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दुष्कर्म के बाद मां-बेटी की हत्या के दोषी को सजा ए मौत, एक को उम्रकैद

एक महिला और उसकी बेटी की दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है, जबकि उसका साथ देने वाले को उम्रकैद. जानिए क्या है पूरा मामला (Murder rape of woman daughter in Surat) .

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एक को उम्रकैद
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Published : Mar 7, 2022, 7:26 PM IST

सूरत : गुजरात की एक स्थानीय अदालत ने एक महिला और उसकी 11 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उनकी हत्या करने के मामले में सोमवार को मुजरिम को मौत की सजा और उसके साथी को हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है. यह मामला 2018 का है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए एच धमानी की यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) विशेष अदालत ने इस मामले में दोषी पाए गए हर्ष सहाय गुर्जर को मौत की सजा जबकि उसके सहयोगी हरिओम गुर्जर को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

विशेष लोक अभियोजक पी एन परमार ने कहा कि अदालत ने गुजरात सरकार को महिला और लड़की के पिता को संयुक्त रूप से 7.50 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया. पुलिस के अनुसार हर्ष ने महिला और उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया और उसके बाद दोनों की हत्या कर दी थी. हर्ष उन्हें राजस्थान से एक निर्माण स्थल पर काम करने के लिए लाया था जहां वे रुके थे.

विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक महिला ने जब घर वापस जाने की इच्छा जाहिर की तो हर्ष ने महिला की हत्या कर दी और उसकी बेटी को अपने घर लेकर चला गया. इसके बाद हर्ष ने महिला की बेटी के साथ 10 दिन तक दुष्कर्म किया और फिर उसके बाद उसकी भी हत्या कर दी. विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि हर्ष को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत मौत की सजा सुनाई गई, जबकि उसे धारा 376 (2) (दुष्कर्म) के तहत आजीवन कारावास और धारा 201 के तहत सात साल की सजा सुनाई गई थी.

उन्होंने कहा कि हरिओम को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास और अपहरण के आरोप में आईपीसी की धारा 364 के तहत 10 साल जेल की सजा सुनाई गई, उन्होंने कहा कि सजाएं साथ-साथ चलेंगी. दोनों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया था.

पढ़ें- बलात्कार-हत्या मामला : उच्चतम न्यायालय ने मौत की सजा के क्रियान्वयन पर रोक लगाई

पढ़ें- बच्ची से गैंगरेप: दोषी की मौत की सजा टली, SC ने लगाई रोक
(पीटीआई-भाषा)

सूरत : गुजरात की एक स्थानीय अदालत ने एक महिला और उसकी 11 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उनकी हत्या करने के मामले में सोमवार को मुजरिम को मौत की सजा और उसके साथी को हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है. यह मामला 2018 का है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए एच धमानी की यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) विशेष अदालत ने इस मामले में दोषी पाए गए हर्ष सहाय गुर्जर को मौत की सजा जबकि उसके सहयोगी हरिओम गुर्जर को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

विशेष लोक अभियोजक पी एन परमार ने कहा कि अदालत ने गुजरात सरकार को महिला और लड़की के पिता को संयुक्त रूप से 7.50 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया. पुलिस के अनुसार हर्ष ने महिला और उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया और उसके बाद दोनों की हत्या कर दी थी. हर्ष उन्हें राजस्थान से एक निर्माण स्थल पर काम करने के लिए लाया था जहां वे रुके थे.

विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक महिला ने जब घर वापस जाने की इच्छा जाहिर की तो हर्ष ने महिला की हत्या कर दी और उसकी बेटी को अपने घर लेकर चला गया. इसके बाद हर्ष ने महिला की बेटी के साथ 10 दिन तक दुष्कर्म किया और फिर उसके बाद उसकी भी हत्या कर दी. विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि हर्ष को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत मौत की सजा सुनाई गई, जबकि उसे धारा 376 (2) (दुष्कर्म) के तहत आजीवन कारावास और धारा 201 के तहत सात साल की सजा सुनाई गई थी.

उन्होंने कहा कि हरिओम को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास और अपहरण के आरोप में आईपीसी की धारा 364 के तहत 10 साल जेल की सजा सुनाई गई, उन्होंने कहा कि सजाएं साथ-साथ चलेंगी. दोनों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया था.

पढ़ें- बलात्कार-हत्या मामला : उच्चतम न्यायालय ने मौत की सजा के क्रियान्वयन पर रोक लगाई

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(पीटीआई-भाषा)

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