ETV Bharat / bharat

उदयपुर घटना पर बोले उलमा, इस्लाम में जुल्म ज्यादती की कोई जगह नहीं, दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई

राजस्थान के उदयपुर शहर में युवक की हत्या की मुस्लिम समुदाय के बड़े मुस्लिम धर्मगुरुओं ने निंदा की है. उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस्लाम में जुल्म ज्यादती की कोई जगह नहीं है.

etv bharat
उदयपुर शहर में युवक की हत्या
author img

By

Published : Jun 29, 2022, 11:37 AM IST

लखनऊ: उदयपुर की घटना पर अब मुस्लिम समुदाय के बड़े मुस्लिम धर्मगुरुओं की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है. दारुल उलूम फरंगी महल के सरपरस्त मौलना खालिद राशिद फरंगी महली, मौलाना सुफियान निजामी, काजी ए शहर मुफ़्ती अबुल इरफ़ान फरंगी महली समेत कई बड़े उलमा ने उदयपुर घटना की निंदी की है. उन्होंने सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है.

उदयपुर की घटना की मौलना खालिद राशिद फरंगी महली ने निंदा की.

उदयपुर की घटना पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि इस घटना की जितनी निंदा कि जाए कम है. उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस्लाम में जुल्म ज्यादती की कोई जगह नहीं, क्योंकि पैगम्बर ए इस्लाम ने सबको मिलकर रहने का हमेशा पैगाम दिया. फरंगी महली ने कहा कि इस तरीके की घटना शर्मनाक है. पैगम्बर ने तो अपने बड़े से बड़े दुश्मनों को भी माफ किया है. मौलाना खालिद रशीद ने मुल्क की अवाम से आपसी भाईचारा और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है.

उदयपुर की घटना पर काजी ए शहर मुफ्ती अबुल इरफान मिया की ओर से भी बयान जारी हुआ है. उन्होंने कहा कि उदयपुर में नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाले व्यक्ति की हत्या घोर निंदनीय है. काजी ए शहर मुफ़्ती अबुल इरफान मिया ने कहा कि पैगंबर ए इस्लाम मुहम्मद ए मुस्तफा ने कभी किसी को शारीरिक रूप से नुकसान नहीं पहुंचाया, हमेशा अमन का पैगाम दिया. इसलिए किसी को भी किसी भी आपराधिक गतिविधि को करने के लिए इस्लाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसलिए हम हमारी संस्थाएं हमारे धर्मगुरु, हमारे बुजुर्ग, हमारे उलेमा इस तरह की गतिविधियों की सख्त से सख्त निंदा करते हैं और आवाम से खासतौर से नौजवानों से अपील करते हैं कि जज़्बात में आकर किसी भी तरह की गैरकानूनी या गैर शरई गतिविधि में शामिल न हों.

दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता और मुस्लिम धर्मगुरु मौलना सुफियान निजामी ने कहा कि हमारे मुल्क के अंदर कानून है, संविधान है. अगर किसी को भी अपना एतराज दर्ज कराना है तो उसको कानून और संविधान ने हक दिया है. अपनी बात हुकूमतों और अदालतों तक पहुंचाने के रास्ते दिए हैं. इसलिए कानून को हाथ में लेने का इख़्तियार किसी को नहीं दिया जा सकता है. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि इस वहशियाना अमल की किसी भी सूरत में हिमायत नहीं की जा सकती. लिहाजा सरकार को चाहिए कि मुजरिमों को सख्त सजा दी जाए, ताकि मुस्तक़बिल में इस तरह की वारदातें कभी न देखने को मिलें.

'कानून को अपने हाथ में लेना निंदनीय, दुखद और गैर इस्लामी कृत्य'
देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने कहा कि किसी भी धर्म के पवित्र व्यक्तित्वों का अपमान करना एक गम्भीर अपराध है. भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने इस्लाम के पवित्र पैग़म्बर के बारे में जो अपमानजनक शब्द कहे हैं, वह मुसलमानों के लिए अत्यन्त दुखदायी है, इसके साथ ही सरकार का उसपर कोई कार्रवाई न करना जख्म पर नमक रखने जैसा है. लेकिन, इसके बावजूद कानून को अपने हाथ में लेना और किसी व्यक्ति को स्वयं अपराधी घोषित करके हत्या कर देना निंदनीय कृत्य है.

यह भी पढ़ें: उदयपुर घटना की निंदा करता हूं, सरकार को इस्तीफा देना चाहिए- मौलाना तौकीर रजा

उन्होंने कहा कि न कानून इसकी अनुमति देता है और न इस्लामी शरीयत इसको जायज ठहराती है. इसलिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उदयपुर (राजस्थान) में घटित होने वाली घटना की कड़ी निंदा करता है. बोर्ड इस मामले में शुरू से एक ओर मुसलमानों से अपील करता रहा है कि वे धैर्य से काम लें और कानूनी मार्ग अपनाएं, दूसरी ओर सरकार से अपील करता रहा है कि यह मुसलमानों की भावना और आस्था का मामला है, इसलिए किसी भी पवित्र व्यक्तित्वों के अपमान के सम्बंध में सख्त कानून बनना चाहिए और ऐसे मामलों में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जानी चाहिए. बोर्ड एक बार पुनः मुसलमानों से अपील करता है कि वे बिल्कुल भी कानून को अपने हाथ में न लें और ऐसे किसी भी कृत्य से बचें जो सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करता हो.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: उदयपुर की घटना पर अब मुस्लिम समुदाय के बड़े मुस्लिम धर्मगुरुओं की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है. दारुल उलूम फरंगी महल के सरपरस्त मौलना खालिद राशिद फरंगी महली, मौलाना सुफियान निजामी, काजी ए शहर मुफ़्ती अबुल इरफ़ान फरंगी महली समेत कई बड़े उलमा ने उदयपुर घटना की निंदी की है. उन्होंने सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है.

