकि हमने इस देश की खातिर कई कुर्बानियां दी हैं. जीवन के आखिरी सांस तक मैं अपने देश के लिए कोई भी कुर्बानी दूंगा.' अब्दुल्ला ने कहा कि देश के लिए सर्वस्व समर्पण के बाद भी उन्हें गद्दार बताने वाले लोग उन लोगों के साथ खड़े हैं जो पहले पाकिस्तान के पक्ष में खड़े थे. उन्होंने कहा, 'जिन चोरों का पाकिस्तान ने साथ दिया, उन्होंने पाला बदल लिया एवं वे (सरकार) उनका हाथ पकड़कर घूम रहे हैं। यह उनकी स्थिति है.' हालांकि उन्होंने अलगाववादी से मुख्यधारा के नेता बने लोगों के नाम नहीं लिये जिनपर भाजपा के करीबी होने का आरोप है.
अब्दुल्ला ने कहा, 'जम्मू कश्मीर उसके लोगों का है। जब अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी बनाया गया तब उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद एवं अलगाववाद का सफाया करने के लिए है... नेशनल कांफ्रेंस ने जब 1996 में सरकार बनायी थी तब उसने आतंकवाद का मुकाबला किया था और हमारे कार्यकर्ताओं एवं नेताओं की (आतंकवादियों ने) हत्या कर दी क्योंकि हम भारत के साथ खड़े थे. वे (भाजपा एवं कांग्रेस) तब कहीं नहीं थे.' अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने दावा किया था कि अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाये जाने से आतंकवाद एवं अलगाववाद खत्म हो गया. उन्होंने कहा, 'यदि यह सच्चाई है तो कश्मीरी पंडित फिर घाटी क्यों छोड़ रहे हैं और वे वहां क्यों नहीं ठहर सकते. मेरे शासनकाल में मेरे पास इतनी अधिक सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ एवं केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल नहीं थे। (अब) वे सब जगह हैं, फिर भी खतरा है.'
ये भी पढ़ें - अगला विधानसभा चुनाव लड़ूंगा : फारूक अब्दुल्ला
(पीटीआई-भाषा)