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जिंदगी और मौत के 400 घंटे पूरा कर टनल से निकला दीपक, गांव में महिलाओं ने की शिव चर्चा और हवन

Uttarakhand Silkyara Tunnel : उत्तराखंड के सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में 12 नवंबर से फंसे सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. इसमें बिहार के 4 मजदूर भी शामिल हैं. रेस्क्यू के बाद सभी मजदूरों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया. टनल में मुजफ्फरपुर के दीपक भी 17 दिनों तक फंसे हुए थे. अब सकुशल बाहर आ चुके हैं.

मुजफ्फरपुर में दीपक के लिए हवन
मुजफ्फरपुर में दीपक के लिए हवन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2023, 10:59 PM IST

दीपक के गांव में शिवचर्चा व हवन करती महिलाएं

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फर के रहने वाले दीपक कुमार 17 दिनों तक उत्तराखंड के सिल्क्यारा टनल में फंसे रहने के बाद मंगलवार को सकुशल बाहर निकाल लिए गए. दीपक के साथ ही सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. फिलहाल सभी स्वस्थ्य हैं. मजदूरों के सकुशल टनल से बाहर निकलने पर उनके गांवों में खुशी की लहर है. टनल में फंसे रहने वाले मुजफ्फरपुर जिले के गिजास गांव के दीपक (22) के परिजनों ने यह खबर सुन राहत की सांस ली.

पूरे गांव में दौड़ गई खुशी की लहर : जब से सिल्क्यारा टनल में दीपक के फंस जाने की खबर मिली थी, तभी से परिजन काफी चिंतित थे. अब टनल से बाहर निकलने के सूचना मिलते ही परिवार के साथ-साथ पूरे गांव में खुशी का माहौल है. परिजन काफी उत्साहित दिखे. मालूम हो कि दीपक के सकुशल टनल से बाहर निकलने को लेकर गांव में एक ओर जहां हवन किया जा रहा था, तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण महिलाएं शिवचर्चा कर भगवान भोले से दीपक की कुशलता की कामना कर रही थी.

400 घंटे तक टनर के अंदर रहा दीपक : जिले के जैतपुर ओपी अंतर्गत गिजास मठ टोला निवासी शत्रुधन पटेल का पुत्र दीपक कुमार चार धाम यात्रा के लिए बन रहे सुरंग के निर्माण में मलबा गिरने से 41 लाेगाें के साथ फंस गया था. मंगलवार को करीब 400 घंटे बाद उसे बाहर निकल गया है. आज अल सुबह ही उत्तराखंड काशी से यह सूचना मिली कि आज किसी भी समय टनल के भीतर फंसे दीपक सहित 41 मजदूरों को बाहर निकल लिया जाएगा. घर में तकरीबन 17 दिनों से बना दुख का वातावरण खुशी के वातावरण में बदलना शुरू हो गया था.

दीपक के टनल से बाहर आने पर गांव में आतिशबाजी : गांव में महिलाएं दीपक के सकुशल बाहर निकलने को लेकर शिव चर्चा की तथा घर-घर में लोग दुआएं मांग रहे थे. घर के बाहर पिता एवं माता दोनों लोगों के हर सवाल का जवाब दे रहे थे. देर शाम तकरीबन 8:00 बजे जैसे ही यह सूचना मिली की टनल से बाहर दीपक आ गया है. गांव में आतिशबाजी शुरू हो गई थी. घर के बाहर लोग मिठाइयां लेकर उनके माता-पिता को लोग खिला रहे थे मां के आंखों में खुशी के आंसू देखे गए हैं.

"जब से रेस्क्यू ऑपरेशन आज उत्तराखंड में शुरू हुआ. उससे दो घंटा पहले से शिव चर्चा कर रहे हैं कि दीपक सकुशल टनल से बाहर आ जाए."- सुमित्रा देवी, ग्रामीण महिला

ये भी पढ़ें : 400 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन 'सिलक्यारा' कंप्लीट, सभी 41 मजदूर आए बाहर, राष्ट्रपति-PM जताई खुशी, CM बोले-उनके लिए इगास आज

दीपक के गांव में शिवचर्चा व हवन करती महिलाएं

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फर के रहने वाले दीपक कुमार 17 दिनों तक उत्तराखंड के सिल्क्यारा टनल में फंसे रहने के बाद मंगलवार को सकुशल बाहर निकाल लिए गए. दीपक के साथ ही सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. फिलहाल सभी स्वस्थ्य हैं. मजदूरों के सकुशल टनल से बाहर निकलने पर उनके गांवों में खुशी की लहर है. टनल में फंसे रहने वाले मुजफ्फरपुर जिले के गिजास गांव के दीपक (22) के परिजनों ने यह खबर सुन राहत की सांस ली.

पूरे गांव में दौड़ गई खुशी की लहर : जब से सिल्क्यारा टनल में दीपक के फंस जाने की खबर मिली थी, तभी से परिजन काफी चिंतित थे. अब टनल से बाहर निकलने के सूचना मिलते ही परिवार के साथ-साथ पूरे गांव में खुशी का माहौल है. परिजन काफी उत्साहित दिखे. मालूम हो कि दीपक के सकुशल टनल से बाहर निकलने को लेकर गांव में एक ओर जहां हवन किया जा रहा था, तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण महिलाएं शिवचर्चा कर भगवान भोले से दीपक की कुशलता की कामना कर रही थी.

400 घंटे तक टनर के अंदर रहा दीपक : जिले के जैतपुर ओपी अंतर्गत गिजास मठ टोला निवासी शत्रुधन पटेल का पुत्र दीपक कुमार चार धाम यात्रा के लिए बन रहे सुरंग के निर्माण में मलबा गिरने से 41 लाेगाें के साथ फंस गया था. मंगलवार को करीब 400 घंटे बाद उसे बाहर निकल गया है. आज अल सुबह ही उत्तराखंड काशी से यह सूचना मिली कि आज किसी भी समय टनल के भीतर फंसे दीपक सहित 41 मजदूरों को बाहर निकल लिया जाएगा. घर में तकरीबन 17 दिनों से बना दुख का वातावरण खुशी के वातावरण में बदलना शुरू हो गया था.

दीपक के टनल से बाहर आने पर गांव में आतिशबाजी : गांव में महिलाएं दीपक के सकुशल बाहर निकलने को लेकर शिव चर्चा की तथा घर-घर में लोग दुआएं मांग रहे थे. घर के बाहर पिता एवं माता दोनों लोगों के हर सवाल का जवाब दे रहे थे. देर शाम तकरीबन 8:00 बजे जैसे ही यह सूचना मिली की टनल से बाहर दीपक आ गया है. गांव में आतिशबाजी शुरू हो गई थी. घर के बाहर लोग मिठाइयां लेकर उनके माता-पिता को लोग खिला रहे थे मां के आंखों में खुशी के आंसू देखे गए हैं.

"जब से रेस्क्यू ऑपरेशन आज उत्तराखंड में शुरू हुआ. उससे दो घंटा पहले से शिव चर्चा कर रहे हैं कि दीपक सकुशल टनल से बाहर आ जाए."- सुमित्रा देवी, ग्रामीण महिला

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