कासरगोड: एमटी रामलथ (MT Ramlath) अपने पसीने से तर हाथ में 20 रुपये का नोट पकड़े मुथप्पन थेय्यम (Muthappan Theyyam) के सामने भक्तों की भीड़ में झिझक के साथ खड़ी थी. बालकृष्णन पीवी जो वलियापरम्बा पंचायत के कडप्पुरम में रामलथ के पड़ोसी ने मन्नत पूरी होने पर अपने घर में थेय्यम अनुष्ठान रखा था. मुथप्पन थेय्यम, जिसे भगवान विष्णु और भगवान शिव का अवतार माना जाता है, मालाबार में सबसे उदार देवताओं में से एक हैं. उनके मंदिर, जिन्हें मदप्पुरा कहा जाता है, सभी संस्कृतियों और जातियों के लोगों के लिए खुले हैं. सद्भावना के मिसाल के तौर पर कन्नूर के परसिनिकादावु के मुथप्पन मदप्पुरा (Muthappan Madappura) (जो में स्थित सभी मुथप्पन मंदिरों में सबसे महत्वपूर्ण है) में कोई भी भक्तों के साथ कुत्तों को भी लेटे हुए देख सकता है.
थेय्यम और महिला के बीच की बातचीत को बालकृष्णन के रिश्तेदार केवी शाजू ने रिकॉर्ड और सोशल मीडिया पर साझा किया. शाजू ने कहा कि उन्होंने वीडियो इसलिए साझा किया क्योंकि यह उनके गांव की संस्कृति को दर्शाता है. रामलथ ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मुझे रिकॉर्ड किया जा रहा है. रामलथ ने कहा कि अगले ढाई मिनट ने उसके जीवन को बदल दिया. वीडियो के वायरल होने के बाद कई लोग हमारी मदद के लिए आगे आए हैं. हालांकि, कुछ संकीर्ण सोच वाले लोग मेरी आलोचना भी कर रहे हैं. लेकिन मैं परेशान नहीं हूं.
मुथप्पन थेय्यम के रूप में लोगों से मिलने वाले वन्नन अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्य सानी पेरुवन्नन ने कहा कि सभी धर्मों के लोग देवता के पास आए. लेकिन यह पहली बार है जब मेरा वीडियो शूट किया गया है. और तब से, मेरे फोन की घंटी बजना बंद नहीं हुई. उन्होंने कहा कि अपने पिता की तरह पूर्णकालिक थेयम कलाकार बनने से पहले नीलेश्वर के चिन्मय विद्यालय में ड्राइंग पढ़ाते थे.
वलियापरम्बा डिवीजन के नीलेश्वर ब्लॉक पंचायत सदस्य अनिल कुमार के ने कहा कि उनके पंचायत में मंदिरों में त्योहारों का आयोजन और वित्त पोषण मुस्लिम और हिंदू दोनों करते हैं. मविलकरपुरम के ओरियाकव में विष्णुमूर्ति मंदिर की उत्सव आयोजन समिति में भी मुसलमान सदस्य हैं. फरवरी 2017 में, श्री पदना मुंड्या मंदिर के समिति के सदस्यों ने जमात-ए-इस्लामी हिंद की जिला बैठक आयोजित करने के लिए मंदिर के परिसर की दीवार के एक हिस्से को तोड़ दिया. अनिल कुमार ने कहा कि दोनों धर्मों के लोगों के बीच यहां काफी भरोसा है.