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राजस्थानः गहलोत के मंत्री और विधायक ही उठा रहे कार्यशैली पर सवाल...इन तीन मंत्रियों की शिकायतें सबसे ज्यादा - गहलोत के मंत्री और विधायक ही उठा रहे कार्यशैली पर सवाल

राजस्थान की सत्ता पर काबिज कांग्रेस सरकार अपने ही विधायकों और मंत्रियों की ओर से आए दिन उठाए जा रहे सवालों के घेरे में बनी हुई है. पहले जहां सचिन पायलट और उनके समर्थक (Condition of Rajasthan Congress) सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते थे, वहीं अब गहलोत कैंप के विधायक और मंत्री भी लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. इनमें से कई विधायक-मंत्रियों पर तो कई मंत्री और विधायक ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठा रहे हैं.

Mutual Dispute in Gehlot Government, Allegations on Rajasthan Bureaucracy
गहलोत के मंत्री और विधायक ही उठा रहे कार्यशैली पर सवाल.
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Published : Jul 20, 2022, 9:53 PM IST

जयपुर. राजस्थान में पहले सचिन पायलट और उनके कैंप से जुड़े विधायक (Mutual Dispute in Gehlot Government) सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते थे. लेकिन पिछले पिछले कुछ महीनों से यह शिकायतें बंद हो चुकी हैं. वहीं, अब गहलोत कैंप के माने जाने वाले मंत्री और विधायकों ने ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू कर दिया है. पिछले कुछ समय में करीब 40 से ज्यादा विधायकों ने मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.

हालात यह है कि न केवल गहलोत समर्थक विधायक, बल्कि गहलोत सरकार में मंत्री ही अपने साथी मंत्रियों और ब्यूरोक्रेसी की कार्यशैली पर (Allegations on Rajasthan Bureaucracy) सवाल खड़े कर रहे हैं. इसका साफ उदाहरण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और मंत्री अशोक चांदना हैं, जो केवल गहलोत सरकार में मंत्री ही नहीं है, बल्कि सीएम गहलोत के करीबी भी माने जाते हैं. इन दोनों मंत्रियों ने जिस तरह से ब्यूरोक्रेसी और सहयोगी मंत्रियों पर सवाल खड़े किए हैं. उससे खुद गहलोत सरकार भी कठघरे में खड़ी होती दिखाई दी.

गहलोत के मंत्री और विधायक ही उठा रहे कार्यशैली पर सवाल.

मंत्री अशोक चांदना और राजेंद्र गुढ़ा ने तो अपनी बात प्रत्यक्ष तौर पर सबके सामने रखी. वहीं, कैबिनेट की बैठक में ही मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और लालचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री के सामने ही मंत्री शांति धारीवाल की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए थे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी जब विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान उदयपुर में हुई में बड़ेबंदी में मंत्री बीडी कल्ला की कार्यशैली की शिकायत की. इस पर गोविंद डोटासरा विधायकों को लेकर सीधे बीडी कल्ला के सामने पहुंच गए और विधायकों की शिकायतों से मंत्री कल्ला को अवगत करवाया.

3 दर्जन से भी ज्यादा विधायक कर चुके हैं शिकायतः राजस्थान में बीते कुछ दिनों में ही 40 से ज्यादा विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने सरकार के मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. जिन मंत्रियों की सबसे ज्यादा शिकायत हुई है उनमें भी स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल हैं. कुछ विधायकों ने जलदाय मंत्री महेश जोशी और प्रमोद जैन भाया की भी शिकायत की है.

पढ़ें : Chandna Offers Resignation : नौकरशाही से नाराज चांदना ने की इस्तीफे की पेशकश, ट्वीट कर बोले- मुख्यमंत्री जी जलालत भरे पद से मुक्त करें

जिन मंत्रियों ने की मंत्रियों की शिकायतः कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया और महेश जोशी ने कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री के सामने ही यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की शिकायत कर दी थी. तीनों मंत्रियों की जयपुर में पट्टा वितरण और अन्य मामलों में शिकायतें थी.

Mutual Dispute in Gehlot Government, Allegations on Rajasthan Bureaucracy
मंत्री व विधायकों ने उठाए सवाल.

राजेंद्र गुढ़ाः मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने तो यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का एलाइनमेंट ही गड़बड़ होने की बात करते हुए यहां तक कह दिया था कि जल्द ही उनका अलाइनमेंट भी हम ठीक करेंगे.

अशोक चांदनाः गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना ने तो सोशल मीडिया पर (Complaint About Working Style of Ministers) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पर ही आरोप लगा दिया था. उन्होंने मुख्यमंत्री से खुद को मंत्रिमंडल से अलग करने की मांग कर दी थी.

