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नैनीताल हाईकोर्ट ने दो बच्चों की मां को दी लिव इन पार्टनर के साथ रहने की इजाजत, ये है पूरा मामला - लिव इन रिलेशन पर फैसला

नैनीताल हाईकोर्ट ने शादीशुदा महिला को लिव इन पार्टनर के साथ रहने की इजाजत दे दी है. महिला के पति ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका दायर की थी. आज कोर्ट में पेश की गई महिला ने साफ कह दिया कि वो पति के साथ नहीं रहना चाहती है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट समाचार
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Published : Jun 20, 2023, 1:49 PM IST

नैनीताल (उत्तराखंड): उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के एक पति की बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका पर सुनवाई की. जिसमें कोर्ट से प्रार्थना की गई थी कि उसकी पत्नी अगस्त 2022 से गायब है. उसकी खोज की जाये. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में आज पूर्व के आदेश पर पुलिस ने महिला को कोर्ट में पेश किया.

महिला ने पति पर लगाए ये आरोप: सुनवाई के दौरान महिला ने कोर्ट में बयान दिया कि वह 7 अगस्त 2022 से फरीदाबाद में एक व्यक्ति के साथ लिव इन रिलेशन में रह रही है. महिला ने कहा कि वो उसी व्यक्ति के साथ रहना चाहती है. उसकी मुलाकात उस व्यक्ति के साथ सोशल मीडिया के जरिए हुई थी. महिला ने आरोप लगाया कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता था. उसका व्यवहार उसके प्रति ठीक नहीं था.

शादीशुदा महिला को मिली लिव इन में रहने की इजाजत: सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस महिला को अपना जीवन अपनी मर्जी से जीने की अनुमति दे दी है. चार मई 2023 को कोर्ट ने एसएसपी देहरादून और एसएसपी फरीदाबाद को निर्देश दिए थे कि महिला को ढूंढकर कोर्ट में पेश किया जाये. जिसके बाद आज पुलिस ने महिला को कोर्ट में पेश किया.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार में आयोजित हुई विश्व हिंदू परिषद की साध्वी संगोष्ठी, समलैंगिक विवाह और लिव इन रिलेशनशिप पर हुई चर्चा

ये था पूरा मामला: मामले के अनुसार देहरादून निवासी एक पति ने मई माह में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि उसकी पत्नी 7 अगस्त 2022 से गायब है. वह घर पर दस वर्षीय पुत्र और छह वर्षीय पुत्री को छोड़कर गयी है. पुलिस से इसकी शिकायत करने पर भी उसकी पत्नी को अभी तक नहीं ढूंढा गया. इसलिए उसे शीघ्र ढूंढकर कोर्ट में पेश किया जाये. जिस व्यक्ति के पास वह मिलती है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये.

नैनीताल (उत्तराखंड): उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के एक पति की बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका पर सुनवाई की. जिसमें कोर्ट से प्रार्थना की गई थी कि उसकी पत्नी अगस्त 2022 से गायब है. उसकी खोज की जाये. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में आज पूर्व के आदेश पर पुलिस ने महिला को कोर्ट में पेश किया.

महिला ने पति पर लगाए ये आरोप: सुनवाई के दौरान महिला ने कोर्ट में बयान दिया कि वह 7 अगस्त 2022 से फरीदाबाद में एक व्यक्ति के साथ लिव इन रिलेशन में रह रही है. महिला ने कहा कि वो उसी व्यक्ति के साथ रहना चाहती है. उसकी मुलाकात उस व्यक्ति के साथ सोशल मीडिया के जरिए हुई थी. महिला ने आरोप लगाया कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता था. उसका व्यवहार उसके प्रति ठीक नहीं था.

शादीशुदा महिला को मिली लिव इन में रहने की इजाजत: सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस महिला को अपना जीवन अपनी मर्जी से जीने की अनुमति दे दी है. चार मई 2023 को कोर्ट ने एसएसपी देहरादून और एसएसपी फरीदाबाद को निर्देश दिए थे कि महिला को ढूंढकर कोर्ट में पेश किया जाये. जिसके बाद आज पुलिस ने महिला को कोर्ट में पेश किया.
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ये था पूरा मामला: मामले के अनुसार देहरादून निवासी एक पति ने मई माह में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि उसकी पत्नी 7 अगस्त 2022 से गायब है. वह घर पर दस वर्षीय पुत्र और छह वर्षीय पुत्री को छोड़कर गयी है. पुलिस से इसकी शिकायत करने पर भी उसकी पत्नी को अभी तक नहीं ढूंढा गया. इसलिए उसे शीघ्र ढूंढकर कोर्ट में पेश किया जाये. जिस व्यक्ति के पास वह मिलती है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये.

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