भुवनेश्वर : ओडिशा के गंजम जिले के रहने वाले अद्भुत युवा कलाकार अरुण साहू ने लकड़ी पर 'हनुमान चालीसा' पुस्तक लिखी है. अपनी कल्पना और भगवान हनुमान के प्रति अपनी भक्ति को आकार दिया है. अरुण साहू ने वर्तमान लॉक डाउन अवधि के दौरान खाली समय का सदुपयोग करने के लिए यह काम किया है.
मूल रूप से गोस्वामी तुलसी दास द्वारा लिखित 'हनुमान चालीसा' का प्रत्येक छंद लकड़ी से बने इस पवित्र पुस्तक पर उकेरा गया है. छेनी और ब्लेड का उपयोग करके उन्होंने यह लकड़ी की किताब तैयार की है जिसमें कुल पांच पेज और दो कवर पेज हैं. दोनों मुखपृष्ठों पर भगवान हनुमान की छवि को सुंदर तरीके से चित्रित किया गया है.
लकड़ी से बनी इस 'हनुमान चालीसा' पुस्तक की लंबाई 10.5 इंच है जबकि इसकी चौड़ाई 9 इंच है. यह किताब 2.5 इंच मोटी है. अरुण ने इस किताब को हिंदी और उड़िया दोनों भाषाओं में बनाया है. इसको बनाने में उन्हें करीब एक महीने का समय लगा था. लकड़ी के पन्नों के साथ-साथ किताब के कवर पेजों को देखकर लोग चकित रह जाते हैं.
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केवल 'हनुमान चालीसा' पुस्तक ही नहीं, अरुण ने छेनी से लकड़ी को उकेर कर कलात्मक कृतियों भी बनाई है. उनकी रचनाओं में लकड़ी का ताजमहल, फ्रांस का एफिल टॉवर, ओडिशा विधानसभा भवन, प्रसिद्ध बौद्ध स्थल धौली, इंडिया गेट, ओडिशा राज्य का नक्शा और कई अन्य कलाकृतियां शामिल हैं. उन्हें अपने कार्यों के लिए राष्ट्रीय और आंतरिक दोनों स्तरों पर कई पुरस्कार मिले हैं. उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है.
अरुण की महत्वाकांक्षा लकड़ी से बनी 'हनुमान चालीसा' किताब को देश की हर भाषा में बनाने की है. उन्हें उम्मीद है कि इसे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिलेगी.