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Muslim Love For Buddha: मुस्लिम भाई-बहन ने 'बुध से जोड़ा बुद्ध' का नाता, दोनों ने किया है गहन शोध

गया के मुस्लिम परिवार के भाई-बहन ने बौद्ध धर्म से प्रभावित होकर उस पर रिसर्च कर 'बुद्ध है हो जाना' आर्टिकल लिख (Muslim brother and sister wrote article on Buddha)डाला. भाई का जन्म बुधवार को हुआ तो मां ने घर का पुकारू नाम बुद्ध रख दिया. बार-बार बुद्ध नाम सुनते-सुनते दोनों का भगवान बुद्ध से एक लगाव शुरू हो गया. बस यहीं से बुद्ध का प्रभाव दोनों भाई-बहन पर पड़ने लगा. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Feb 2, 2023, 6:44 AM IST

मुस्लिम भाई बहन ने बुद्ध पर लिखा आलेख
मुस्लिम भाई बहन ने बुद्ध पर लिखा आलेख

गयाः बिहार के गया में एक मुस्लिम परिवार के भाई-बहन में अनोखी समानता है. भाई और बहन दोनों कॉलेज में प्रोफेसर हैं, तो दोनों साथ में रिसर्च भी करते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों भगवान बुद्ध के विचार से प्रभावित (Muslim siblings influenced by Lord Buddha) हैं. भाई-बहन की समानता के बीच बुद्ध के विचार से प्रभावित होने की अनोखी कहानी है. भाई का बुधवार को जन्म होने के कारण घरेलु नाम बुद्ध रख दिया गया और इस तरह इस नाम का प्रभाव दोनों भाई बहनों पर ऐसा पड़ा कि आगे चलकर दोनों ने भगवान बुद्ध पर ही शोध कर डाला.

ये भी पढ़ेंः Gaya News: 29 दिनों के बाद दलाई लामा तिब्बत के लिए रवाना, दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु

तथागत पुस्तक में छपी थी इनकी आर्टिकलः 27 जनवरी से 29 जनवरी तक बोधगया में इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव का आयोजन हुआ था. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इस दौरान तथागत नाम की एक पुस्तक का विमोचन भी किया था. इस पुस्तक में एक आर्टिकल इस मुस्लिम परिवार से भी थी. इस आर्टिकल की काफी सराहना हुई थी. आर्टिकल का नाम था 'बुद्ध है हो जाना'. यह आर्टिकल मोहम्मद दानिश मशहूर और इनकी बहन डॉक्टर जाकिया मसरूर के नाम से छपी थी.

पूरा परिवार है बुद्ध से प्रभावितः दोनों भाई-बहन या यूं कहें कि पूरा परिवार भगवान बुद्ध और उनके उपदेशों से प्रभावित है. इसकी कहानी भी अनोखी है. आर्टिकल लिखने वाले डॉ. दानिश मसरूर और डॉ. जाकियां मसरूर भाई बहन हैं. इनके बुद्ध से प्रभावित होने की कहानी भी अनोखी है. जब दानिश का जन्म हुआ था, तब मां रोशन जहां ने कहा था, कि बुधवार को पैदा हुआ है और बुद्ध की तरह दिखता है. घर के लोगों उसे बुद्ध कहकर बुलाते थे. वहीं, बहन जाकिया मसरूर को बुद्ध की बहन कहते थे. बुद्ध नाम बार-बार पुकारे जाने से दोनों भाई-बहन में भगवान बुद्ध और उनके उपदेशों के प्रति काफी लगाव हुआ और धीरे-धीरे भगवान बुद्ध से काफी प्रभावित हुए.

जीवन वृतांत के साथ लिखी एक छोटी कविता: शिक्षाविद परिवार से रहने के कारण बौद्ध दर्शन को इन दोनों भाई-बहनों ने पढ़ा और भगवान बुद्ध और उनके उपदेशों के बारे में जाना. भगवान बुद्ध से काफी प्रभावित डॉ. दानिश मसरूर और डॉ. जाकिया मसरूर दोनों पेशे से रिसर्चर हैं, तो उन्होंने भगवान बुद्ध को काफी जाना और उसके बाद निर्णय लिया कि वह इन पर किताब लिखेंगे. इस क्रम में बौद्ध महोत्सव पर छपने वाली तथागत पुस्तिका के बारे में जानकारी मिली तो डॉ. दानिश मसरूर ने अपनी बहन की मदद से भगवान बुद्ध के जीवन वृतांत के साथ एक छोटी कविता भी लिखी. नाम दिया 'बुद्ध है हो जाना'

