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जम्मू-कश्मीर में बढ़ा नार्को आतंकवाद, जानें क्यों कश्मीर में बढ़ रहा है नशीले पदार्थों का व्यापार?

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Published : Jul 28, 2022, 1:13 PM IST

जम्मू-कश्मीर पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, कश्मीर में हेरोइन की सबसे ज्यादा मांग है और इसलिए इसका भारी मात्रा में तस्करी हो रही है. 2022 के पहले 6 महीनों में तस्करों के पास से लगभग 16.23746 किलोग्राम हेरोइन जब्त किया गया. पुलिस ने नशा तस्करों के पास से 76 करोड़ रुपए नकद भी बरामद किए.

Narco terrorism on the rise in Jammu and Kashmir
जम्मू-कश्मीर में बढ़ा नार्को आतंकवाद

श्रीनगर : खोद्रो भांग सहित अफीम की खेती के खिलाफ आबकारी विभाग, जम्मू-कश्मीर पुलिस, एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स और वित्त विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बावजूद, नशीली दवाओं की खेती और ड्रग पेडलिंग का चलन दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. नियंत्रण रेखा पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के बावजूद, एलओसी के पार से कश्मीर घाटी में करोड़ों रुपये की नशीली दवाओं की तस्करी की जा रही है. जिसके कारण पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर में मादक पदार्थों की तस्करी की मात्रा में असाधारण वृद्धि हुई है.

कश्मीर में नशीले पदार्थों का सेवन और तस्करी अब महामारी बन चुकी है. हेरोइन के उपयोग और तस्करी का जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के आधार पर ईटीवी भारत द्वारा संकलित आंकड़े बताते हैं कि कश्मीर में हेरोइन की सबसे ज्यादा मांग है और इसलिए भारी मात्रा में दवा का निर्यात किया जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 के पहले 6 महीनों में ड्रग डीलरों ने करीब 16.23746 किलोग्राम हेरोइन का निर्यात किया जाएगा.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं: राय

जनवरी माह में ड्रग तस्करों से 2.017 किलोग्राम, फरवरी में 5.805 किलोग्राम, मार्च के महीने में 82.5 ग्राम, अप्रैल में 7.355 किलोग्राम, मई में 903.96 ग्राम और जून एवं जुलाई क्रमश: 35 एवं 39 ग्राम हेरोइन जब्त की गई. इस संबंध में जब ईटीवी इंडिया ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कई कदम उठाए गए हैं लेकिन मादक पदार्थों की तस्करी पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है. ड्रग तस्कर किसी ना किसी तरह से ड्रग्स लाने में कामयाब हो जाते हैं. कभी ड्रोन का इस्तेमाल करके, कभी दूसरे तरीकों का इस्तेमाल करके.

उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस और अन्य संबंधित विभाग कुछ नहीं कर रहे हैं. सर्दियों के दौरान, उत्तरी जिलों कुपवाड़ा और बारामूला के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी देखी गई है और कई ड्रग डीलरों को गिरफ्तार किया जाएगा और उन पर मुकदमा चलाया जाएगा. पुलिस अधिकारी ने कहा कि नशा के खिलाफ जंग के लिए पुलिस हमेशा समाज के सम्मानित सदस्यों के सहयोग की गुजारिश करती है. हेरोइन और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी को समाप्त करना हमारी जिम्मेदारी है.

पढ़ें: हवाई अड्डे पर कश्मीरी पत्रकार को श्रीलंका की यात्रा करने से रोका गया

हालांकि, पुलिस अधिकारी ने यह नहीं बताया कि भारत में हेरोइन की सबसे ज्यादा मांग कहां है और गिरफ्तार किए गए ड्रग तस्करों ने जांच के दौरान क्या खुलासा किया है, उनका मानना ​​है कि यहां के सीमावर्ती इलाकों से ड्रग्स की तस्करी की जाती है. हालांकि, इसे काफी हद तक नियंत्रित किया गया है. आंकड़ों की बात करें तो इस साल सबसे अधिक मात्रा में हेरोइन (6400 ग्राम) का निर्यात अप्रैल के महीने में मध्य बडगाम जिले से किया गया. इसके बाद फरवरी महीने में दक्षिणी जिले पुलवामा से 5700 ग्राम हेरोइन का निर्यात किया गया. इस पृष्ठभूमि में बोलते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि नशीली दवाएं वहां कैसे पहुंची इसकी जांच की जा रही है. जिन लोगों से नशीले पदार्थ बरामद किए गए थे, उन पर वर्तमान में मुकदमा चलाया जा रहा है और उनके बयानों से पुलिस को आने वाले महीनों में उनके गुप्त नेटवर्क को खत्म करने में मदद मिलेगी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि तस्करों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है.

