ETV Bharat / bharat

नगालैंड गोलीबारी : घायलों की हालत गंभीर, परिजनों को मीडिया से बात न करने को कहा गया

नगालैंड में चार दिसंबर को सेना के पैरा कमांडो द्वारा की गई गोलीबारी में घायल दो लोगों और उनके रिश्तेदारों से नगालैंड के अधिकारियों ने घटना के बारे में मीडिया से बात न करने को कहा है.

नगालैंड गोलीबारी
नगालैंड गोलीबारी
author img

By

Published : Dec 8, 2021, 10:54 PM IST

डिब्रूगढ़ : नगालैंड में चार दिसंबर को सेना के पैरा कमांडो द्वारा की गई गोलीबारी में घायल दो लोगों और उनके रिश्तेदारों से नगालैंड के अधिकारियों ने घटना के बारे में मीडिया से बात न करने को कहा है. इस घटना में 13 ग्रामीण मारे गए थे.

यह दावा बुधवार को 30 वर्षीय येवांग कोन्याक और 22 वर्षीय शीवांग कोन्याक के परिजनों ने किया, जिनका इस समय डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एएमसीएच) के आईसीयू में इलाज चल रहा था. नाम न जाहिर करने की इच्छा व्यक्त करते हुए एएमसीएच के एक डॉक्टर ने भी इसकी पुष्टि की.

एक अधिकारी ने कहा कि खोपड़ी, आंख, छाती और कोहनी में गोली लगने से 5 दिसंबर को तड़के 1 बजे अस्पताल में भर्ती कराए गए दो व्यक्तियों की हालत गंभीर है और उनमें से एक को बेहतर सुविधाओं के साथ किसी अन्य चिकित्सा प्रतिष्ठान में स्थानांतरित किए जाने की संभावना है.

मरीज और उनके परिजन जो पहले घात लगाकर किए गए हमले और उसके बाद की घटनाओं की जानकारी दे रहे थे अब चुप हैं और उनका दावा है कि नगालैंड के अधिकारियों ने उनसे कहा है कि वे पत्रकारों समेत किसी से भी इस घटना के बारे में बात न करें.

दो घायलों में से एक के रिश्तेदार ने एएमसीएच में मौजूद मीडियाकर्मियों से अनुरोध किया,'कृपया हमसे कुछ मत पूछिए. हमसे कहा गया है कि हम इस बारे में किसी से बात न करें.'

इससे पहले, दो रोगियों में से एक के एक करीबी रिश्तेदार ने कहा कि मोन जिले के ओटिंग क्षेत्र में तिरु के ग्रामीण चार दिसंबर को कोयला खनिकों की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी और उस क्षेत्र की ओर भागे जहां से वे आने वाले थे.

उन्होंने दावा किया कि ग्रामीणों को पिकअप वैन मिली, जिसमें खनिक लौट रहे थे, और उस पर गोली के निशान और खून के धब्बे थे. उन्होंने दावा किया कि ग्रामीणों ने पीछा किया और सेना के एक वाहन को कुछ ही दूरी पर रोका तो उसमें छह शव तिरपाल में लिपटे हुए मिले.

पढ़ें - रायपुर के SOS एनजीओ में नाबालिग 3 माह की गर्भवती, ETV भारत की पड़ताल में मामला उजागर

उन्होंने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण हो गई और इसके बाद हाथापाई हुई और इस दौरान सैनिकों की गोलीबारी में सात और नागरिक मारे गए जबकि सेना के एक जवान की भी मौत हो गई.

इस बीच, एएमसीएच के अधीक्षक प्रशांत दिहिंगिया ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने के दो दिन बाद मंगलवार की रात येवांग की सर्जरी की गई, क्योंकि उन्हें दिल की बीमारी थी और उनकी नब्ज तेज चल रही थी. उनकी खोपड़ी और एक आंख में चोटें थीं.

दिहिंगिया ने कहा कि सीने और कोहनी में चोट के कारण शीवांग को निगरानी में रखा गया है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए किसी और अस्पताल में रेफर किए जाने की संभावना है.

(पीटीआई-भाषा)

डिब्रूगढ़ : नगालैंड में चार दिसंबर को सेना के पैरा कमांडो द्वारा की गई गोलीबारी में घायल दो लोगों और उनके रिश्तेदारों से नगालैंड के अधिकारियों ने घटना के बारे में मीडिया से बात न करने को कहा है. इस घटना में 13 ग्रामीण मारे गए थे.

यह दावा बुधवार को 30 वर्षीय येवांग कोन्याक और 22 वर्षीय शीवांग कोन्याक के परिजनों ने किया, जिनका इस समय डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एएमसीएच) के आईसीयू में इलाज चल रहा था. नाम न जाहिर करने की इच्छा व्यक्त करते हुए एएमसीएच के एक डॉक्टर ने भी इसकी पुष्टि की.

एक अधिकारी ने कहा कि खोपड़ी, आंख, छाती और कोहनी में गोली लगने से 5 दिसंबर को तड़के 1 बजे अस्पताल में भर्ती कराए गए दो व्यक्तियों की हालत गंभीर है और उनमें से एक को बेहतर सुविधाओं के साथ किसी अन्य चिकित्सा प्रतिष्ठान में स्थानांतरित किए जाने की संभावना है.

मरीज और उनके परिजन जो पहले घात लगाकर किए गए हमले और उसके बाद की घटनाओं की जानकारी दे रहे थे अब चुप हैं और उनका दावा है कि नगालैंड के अधिकारियों ने उनसे कहा है कि वे पत्रकारों समेत किसी से भी इस घटना के बारे में बात न करें.

दो घायलों में से एक के रिश्तेदार ने एएमसीएच में मौजूद मीडियाकर्मियों से अनुरोध किया,'कृपया हमसे कुछ मत पूछिए. हमसे कहा गया है कि हम इस बारे में किसी से बात न करें.'

इससे पहले, दो रोगियों में से एक के एक करीबी रिश्तेदार ने कहा कि मोन जिले के ओटिंग क्षेत्र में तिरु के ग्रामीण चार दिसंबर को कोयला खनिकों की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी और उस क्षेत्र की ओर भागे जहां से वे आने वाले थे.

उन्होंने दावा किया कि ग्रामीणों को पिकअप वैन मिली, जिसमें खनिक लौट रहे थे, और उस पर गोली के निशान और खून के धब्बे थे. उन्होंने दावा किया कि ग्रामीणों ने पीछा किया और सेना के एक वाहन को कुछ ही दूरी पर रोका तो उसमें छह शव तिरपाल में लिपटे हुए मिले.

पढ़ें - रायपुर के SOS एनजीओ में नाबालिग 3 माह की गर्भवती, ETV भारत की पड़ताल में मामला उजागर

उन्होंने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण हो गई और इसके बाद हाथापाई हुई और इस दौरान सैनिकों की गोलीबारी में सात और नागरिक मारे गए जबकि सेना के एक जवान की भी मौत हो गई.

इस बीच, एएमसीएच के अधीक्षक प्रशांत दिहिंगिया ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने के दो दिन बाद मंगलवार की रात येवांग की सर्जरी की गई, क्योंकि उन्हें दिल की बीमारी थी और उनकी नब्ज तेज चल रही थी. उनकी खोपड़ी और एक आंख में चोटें थीं.

दिहिंगिया ने कहा कि सीने और कोहनी में चोट के कारण शीवांग को निगरानी में रखा गया है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए किसी और अस्पताल में रेफर किए जाने की संभावना है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.