नागपुर : महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी (Tushar Gandhi) ने शनिवार को देश में 'हिंदू खतरे में हैं' और राम मंदिर जैसे मुद्दों पर सत्ता में आने वाली सरकारों के दावे पर चिंता व्यक्त की.
उन्होंने कहा कि कुछ बुद्धिजीवी इन चीजों को 'हिंदू राष्ट्रवाद' (राष्ट्रवाद) का नाम देते हैं, लेकिन 'हिंदू राष्ट्रवादियों' के लिए भारत जैसे देश में कोई जगह नहीं है, वे नेपाल जा सकते हैं. नैरेटिव के बारे में बोलते हुए गांधी ने कहा, 'ऐसा कहा जा रहा है कि हिंदू खतरे में हैं लेकिन कोई नहीं पूछता कि हिंदू खतरे में कैसे हैं? इसी तरह, राम मंदिर के मुद्दे पर सरकारें सत्ता में आ रही हैं.'
उन्होंने कहा कि 'कई बुद्धिजीवी इस सबको हिंदू राष्ट्रवाद के रूप में प्रमाणित करते हैं. लेकिन इसके लिए एक हिंदू राष्ट्र होना चाहिए. क्या हम हिंदू राष्ट्र बन गए हैं? हिंदू राष्ट्रवाद नेपाल में हो सकता है लेकिन उस देश में नहीं जिसके संविधान में 'सर्व धर्म समभाव' का उल्लेख है.' गांधी पत्रकार मिलिंद कीर्ति द्वारा लिखित पुस्तक 'सहमातिची हुकुमशाही-एरिस्टोक्रेसी टू टेक्नोक्रेसी' (Sahmatichi Hukumshahi Aristocracy to Technocracy) के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि 'हम कैसे मान लें कि हिंदुत्व की बात करने वाले हिंदू राष्ट्रवादी हैं? यदि वे हिंदू राष्ट्रवादी हैं, तो वे नेपाल जा सकते हैं. उनका यहां कोई स्थान नहीं है.' गांधी ने कहा कि 'ये सभी विचार हमें गुलाम बना रहे हैं और हम इनके पीछे के मकसद को नहीं समझ पा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि 'प्रौद्योगिकी का साम्राज्यवाद आज दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है.'
गांधी ने कहा कि 'प्रौद्योगिकी के कारण एक प्रकार का उपनिवेशीकरण हो रहा है. कॉर्पोरेट और प्रौद्योगिकी के बीच एक सामंजस्यपूर्ण संबंध है. निगम लाभ के लिए व्यापार करते हैं जबकि प्रौद्योगिकी की आत्मा नवाचार होनी चाहिए, लेकिन आज हम देखें तो टेक्नोलॉजी का उद्देश्य, पूंजीवाद का उद्देश्य मुनाफा कमाना हो गया है.'
गांधी ने कहा कि लोग प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं और उन्होंने कश्मीर में एक लड़की की हत्या सहित कुछ घटनाओं का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि 'इसके उलट एक मामले में आरोपियों को कोर्ट से सजा होने पर वकीलों ने मोर्चा निकाला था. क्या हमने प्रतिक्रिया व्यक्त की? इसी तरह, क्या हमने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की जब बिलकिस बानो मामले में अपराधियों को रिहा कर दिया गया (गुजरात सरकार द्वारा उम्रकैद के दोषियों के लिए अपनी छूट नीति के तहत समय से पहले).'
गांधी ने यूएपीए या आतंकवाद विरोधी कानून के 'दुरुपयोग' पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों को किसी के आदेश पर गिरफ्तार किया जा रहा है, इसलिए नहीं कि उन्होंने कोई अपराध किया है.