नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के दो साल पूरे होने पर रविवार को इस पर निशाना साधा और इसे राज्य की सबसे भ्रष्ट, अवसरवादी, जनविरोधी तथा बेकार सरकार बताया.
भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना नेताओं के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों की सूची दी. उन्होंने एमवीए सरकार पर दो वर्षों के कार्यकाल के दौरान राज्य में राजनीति के अपराधीकरण का आरोप लगाया.
जावड़ेकर ने कहा, 'इस सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल के बारे में प्रशंसा करने लायक कुछ भी नहीं है. यह महाराष्ट्र में अब तक की सबसे भ्रष्ट, अवसरवादी, जनविरोधी और बेकार सरकार रही है.'
ठाकरे पर निशाना साधते हुए जावड़ेकर ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने 2019 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना-भाजपा गठबंधन को अपना जनादेश दिया था, लेकिन शिवसेना प्रमुख ने प्रतिद्वंद्वी राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया, ताकि वह राज्य में 'सबसे ज्यादा भ्रष्ट' सरकार के मुख्यमंत्री बन सकें.
भाजपा नेता ने कहा, 'लोग इसे ‘महा वसूली अघाड़ी सरकार’ कहते हैं। मैं इसे ‘ महाविश्वघाती अघाड़ी सरकार’ नाम देना चाहता हूं.'
मुख्यमंत्री ठाकरे ने मुंबई में कहा कि उनकी सरकार के दो साल के कार्यकाल का अधिकांश हिस्सा कोविड-19 प्रबंधन में चला गया और महा विकास आघाड़ी (एमवीए) संकट को अवसर में बदलने में सफल रहा.
मेरूदंड सर्जरी के बाद एक निजी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे ठाकरे (61) ने मुख्यमंत्री के तौर पर दो साल पूरा होने पर एक बयान में उनकी सरकार को उसके प्रयासों में सहयोग करने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया एवं कहा कि यह ‘जनता की सरकार’ है.
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भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एमवीए सरकार पर हमला करते हुए जावडे़कर ने कहा , टसत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना के कई मंत्रियों , सांसदों एवं विधायकों की भ्रष्टाचार को लेकर जांच की जा रही है. इस सिलसिले में उन्होंने परोक्ष रूप से राकांपा के मंत्रियों अजीत पवार, जितेंद्र अहवाद को निशाना बनाया.
भाजपा नेता ने कहा, 'भ्रष्टाचार एवं राजनीति का अपराधीकरण एमवीए सरकार की पहचान है.' ठाकरे को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, 'वह संयोग से मुख्यमंत्री बनने एवं गैर हाजिर रहने वाले मुख्यमंत्री का उदाहरण हैं. वह अपने कार्यालय आते ही नहीं हैं.'
उन्होंने कहा कि ठाकरे पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने चुनावी हलफनामे में अपनी परिसंपत्तियों का सही ब्योरा नहीं दिया. उन्होंने कहा , 'उनके विरूद्ध लगे आरोप की जांच की जा रही है.'
(पीटीआई)