पढ़ें: 2017 से जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में 28 प्रवासी कामगार मारे गए : सरकार

आंकड़ों पर नजर डालें तो न केवल हेरोइन की तस्करी की जा रही है, बल्कि भांग (129785 ग्राम), अवैध शराब (133 बोतल), ब्राउन शुगर (2508.50 ग्राम), नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गोलियां (56139), कोडीन (2271 बोतलें) जैसी अन्य प्रतिबंधित चिजों की तस्करी की जा रही है. इसके अलावा फिक्की (1095.80 किग्रा) और हशीश (72365 ग्राम) के अलावा वर्ष 2022 के पहले 6 महीनों के दौरान ड्रग डीलरों से 7 लाख 60 हजार 260 रुपये की नकदी बरामद की गई है. पुलिस ने कश्मीर के 9 जिलों से 359 लोगों को ड्रग्स बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है. शोपियां इकलौता जिला है जहां इस साल ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है.

श्रीनगर : खोद्रो भांग सहित अफीम की खेती के खिलाफ आबकारी विभाग, जम्मू-कश्मीर पुलिस, एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स और वित्त विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बावजूद, नशीली दवाओं की खेती और ड्रग पेडलिंग का चलन दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. नियंत्रण रेखा पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के बावजूद, एलओसी के पार से कश्मीर घाटी में करोड़ों रुपये की नशीली दवाओं की तस्करी की जा रही है. जिसके कारण पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर में मादक पदार्थों की तस्करी की मात्रा में असाधारण वृद्धि हुई है.

कश्मीर में नशीले पदार्थों का सेवन और तस्करी अब महामारी बन चुकी है. हेरोइन के उपयोग और तस्करी का जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के आधार पर ईटीवी भारत द्वारा संकलित आंकड़े बताते हैं कि कश्मीर में हेरोइन की सबसे ज्यादा मांग है और इसलिए भारी मात्रा में दवा का निर्यात किया जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 के पहले 6 महीनों में ड्रग डीलरों ने करीब 16.23746 किलोग्राम हेरोइन का निर्यात किया जाएगा.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं: राय

जनवरी माह में ड्रग तस्करों से 2.017 किलोग्राम, फरवरी में 5.805 किलोग्राम, मार्च के महीने में 82.5 ग्राम, अप्रैल में 7.355 किलोग्राम, मई में 903.96 ग्राम और जून एवं जुलाई क्रमश: 35 एवं 39 ग्राम हेरोइन जब्त की गई. इस संबंध में जब ईटीवी इंडिया ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कई कदम उठाए गए हैं लेकिन मादक पदार्थों की तस्करी पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है. ड्रग तस्कर किसी ना किसी तरह से ड्रग्स लाने में कामयाब हो जाते हैं. कभी ड्रोन का इस्तेमाल करके, कभी दूसरे तरीकों का इस्तेमाल करके.

उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस और अन्य संबंधित विभाग कुछ नहीं कर रहे हैं. सर्दियों के दौरान, उत्तरी जिलों कुपवाड़ा और बारामूला के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी देखी गई है और कई ड्रग डीलरों को गिरफ्तार किया जाएगा और उन पर मुकदमा चलाया जाएगा. पुलिस अधिकारी ने कहा कि नशा के खिलाफ जंग के लिए पुलिस हमेशा समाज के सम्मानित सदस्यों के सहयोग की गुजारिश करती है. हेरोइन और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी को समाप्त करना हमारी जिम्मेदारी है.

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हालांकि, पुलिस अधिकारी ने यह नहीं बताया कि भारत में हेरोइन की सबसे ज्यादा मांग कहां है और गिरफ्तार किए गए ड्रग तस्करों ने जांच के दौरान क्या खुलासा किया है, उनका मानना ​​है कि यहां के सीमावर्ती इलाकों से ड्रग्स की तस्करी की जाती है. हालांकि, इसे काफी हद तक नियंत्रित किया गया है. आंकड़ों की बात करें तो इस साल सबसे अधिक मात्रा में हेरोइन (6400 ग्राम) का निर्यात अप्रैल के महीने में मध्य बडगाम जिले से किया गया. इसके बाद फरवरी महीने में दक्षिणी जिले पुलवामा से 5700 ग्राम हेरोइन का निर्यात किया गया. इस पृष्ठभूमि में बोलते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि नशीली दवाएं वहां कैसे पहुंची इसकी जांच की जा रही है. जिन लोगों से नशीले पदार्थ बरामद किए गए थे, उन पर वर्तमान में मुकदमा चलाया जा रहा है और उनके बयानों से पुलिस को आने वाले महीनों में उनके गुप्त नेटवर्क को खत्म करने में मदद मिलेगी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि तस्करों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है.

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आंकड़ों पर नजर डालें तो न केवल हेरोइन की तस्करी की जा रही है, बल्कि भांग (129785 ग्राम), अवैध शराब (133 बोतल), ब्राउन शुगर (2508.50 ग्राम), नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गोलियां (56139), कोडीन (2271 बोतलें) जैसी अन्य प्रतिबंधित चिजों की तस्करी की जा रही है. इसके अलावा फिक्की (1095.80 किग्रा) और हशीश (72365 ग्राम) के अलावा वर्ष 2022 के पहले 6 महीनों के दौरान ड्रग डीलरों से 7 लाख 60 हजार 260 रुपये की नकदी बरामद की गई है. पुलिस ने कश्मीर के 9 जिलों से 359 लोगों को ड्रग्स बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है. शोपियां इकलौता जिला है जहां इस साल ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है.

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