उदयपुर की घटना की मौलना खालिद राशिद फरंगी महली ने निंदा की.

उदयपुर की घटना पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि इस घटना की जितनी निंदा कि जाए कम है. उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस्लाम में जुल्म ज्यादती की कोई जगह नहीं, क्योंकि पैगम्बर ए इस्लाम ने सबको मिलकर रहने का हमेशा पैगाम दिया. फरंगी महली ने कहा कि इस तरीके की घटना शर्मनाक है. पैगम्बर ने तो अपने बड़े से बड़े दुश्मनों को भी माफ किया है. मौलाना खालिद रशीद ने मुल्क की अवाम से आपसी भाईचारा और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है.

उदयपुर की घटना पर काजी ए शहर मुफ्ती अबुल इरफान मिया की ओर से भी बयान जारी हुआ है. उन्होंने कहा कि उदयपुर में नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाले व्यक्ति की हत्या घोर निंदनीय है. काजी ए शहर मुफ़्ती अबुल इरफान मिया ने कहा कि पैगंबर ए इस्लाम मुहम्मद ए मुस्तफा ने कभी किसी को शारीरिक रूप से नुकसान नहीं पहुंचाया, हमेशा अमन का पैगाम दिया. इसलिए किसी को भी किसी भी आपराधिक गतिविधि को करने के लिए इस्लाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसलिए हम हमारी संस्थाएं हमारे धर्मगुरु, हमारे बुजुर्ग, हमारे उलेमा इस तरह की गतिविधियों की सख्त से सख्त निंदा करते हैं और आवाम से खासतौर से नौजवानों से अपील करते हैं कि जज़्बात में आकर किसी भी तरह की गैरकानूनी या गैर शरई गतिविधि में शामिल न हों.

दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता और मुस्लिम धर्मगुरु मौलना सुफियान निजामी ने कहा कि हमारे मुल्क के अंदर कानून है, संविधान है. अगर किसी को भी अपना एतराज दर्ज कराना है तो उसको कानून और संविधान ने हक दिया है. अपनी बात हुकूमतों और अदालतों तक पहुंचाने के रास्ते दिए हैं. इसलिए कानून को हाथ में लेने का इख़्तियार किसी को नहीं दिया जा सकता है. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि इस वहशियाना अमल की किसी भी सूरत में हिमायत नहीं की जा सकती. लिहाजा सरकार को चाहिए कि मुजरिमों को सख्त सजा दी जाए, ताकि मुस्तक़बिल में इस तरह की वारदातें कभी न देखने को मिलें.

'कानून को अपने हाथ में लेना निंदनीय, दुखद और गैर इस्लामी कृत्य'
देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने कहा कि किसी भी धर्म के पवित्र व्यक्तित्वों का अपमान करना एक गम्भीर अपराध है. भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने इस्लाम के पवित्र पैग़म्बर के बारे में जो अपमानजनक शब्द कहे हैं, वह मुसलमानों के लिए अत्यन्त दुखदायी है, इसके साथ ही सरकार का उसपर कोई कार्रवाई न करना जख्म पर नमक रखने जैसा है. लेकिन, इसके बावजूद कानून को अपने हाथ में लेना और किसी व्यक्ति को स्वयं अपराधी घोषित करके हत्या कर देना निंदनीय कृत्य है.

यह भी पढ़ें: उदयपुर घटना की निंदा करता हूं, सरकार को इस्तीफा देना चाहिए- मौलाना तौकीर रजा

उन्होंने कहा कि न कानून इसकी अनुमति देता है और न इस्लामी शरीयत इसको जायज ठहराती है. इसलिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उदयपुर (राजस्थान) में घटित होने वाली घटना की कड़ी निंदा करता है. बोर्ड इस मामले में शुरू से एक ओर मुसलमानों से अपील करता रहा है कि वे धैर्य से काम लें और कानूनी मार्ग अपनाएं, दूसरी ओर सरकार से अपील करता रहा है कि यह मुसलमानों की भावना और आस्था का मामला है, इसलिए किसी भी पवित्र व्यक्तित्वों के अपमान के सम्बंध में सख्त कानून बनना चाहिए और ऐसे मामलों में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जानी चाहिए. बोर्ड एक बार पुनः मुसलमानों से अपील करता है कि वे बिल्कुल भी कानून को अपने हाथ में न लें और ऐसे किसी भी कृत्य से बचें जो सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करता हो.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.