गुरदासपुर : टोक्यो ओलंपिक के पदक विजेताओं को जहां पंजाब सरकार और केंद्र सरकार की ओर से भारी-भरकम इनामों से नवाजा जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ कई खिलाड़ी जरूरी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ऐसा ही एक मामला पंजाब के बटाला के पास प्रतापगढ़ गांव में सामने आया है. यहां की राष्ट्रीय एथलीट नवदीप कौर भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भी दयनीय स्थिति में रहने काे मजबूर है.
नवदीप कौर ने अंडर-14 और अंडर-17 के खेलो में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा राष्ट्रीय खेलों में रजत पदक और राज्य स्तरीय खेलों में कई पुरस्कार भी जीते हैं. वर्तमान में नवदीप के परिवार की हालत ठीक नहीं है. इससे पंजाब सरकार द्वारा खिलाड़ियों की हर संभव मदद करने का दावा जमीनी स्तर पर झूठा लगता है.
अंडर-14 और अंडर-17 भारोत्तोलन में जीत चुकी हैं पदक
इस संबंध में राष्ट्रीय खिलाड़ी नवदीप कौर ने बताया कि वह गांव प्रतापगढ़ की रहने वाली हैं. उन्होंने खेलो इंडिया गेम्स में अंडर -14 और अंडर -17 भारोत्तोलन में स्वर्ण और रजत पदक जीते हैं. इसके अलावा वह अभी भी जिला स्तरीय खेलों में भाग ले रही हैं. उनका कहना है कि कड़ी मेहनत के बावजूद, वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं, क्योंकि उनकी खेल की जरूरतों के अलावा घरेलू आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा रहा है.
पिता हैं बीमार, मां संभालती हैं घर
उन्होंने बताया कि उनके पिता लंबे समय से बिस्तर पर हैं. इस वजह से वे कमा नहीं सकते, जिस कारण उनकी मां को घर संभालना पड़ता है. नवदीप ने कहा कि उनके घर की छत पहले ही गिर चुकी थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह उसे ठीक नहीं कर पाईं. नवदीप ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में विभिन्न एथलीटों के अच्छे प्रदर्शन को देखकर उनमें भी खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने और आगे बढ़ने का साहस भी मिला है. उन्होंने सरकार से मदद की अपील करते हुए कहा कि सरकार जरूरतमंद और छोटे वर्ग के खिलाड़ियों की भी मदद करे ताकि वे आगे बढ़ सकें.
सरकार ऐसे खिलाड़ियों को सुविधाएं दे : जगदीप
वहीं नवदीप की मां और उनके मामा जगदीप ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी के राष्ट्रीय खिलाड़ी होने पर बहुत गर्व है. उन्होंने मांग की कि नवदीप कौर को नौकरी दी जाए. उन्होंने कहा कि कई राष्ट्रीय खिलाड़ी अभी भी सरकार की लापरवाही से परेशान हैं, क्योंकि उन्हें वो सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं जिनकी उन्हें जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि वे खेलना बंद कर देते हैं क्योंकि उनके पास अच्छा खाना, वित्तीय जरूरतें और अच्छा अभ्यास नहीं हो पाता है. जबकि सरकार को चाहिए कि वह गरीब और जरूरतमंद खिलाड़ियों की जरूरतें पूरी करे और उन्हें अच्छा खेलने के लिए प्रेरित करे.