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इसरो और नासा की बैठक में अंतरिक्ष अन्वेषण में संभावित अवसरों पर हुई चर्चा

इसरो अंतरिक्ष विभाग के सचिव एस. सोमनाथ और नासा के अध्यक्ष ने बैठक कर अंतरिक्ष अन्वेषण (space probes) में संभावित अवसरों पर चर्चा की. पढ़े पूरी खबर...(ISRO, NASA,NASA discuss potential opportunities in space exploration, potential opportunities in space exploration)

NASA discuss potential opportunities in space exploration
अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भविष्य में सहयोग के अवसरों पर चर्चा
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By PTI

Published : Nov 17, 2023, 5:22 PM IST

बेंगलुरु : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भविष्य में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की है. नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) की निदेशक लॉरी लेशिन ने यहां इसरो मुख्यालय का दौरा किया और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष एवं अंतरिक्ष विभाग के सचिव एस. सोमनाथ के साथ बैठक की.

NASA discuss potential opportunities in space exploration
अंतरिक्ष अन्वेषण

इसरो ने एक बयान में कहा कि डॉ. लॉरी लेशिन ने इसरो के यूआर राव उपग्रह केंद्र (यूआरएससी) में जेपीएल और इसरो के अधिकारियों के एक टीम के रूप में संयुक्त प्रयासों पर खुशी प्रकट की, जो नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) को विकसित करने में जुटे हुए हैं. इसरो ने कहा कि लेशिन की 15 नवंबर को हुई यात्रा के दौरान निसार के प्रक्षेपण की तैयारी और तकनीकी क्षेत्रों एवं अंतरिक्ष अन्वेषण में पेशेवरों का आदान-प्रदान सहित भविष्य के सहयोग के अवसरों पर भी चर्चा की गई.

NASA discuss potential opportunities in space exploration
निसार
इसरो सूत्रों ने कहा कि निसार एक पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) वाला वेधशाला है जिसे ‘अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) और इसरो संयुक्त रूप से विकसित कर रहा है. निसार का 2024 की पहली तिमाही में श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण किये जाने की उम्मीद है. इसरो के अनुसार, 'निसार 12 दिनों में पूरी पृथ्वी का मानचित्रण करेगा और इसकी पारिस्थितिकी, ग्लेशियर के द्रव्यमान, वनस्पति जैव भार (बायोमास), समुद्र के जलस्तर में वृद्धि, भूजल और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी एवं भूस्खलन सहित प्राकृतिक आपदाओं के खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए स्थानिक डेटा प्रदान करेगा.

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NASA discuss potential opportunities in space exploration
अंतरिक्ष अन्वेषण

इसरो ने एक बयान में कहा कि डॉ. लॉरी लेशिन ने इसरो के यूआर राव उपग्रह केंद्र (यूआरएससी) में जेपीएल और इसरो के अधिकारियों के एक टीम के रूप में संयुक्त प्रयासों पर खुशी प्रकट की, जो नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) को विकसित करने में जुटे हुए हैं. इसरो ने कहा कि लेशिन की 15 नवंबर को हुई यात्रा के दौरान निसार के प्रक्षेपण की तैयारी और तकनीकी क्षेत्रों एवं अंतरिक्ष अन्वेषण में पेशेवरों का आदान-प्रदान सहित भविष्य के सहयोग के अवसरों पर भी चर्चा की गई.

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निसार
इसरो सूत्रों ने कहा कि निसार एक पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) वाला वेधशाला है जिसे ‘अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) और इसरो संयुक्त रूप से विकसित कर रहा है. निसार का 2024 की पहली तिमाही में श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण किये जाने की उम्मीद है. इसरो के अनुसार, 'निसार 12 दिनों में पूरी पृथ्वी का मानचित्रण करेगा और इसकी पारिस्थितिकी, ग्लेशियर के द्रव्यमान, वनस्पति जैव भार (बायोमास), समुद्र के जलस्तर में वृद्धि, भूजल और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी एवं भूस्खलन सहित प्राकृतिक आपदाओं के खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए स्थानिक डेटा प्रदान करेगा.

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