भुवनेश्वर : ओडिशा के पुरी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक वीआईपी यात्रा के दौरान एक मुस्लिम अधिकारी ने मंदिर में प्रवेश किया. उसके अधीनस्थ ने उन्हें ऐसा करने से मना किया तो उसका तबादला 400 किलोमीटर दूर कर दिया गया. अब ये मामला तूल पकड़ रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली में प्रदर्शन प्रबंधन महानिदेशालय में अफसर रेशमा लेखानी (आईआरएस) ने गैर-हिंदू होने के बावजूद पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की. रिपोर्टों के अनुसार लेखानी को जीएसटी आयुक्तालय के अधीक्षक रोशन यादव ने ऐसा करने से मना किया. इस पर कथित तौर पर लेखानी यादव पर गुस्सा हो गईं और उन्हें चेतावनी दी. बाद में उन्होंने यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उसने उसके साथ दुर्व्यवहार किया.
लेखानी ने मुख्य आयुक्त, जीएसटी को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि 'बड़े दु:ख और कष्ट के साथ मैं आपको एक अधीक्षक के व्यवहार के बारे में सूचित करना चाहती हूं. श्रोशन यादव, जिन्हें पुरी में प्रोटोकॉल की ड्यूटी दी गई थी, लेकिन उन्होंने मेरे साथ बदसलूकी की. उन्होंने बिना किसी कारण के पुलिस निरीक्षक से मेरी जांच करने के लिए कहा और मुझे ऐसा महसूस कराया जैसे मैं पुरी में एक आतंकवादी हूं.'
जल्द ही, रोशन यादव को कथित तौर पर एक ऐसे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया जो पुरी शहर से लगभग 400 किलोमीटर दूर है. इस घटनाक्रम के बाद कई ट्विटर यूजर्स ने लेखानी को न केवल मंदिर में प्रवेश करने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने के लिए, बल्कि अधिकारी का तबादला भी कराने के लिए ट्रोल किया.
लखनऊ सर्कल के ऑल इंडिया सेंट्रल एक्साइज इंस्पेक्टर्स एसोसिएशन ने भी इस घटना की निंदा की और ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ध्यान इस मामले की ओर खींचा. वहीं, अब इस मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से रेशमा लखानी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है.