मुजफ्फरपुर: क्रिकेट का शायद ही ऐसा कोई फैन होगा, जो क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के सबसे बड़े फैन सुधीर कुमार के बारे में नहीं जानता होगा. लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में तेंदुलकर के सबसे बड़े फैन के साथ जो घटना हुई है, उसने बिहार पुलिस की छवि को एक बार फिर से खराब किया है. मुजफ्फरपुर जिले के टाउन थाना की ये घटना है, जहां एक पुलिसकर्मी ने सुधीर कुमार के साथ मारपीट ( sachin tendulkar fan Sudhir Kumar ) और दुर्व्यवहार ( muzaffarpur police misbehaved with sachin tendulkar fan ) किया.
दरअसल, सचिन के फैन सुधीर के चचेरे भाई किशन कुमार को एक जमीन के मामले में टाउन थाना पुलिस ने हिरासत में लिया था. इसकी जानकारी सुधीर को हुई. घरवालों ने बताया कि किशन कुमार को नगर थाने की पुलिस उठाकर ले गई है, लेकिन मामला क्या है, इसके बारे में नहीं बताया गया. इसके बाद सुधीर खुद थाने पहुंच गए. वहां पुलिस ने उनके चचेरे भाई को हवालात में बंद कर रखा था.
सुधीर नगर थाने में अपने भाई को हवालात में बंद देखकर सीधे उसके पास पहुंच गए और मामला पूछने लगे. इसी दौरान नगर थाना के मुंशी और एक पुलिसकर्मी ने जमकर सुधीर की क्लास लगा दी. जिसके बाद देखते ही देखते बात बिगड़ गई और बात मारपीट तक पहुंच गयी. इस दौरान बीच बचाव में थानाध्यक्ष के साथ-साथ नगर डीएसपी भी मौके पर पहुंचे. हालांकि समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत हुआ. सुधीर ने थाने के मुंशी पर मारपीट का आरोप भी लगाया है.
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घटना के बाद सुधीर थाने से बाहर निकल आए. उन्होंने मीडिया कर्मियों से बातचीत में बताया कि, पूरे मामले की डीएसपी से शिकायत की है. जिस तरह से मेरे साथ व्यवहार किया गया, जैसे मैं कोई बड़ा अपराधी हूं. मुंशी और मौजूद पुलिसकर्मी थाने में बिना पूछे ऐसा व्यवहार करने लगे जैसे हमने कोई बड़ा गुनाह कर दिया हो. वहीं, आपको बता दें कि इस नगर थाना के नए भवन का उद्घाटन सेलिब्रिटी बनकर खुद सुधीर ने ही किया था. आज उसी थाने में उनके साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट और दुर्व्यवहार किया.
वहीं, पूरे मामले पर पूछे जाने पर नगर डीएसपी राम नरेश पासवान ने बताया कि किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं हुआ है. जमीनी विवाद में किशन कुमार नाम के युवक को पुलिस ने हिरासत में लिया था, जिसे पूछताछ के लिए रखा गया था. उसी दौरान बात करने अचानक सुधीर आए थे. थाने के पुलिस कर्मियों को ये जानकारी नहीं थी कि कौन व्यक्ति है जो बातचीत कर रहा है. उन्हें बात करने से रोका गया था और कोई बड़ी बात नहीं है. समझा-बुझाकर मामला शांत कर लिया गया है.
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नगर डीएसपी राम नरेश पासवान ने बताया कि, ऐसे भी नियमानुसार पुलिस अगर किसी को हिरासत में लेती है तो परिजन उसके संबंधित वरीय अधिकारी से मिलकर बातचीत कर सकते हैं. लेकिन सुधीर कुमार ने ऐसा नहीं किया था. आगे से इस बात का ध्यान रखने को कहा गया है. जिसके बाद वह मान गए हैं और अपनी गलती का भी एहसास किया है. सुरक्षा कारणों की वजह से पुलिस हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को किसी से बातचीत, मिलने-जुलने और खाने-पीने पर रोक रहती है.