पढ़ें : Unhappy Guda On Congress: मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बोले- सीएम गहलोत बोलते ज्यादा हैं...माकन ने की वादाखिलाफी

इन विधायकों ने की शिकायत :

  • विधायक वाजिब अली ने मंत्री बीडी कल्ला और प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर 99 फीसदी कांग्रेस को वोट देने वाली माइनॉरिटी की बात को नहीं सुनी जाएगी तो सरकार को इसके अंजाम भुगतने होंगे.
  • कांग्रेस की तेजतर्रार महिला विधायक दिव्या मदेरणा ने तो ब्यूरोक्रेसी के साथ ही जलदाय मंत्री महेश जोशी पर निशाना साधते हुए उन्हें रबड़ स्टाम्प तक बता दिया था. दिव्या मदेरणा ने महेश जोशी को उनके बेटे पर लगे आरोपों को लेकर पुलिस महकमे के साथ ही सवालों में खड़ा किया था.
  • विधायक हाकम अली ने मुख्यमंत्री से परसादी लाल मीणा की शिकायत की. यहां तक कि कुछ तबादलों को लेकर दोनों में तकरार भी हुई. हालांकि हाकम अली मंत्री परसादी लाल का नाम नहीं ले रहे, लेकिन मंत्रियों की कार्यशैली पर वह सवाल उठाते दिखाई दे रहे हैं.
  • विधायक अमीन कागजी तो परसादी लाल मीणा से इतने नाराज हुए कि वह उनके घर जाकर धरने पर बैठ गए.
  • G-6 में शामिल खिलाड़ी लाल बैरवा लगातार सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
  • गिर्राज मलिंगा ने राजस्थान के पुलिस महकमे को लेकर संगीन आरोप लगाए.
  • लखन मीणा भी सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
  • G-6 मैं शामिल संदीप यादव भी सरकार की कार्यशैली से नाराज दिखाई दे रहे हैं.
  • विधायक जोगिंदर अवाना ने पीडब्ल्यूडी विभाग में भ्रष्टाचार और अपने क्षेत्र में घटिया सड़क निर्माण को लेकर मंत्री भजन लाल जाटव को कटघरे में खड़ा किया था.
  • विधायक भरत सिंह ने तो एक के बाद एक कई लेटर मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ लिखते हुए उन्हें भ्रष्टाचार की जननी तक कह दिया.
  • राजस्थान के पूर्व मंत्री और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने 2 दिन पहले ही राजस्थान में भर्तियों में ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे रोस्टर पर सवाल खड़े करते हुए पूरे प्रदेश में धरने प्रदर्शन करने की बात कही.
  • राजेंद्र बिधूड़ी अपने क्षेत्र में डोडा पोस्त की तस्करी को लेकर लगातार पुलिस महकमे पर सवाल खड़े करते रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान में पहले सचिन पायलट और उनके कैंप से जुड़े विधायक (Mutual Dispute in Gehlot Government) सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते थे. लेकिन पिछले पिछले कुछ महीनों से यह शिकायतें बंद हो चुकी हैं. वहीं, अब गहलोत कैंप के माने जाने वाले मंत्री और विधायकों ने ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू कर दिया है. पिछले कुछ समय में करीब 40 से ज्यादा विधायकों ने मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.

हालात यह है कि न केवल गहलोत समर्थक विधायक, बल्कि गहलोत सरकार में मंत्री ही अपने साथी मंत्रियों और ब्यूरोक्रेसी की कार्यशैली पर (Allegations on Rajasthan Bureaucracy) सवाल खड़े कर रहे हैं. इसका साफ उदाहरण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और मंत्री अशोक चांदना हैं, जो केवल गहलोत सरकार में मंत्री ही नहीं है, बल्कि सीएम गहलोत के करीबी भी माने जाते हैं. इन दोनों मंत्रियों ने जिस तरह से ब्यूरोक्रेसी और सहयोगी मंत्रियों पर सवाल खड़े किए हैं. उससे खुद गहलोत सरकार भी कठघरे में खड़ी होती दिखाई दी.

गहलोत के मंत्री और विधायक ही उठा रहे कार्यशैली पर सवाल.

मंत्री अशोक चांदना और राजेंद्र गुढ़ा ने तो अपनी बात प्रत्यक्ष तौर पर सबके सामने रखी. वहीं, कैबिनेट की बैठक में ही मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और लालचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री के सामने ही मंत्री शांति धारीवाल की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए थे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी जब विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान उदयपुर में हुई में बड़ेबंदी में मंत्री बीडी कल्ला की कार्यशैली की शिकायत की. इस पर गोविंद डोटासरा विधायकों को लेकर सीधे बीडी कल्ला के सामने पहुंच गए और विधायकों की शिकायतों से मंत्री कल्ला को अवगत करवाया.