आर्टिकल लिखी 'बुद्ध है हो जाना' : रीजनल कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्रोफेसर डॉ. दानिश मसरूर और डॉ बीआर अंबेडकर कॉलेज ऑफ एजुकेशन की प्रोफ़ेसर जाकिया मसरूर दोनों भाई बहन के द्वारा तथागत पुस्तिका में भगवान बुद्ध को लेकर आर्टिकल लिखी गई. इस संबंध में दानिश मसरूर बताते हैं कि उसका जन्म बुधवार को हुआ था. बचपन में ही मां कहती थी, यह भगवान बुद्ध की तरह लगता है. वह सोचते थे कि मां ऐसा बार-बार क्यों कहती है. इस क्रम में भगवान बुद्ध को जानने की कोशिश की और नतीजा रहा कि अब हमारी आर्टिकल तथागत पुस्तिका में छपी है, जिसका विमोचन बौद्ध महोत्सव के उद्घाटन के दिन हुआ था. जीवन वृतांत के साथ एक छोटी कविता को मिलाते हुए 'बुद्ध है हो जाना' लिखा.

"बचपन में ही मां कहती थी, यह भगवान बुद्ध की तरह लगता है. वह सोचते थे कि मां ऐसा बार-बार क्यों कहती है. इस क्रम में भगवान बुद्ध को जानने की कोशिश की और नतीजा रहा कि अब हमारी आर्टिकल तथागत पुस्तिका में छपी है" - डाॅ दानिश मसरूर

भगवान बुद्ध के उपदेश अमूल्य हैंः दानिश कहते हैं कि भगवान बुद्ध ने जो उपदेश दिए है, उनके उपदेशों पर चला जाए तो जीवन सफल हो सकता है. भगवान बुद्ध के उपदेश अमूल्य चीज है. आज के परिवेश में भगवान बुद्ध प्रासंगिक है. वहीं जाकिया मसरूर बताती है कि भगवान बुद्ध से वह काफी प्रभावित है. दोनों भाई बहन एक साथ ही रिसर्च करते हैं. कोई भी काम एक साथ विचार-विमर्श लेने के बाद ही करते हैं और भगवान बुद्ध पर यह आर्टिकल दोनों ने एक साथ मिलकर लिखा, जो कि इन दिनों काफी चर्चा में है. आर्टिकल में भाई बहन दोनों का नाम लिखा गया है.

"भगवान बुद्ध से वह काफी प्रभावित है. दोनों भाई बहन एक साथ ही रिसर्च करते हैं. कोई भी काम एक साथ विचार-विमर्श लेने के बाद ही करते हैं और भगवान बुद्ध पर यह आर्टिकल दोनों ने एक साथ मिलकर लिखा, जो कि इन दिनों काफी चर्चा में है" - डाॅ. जाकिया मसरूर

गयाः बिहार के गया में एक मुस्लिम परिवार के भाई-बहन में अनोखी समानता है. भाई और बहन दोनों कॉलेज में प्रोफेसर हैं, तो दोनों साथ में रिसर्च भी करते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों भगवान बुद्ध के विचार से प्रभावित (Muslim siblings influenced by Lord Buddha) हैं. भाई-बहन की समानता के बीच बुद्ध के विचार से प्रभावित होने की अनोखी कहानी है. भाई का बुधवार को जन्म होने के कारण घरेलु नाम बुद्ध रख दिया गया और इस तरह इस नाम का प्रभाव दोनों भाई बहनों पर ऐसा पड़ा कि आगे चलकर दोनों ने भगवान बुद्ध पर ही शोध कर डाला.

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तथागत पुस्तक में छपी थी इनकी आर्टिकलः 27 जनवरी से 29 जनवरी तक बोधगया में इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव का आयोजन हुआ था. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इस दौरान तथागत नाम की एक पुस्तक का विमोचन भी किया था. इस पुस्तक में एक आर्टिकल इस मुस्लिम परिवार से भी थी. इस आर्टिकल की काफी सराहना हुई थी. आर्टिकल का नाम था 'बुद्ध है हो जाना'. यह आर्टिकल मोहम्मद दानिश मशहूर और इनकी बहन डॉक्टर जाकिया मसरूर के नाम से छपी थी.

