हैदराबाद : तेलंगाना का मुनूगोड़े राज्य की राजनीति का हॉटस्पॉट बन गया है. शनिवार को यहां टीआरएस की ओर से आयोजित प्रजादिवेना सभा में सीएम केसीआर ने केंद्र सरकार के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है. सभा में केसीआर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. दरअसल, तेलंगाना में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा राज्य की सत्ता पर काबिज टीआरएस को कड़ी चुनौती दे रही है. ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से ठीक एक दिन पहले 20 अगस्त को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मुनुगोड़ु उपचुनाव के लिए प्रचार किया.
इस दौरान केसीआर ने केंद्र सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने कृष्णा नदी पानी विवाद को सुलझने नहीं दिया और तेलंगाना के साथ धोखा किया. इन सवालों का जवाब अमित शाह को मुनुगोड़े में 21 अगस्त को होने वाली बैठक में जवाब देना चाहिए. उन्होंने शिकायत की कि भाजपा को पहले कभी जमा नहीं मिला. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बीजेपी को इस बार वोट मिला तो वे कृषि पंप एवं कुओं पर भी बिजली मीटर लगा देंगे. उन्होंने कहा कि वह लोगों के समर्थन से ही मीटर के खिलाफ लड़ रहे हैं.
उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछला उपचुनाव राजनीतिक दलों का चुनाव नहीं था. यह किसानों की रोजी-रोटी का चुनाव था. केसीआर ने हमें प्रगतिशील ताकतों के साथ एकजुट होने और अपनी किसान विरोधी नीतियों के लिए, कृषि मोटरों पर मीटर लगाने और हमारा अनाज नहीं खरीदने के लिए भाजपा को बाहर करने के लिए बुलाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को वोट देना बेकार होगा. किसान वोट डालने से पहले कुएं पर लाठी लगाकर अपना वोट डालें. महिलाओं को मतदान से पहले गैस सिलेंडर पर माल्यार्पण कर मतदान करने को कहा गया.
केसीआर का आरोप है कि नरेंद्र मोदी सभी राज्यों में गैर-भाजपा शासित सरकारों को गिराना चाहते हैं और ईडी भेजने की धमकी दे रहे हैं. राजधानी दिल्ली में पानी और बिजली की समुचित व्यवस्था नहीं है प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में बिजली नहीं है. हमें अपनी मोटरों के पास मीटर नहीं लगाना चाहिए, भाजपा के लिए मीटर लगाना चाहिए. तेलंगाना के मुनुगोड़ु निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विधायक कोमातीरेड्डी राजगोपाल रेड्डी ने 3 अगस्त को कांग्रेस पार्टी से विधायक के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि मैं सोनिया गांधी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन देश में कांग्रेस पार्टी कमजोर हो गई है.