3 दर्जन से भी ज्यादा विधायक कर चुके हैं शिकायतः राजस्थान में बीते कुछ दिनों में ही 40 से ज्यादा विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने सरकार के मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. जिन मंत्रियों की सबसे ज्यादा शिकायत हुई है उनमें भी स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल हैं. कुछ विधायकों ने जलदाय मंत्री महेश जोशी और प्रमोद जैन भाया की भी शिकायत की है.

पढ़ें : Chandna Offers Resignation : नौकरशाही से नाराज चांदना ने की इस्तीफे की पेशकश, ट्वीट कर बोले- मुख्यमंत्री जी जलालत भरे पद से मुक्त करें

जिन मंत्रियों ने की मंत्रियों की शिकायतः कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया और महेश जोशी ने कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री के सामने ही यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की शिकायत कर दी थी. तीनों मंत्रियों की जयपुर में पट्टा वितरण और अन्य मामलों में शिकायतें थी.

Mutual Dispute in Gehlot Government, Allegations on Rajasthan Bureaucracy
मंत्री व विधायकों ने उठाए सवाल.

राजेंद्र गुढ़ाः मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने तो यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का एलाइनमेंट ही गड़बड़ होने की बात करते हुए यहां तक कह दिया था कि जल्द ही उनका अलाइनमेंट भी हम ठीक करेंगे.

अशोक चांदनाः गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना ने तो सोशल मीडिया पर (Complaint About Working Style of Ministers) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पर ही आरोप लगा दिया था. उन्होंने मुख्यमंत्री से खुद को मंत्रिमंडल से अलग करने की मांग कर दी थी.

पढ़ें : Unhappy Guda On Congress: मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बोले- सीएम गहलोत बोलते ज्यादा हैं...माकन ने की वादाखिलाफी

इन विधायकों ने की शिकायत :

  • विधायक वाजिब अली ने मंत्री बीडी कल्ला और प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर 99 फीसदी कांग्रेस को वोट देने वाली माइनॉरिटी की बात को नहीं सुनी जाएगी तो सरकार को इसके अंजाम भुगतने होंगे.
  • कांग्रेस की तेजतर्रार महिला विधायक दिव्या मदेरणा ने तो ब्यूरोक्रेसी के साथ ही जलदाय मंत्री महेश जोशी पर निशाना साधते हुए उन्हें रबड़ स्टाम्प तक बता दिया था. दिव्या मदेरणा ने महेश जोशी को उनके बेटे पर लगे आरोपों को लेकर पुलिस महकमे के साथ ही सवालों में खड़ा किया था.
  • विधायक हाकम अली ने मुख्यमंत्री से परसादी लाल मीणा की शिकायत की. यहां तक कि कुछ तबादलों को लेकर दोनों में तकरार भी हुई. हालांकि हाकम अली मंत्री परसादी लाल का नाम नहीं ले रहे, लेकिन मंत्रियों की कार्यशैली पर वह सवाल उठाते दिखाई दे रहे हैं.
  • विधायक अमीन कागजी तो परसादी लाल मीणा से इतने नाराज हुए कि वह उनके घर जाकर धरने पर बैठ गए.
  • G-6 में शामिल खिलाड़ी लाल बैरवा लगातार सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
  • गिर्राज मलिंगा ने राजस्थान के पुलिस महकमे को लेकर संगीन आरोप लगाए.
  • लखन मीणा भी सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
  • G-6 मैं शामिल संदीप यादव भी सरकार की कार्यशैली से नाराज दिखाई दे रहे हैं.
  • विधायक जोगिंदर अवाना ने पीडब्ल्यूडी विभाग में भ्रष्टाचार और अपने क्षेत्र में घटिया सड़क निर्माण को लेकर मंत्री भजन लाल जाटव को कटघरे में खड़ा किया था.
  • विधायक भरत सिंह ने तो एक के बाद एक कई लेटर मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ लिखते हुए उन्हें भ्रष्टाचार की जननी तक कह दिया.
  • राजस्थान के पूर्व मंत्री और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने 2 दिन पहले ही राजस्थान में भर्तियों में ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे रोस्टर पर सवाल खड़े करते हुए पूरे प्रदेश में धरने प्रदर्शन करने की बात कही.
  • राजेंद्र बिधूड़ी अपने क्षेत्र में डोडा पोस्त की तस्करी को लेकर लगातार पुलिस महकमे पर सवाल खड़े करते रहे हैं.
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