पूरा परिवार है बुद्ध से प्रभावितः दोनों भाई-बहन या यूं कहें कि पूरा परिवार भगवान बुद्ध और उनके उपदेशों से प्रभावित है. इसकी कहानी भी अनोखी है. आर्टिकल लिखने वाले डॉ. दानिश मसरूर और डॉ. जाकियां मसरूर भाई बहन हैं. इनके बुद्ध से प्रभावित होने की कहानी भी अनोखी है. जब दानिश का जन्म हुआ था, तब मां रोशन जहां ने कहा था, कि बुधवार को पैदा हुआ है और बुद्ध की तरह दिखता है. घर के लोगों उसे बुद्ध कहकर बुलाते थे. वहीं, बहन जाकिया मसरूर को बुद्ध की बहन कहते थे. बुद्ध नाम बार-बार पुकारे जाने से दोनों भाई-बहन में भगवान बुद्ध और उनके उपदेशों के प्रति काफी लगाव हुआ और धीरे-धीरे भगवान बुद्ध से काफी प्रभावित हुए.

जीवन वृतांत के साथ लिखी एक छोटी कविता: शिक्षाविद परिवार से रहने के कारण बौद्ध दर्शन को इन दोनों भाई-बहनों ने पढ़ा और भगवान बुद्ध और उनके उपदेशों के बारे में जाना. भगवान बुद्ध से काफी प्रभावित डॉ. दानिश मसरूर और डॉ. जाकिया मसरूर दोनों पेशे से रिसर्चर हैं, तो उन्होंने भगवान बुद्ध को काफी जाना और उसके बाद निर्णय लिया कि वह इन पर किताब लिखेंगे. इस क्रम में बौद्ध महोत्सव पर छपने वाली तथागत पुस्तिका के बारे में जानकारी मिली तो डॉ. दानिश मसरूर ने अपनी बहन की मदद से भगवान बुद्ध के जीवन वृतांत के साथ एक छोटी कविता भी लिखी. नाम दिया 'बुद्ध है हो जाना'

आर्टिकल लिखी 'बुद्ध है हो जाना' : रीजनल कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्रोफेसर डॉ. दानिश मसरूर और डॉ बीआर अंबेडकर कॉलेज ऑफ एजुकेशन की प्रोफ़ेसर जाकिया मसरूर दोनों भाई बहन के द्वारा तथागत पुस्तिका में भगवान बुद्ध को लेकर आर्टिकल लिखी गई. इस संबंध में दानिश मसरूर बताते हैं कि उसका जन्म बुधवार को हुआ था. बचपन में ही मां कहती थी, यह भगवान बुद्ध की तरह लगता है. वह सोचते थे कि मां ऐसा बार-बार क्यों कहती है. इस क्रम में भगवान बुद्ध को जानने की कोशिश की और नतीजा रहा कि अब हमारी आर्टिकल तथागत पुस्तिका में छपी है, जिसका विमोचन बौद्ध महोत्सव के उद्घाटन के दिन हुआ था. जीवन वृतांत के साथ एक छोटी कविता को मिलाते हुए 'बुद्ध है हो जाना' लिखा.

"बचपन में ही मां कहती थी, यह भगवान बुद्ध की तरह लगता है. वह सोचते थे कि मां ऐसा बार-बार क्यों कहती है. इस क्रम में भगवान बुद्ध को जानने की कोशिश की और नतीजा रहा कि अब हमारी आर्टिकल तथागत पुस्तिका में छपी है" - डाॅ दानिश मसरूर

भगवान बुद्ध के उपदेश अमूल्य हैंः दानिश कहते हैं कि भगवान बुद्ध ने जो उपदेश दिए है, उनके उपदेशों पर चला जाए तो जीवन सफल हो सकता है. भगवान बुद्ध के उपदेश अमूल्य चीज है. आज के परिवेश में भगवान बुद्ध प्रासंगिक है. वहीं जाकिया मसरूर बताती है कि भगवान बुद्ध से वह काफी प्रभावित है. दोनों भाई बहन एक साथ ही रिसर्च करते हैं. कोई भी काम एक साथ विचार-विमर्श लेने के बाद ही करते हैं और भगवान बुद्ध पर यह आर्टिकल दोनों ने एक साथ मिलकर लिखा, जो कि इन दिनों काफी चर्चा में है. आर्टिकल में भाई बहन दोनों का नाम लिखा गया है.

"भगवान बुद्ध से वह काफी प्रभावित है. दोनों भाई बहन एक साथ ही रिसर्च करते हैं. कोई भी काम एक साथ विचार-विमर्श लेने के बाद ही करते हैं और भगवान बुद्ध पर यह आर्टिकल दोनों ने एक साथ मिलकर लिखा, जो कि इन दिनों काफी चर्चा में है" - डाॅ. जाकिया मसरूर

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