उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में साल में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोल दिए गए हैं. सोमवार की मध्य रात्रि यानी की 12 बजे इसे खोल दिया गया. भक्तों को दर्शन सुलभ हो सके इस लिहाज से प्रशासन द्वारा भी खास इंतजाम किए गए हैं. इस बार भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पैदल पुल के माध्यम से दर्शन करवाए जा रहे हैं. इसके पहले तक यहां अस्थायी सीढ़ियां बनाकर दर्शन कराए जाते थे. इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, कृषि मंत्री कमल पटेल और प्रशासनिक अधिकारी भी पूजा में मौजूद रहे.
प्राचीनकाल से चली आ रही परंपरा: नागचन्द्रेश्वर मंदिर वर्ष में केवल नागपंचमी के दिन ही 24 घंटे के लिए खुलता है. सिर्फ इसी दिन मंदिर की दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन आम श्रद्धालुओं को होते हैं. नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए सोमवार देर शाम 7 बजे से ही श्रद्धालुओं की कतार लग गई थी. मंदिर के पट 24 घंटे तक खुले रहेंगे. इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है. भारतीय पंचांग तिथि अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन ही मंदिर के पट खुलने की परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है. माना जाता है कि, परमार राजा भोज ने 1050 ईस्वी के लगभग इस मंदिर का निर्माण करवाया था. इसके बाद सिंधिया घराने के महाराज राणोजी सिंधिया ने 1732 में महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था. बताया जाता है कि दुर्लभ प्रतिमा नेपाल से लाकर मंदिर में स्थापित की गई थी.
ऐसे होती है पूजा: नागपंचमी पर अखाड़े की परंपरा अनुसार भगवान नागदेवता की त्रिकाल पूजा होती है. पहली पूजा सोमवार रात 12 बजे हुई, जो महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा करवाई गई. मंगलवार दोपहर 12 बजे दूसरी पूजा होगी. इसमें शासन का सहयोग रहेगा. सोमवार शाम भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद तीसरी पूजा होगी. इसे मंदिर प्रबंध समिति करवाएगा. मंदिर के पूजन में शामिल हुए प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने विनोद गिरि महाराज के साथ नागचंद्रेश्वर मंदिर का पूजन अभिषेक किया.(Naag Panchami 2022) (Ujjain Nagchandreshwar Temple Opene) (Ujjain Nagchandreshwar Temple History)