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बसपा सुप्रीमो मायावती बोलीं- माफिया अतीक अहमद के परिवार को टिकट नहीं देंगे, शाइस्ता पर जल्द लेंगी फैसला - mafia atiq ahmed

बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी कार्यालय में आज प्रेस कॉन्फेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वे माफिया अतीक अहमद के पूरे परिवार से किसी को टिकट नहीं देंगी. वहीं, उन्होंने निकाय चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग की.

बसपा सुप्रीमो मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती
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Published : Apr 10, 2023, 1:49 PM IST

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को पार्टी कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. बसपा सुप्रीमो ने सरकार और निर्वाचन से संबंधित अधिकारियों से निकाय चुनाव ईवीएम से न कराकर बैलेट पेपर से कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव के लिए जो आरक्षण प्रक्रिया लागू की गई है, उसमें दलितों और पिछड़ों के हित को नजरअंदाज किया गया है. सरकार ने अपने पक्ष वाली प्रक्रिया अपनाई है, यह सही नहीं है. जहां तक माफिया अतीक अहमद की पत्नी को मेयर का टिकट देने का सवाल है तो उनके पूरे परिवार से किसी को टिकट नहीं देंगे, इस बात का ऐलान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कर दिया है.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस कंपनी पसमांदा मुस्लिम समाज का राग अलाप रही है. मुसलमानों का भला भारतीय जनता पार्टी में कभी नहीं हुआ. भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी सरकार की तरह काम कर रही है. इन दोनों ही सरकारों में मुसलमानों का भला नहीं हुआ. बहुजन समाज पार्टी के कार्यकाल में ही सभी वर्गों का विकास हुआ है. बहुजन समाज पार्टी पर ही पूरा भरोसा कर प्रदेश की जनता नगर निगम चुनाव में बसपा को वोट करे. बसपा के शासनकाल में ही सभी वर्गों का भला हुआ है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने साफ कर दिया कि बहुजन समाज पार्टी प्रयागराज से शाइस्ता परवीन को महापौर का टिकट नहीं देंगी. इसके अलावा अतीक के परिवार से किसी को भी टिकट नहीं दिया जाएगा.

प्रयागराज में महापौर के टिकट पर मायावती ने कहा कि प्रयागराज में पिछले दिनों उमेश पाल की हत्या को लेकर अभी तक मीडिया के जरिए जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं या आए हैं और इस घटना में खासकर अतीक की पत्नी का नाम आते और उसके फरार होने पर स्थिति बदल गई है. अब हमारी पार्टी अतीक की पत्नी को और न ही उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य को टिकट देगी. इसके अलावा जहां तक अतीक की पत्नी को पार्टी में रखने या ना रखने का सवाल है तो उनकी पुलिस के गिरफ्त में आते ही उनके बारे में जो तथ्य सामने आएंगे, तब इसका फैसला कर लिया जाएगा. क्योंकि, हमारी पार्टी कानून से ऊपर नहीं है. कानून का पूरा सम्मान करती है.

बहुजन समाज पार्टी इस बार लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव पूरे दमखम से लड़ेगी. इसके लिए बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने काफी पहले से ही पदाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए थे. कई बार मायावती ने प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर पार्टी की रणनीति के बारे में भी विचार-विमर्श किया था. उन्होंने प्रदेश भर में पार्टी पदाधिकारियों को सदस्यता अभियान चलाकर नए सदस्य पार्टी के साथ जोड़ने के भी निर्देश दिए थे. इसके अलावा 'गांव चलो अभियान' भी चलाया गया था. अब पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की परीक्षा की घड़ी भी करीब आ गई है. स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे बताएंगे कि पार्टी के पदाधिकारियों ने जमीन पर कितनी मेहनत की है.

निकाय चुनाव में पार्टी ऐसे प्रत्याशियों को मैदान में उतारना चाहती है जो जीत का माद्दा रखते हों. पार्टी की तरफ से लखनऊ में महापौर के प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी मंथन किया गया है. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि हर वर्ग से मेयर पद के लिए प्रत्याशियों के नाम आए हैं. इनमें ब्राह्मण, अनुसूचित जाति और मुस्लिम वर्ग के कुल चार महिला उम्मीदवारों के नाम काफी अहम हैं. सूत्रों की मानें तो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा का नाम मेयर के लिए सबसे ऊपर है. इसके बाद बुलबुल गोदियाल का नाम शामिल है. इसके अलावा पार्टी के दो कद्दावर मुस्लिम नेताओं की पत्नियों के नाम भी इस सूची में शामिल हैं. पार्टी का मेयर प्रत्याशी कौन होगा, यह तो बसपा सुप्रीमो ही तय करेंगी. लेकिन, सूत्र बताते हैं कि कल्पना मिश्रा पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार हो सकती हैं.

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात पड़ी महंगी, मायावती ने दो नेताओं को पार्टी से किया बाहर

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को पार्टी कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. बसपा सुप्रीमो ने सरकार और निर्वाचन से संबंधित अधिकारियों से निकाय चुनाव ईवीएम से न कराकर बैलेट पेपर से कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव के लिए जो आरक्षण प्रक्रिया लागू की गई है, उसमें दलितों और पिछड़ों के हित को नजरअंदाज किया गया है. सरकार ने अपने पक्ष वाली प्रक्रिया अपनाई है, यह सही नहीं है. जहां तक माफिया अतीक अहमद की पत्नी को मेयर का टिकट देने का सवाल है तो उनके पूरे परिवार से किसी को टिकट नहीं देंगे, इस बात का ऐलान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कर दिया है.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस कंपनी पसमांदा मुस्लिम समाज का राग अलाप रही है. मुसलमानों का भला भारतीय जनता पार्टी में कभी नहीं हुआ. भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी सरकार की तरह काम कर रही है. इन दोनों ही सरकारों में मुसलमानों का भला नहीं हुआ. बहुजन समाज पार्टी के कार्यकाल में ही सभी वर्गों का विकास हुआ है. बहुजन समाज पार्टी पर ही पूरा भरोसा कर प्रदेश की जनता नगर निगम चुनाव में बसपा को वोट करे. बसपा के शासनकाल में ही सभी वर्गों का भला हुआ है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने साफ कर दिया कि बहुजन समाज पार्टी प्रयागराज से शाइस्ता परवीन को महापौर का टिकट नहीं देंगी. इसके अलावा अतीक के परिवार से किसी को भी टिकट नहीं दिया जाएगा.

प्रयागराज में महापौर के टिकट पर मायावती ने कहा कि प्रयागराज में पिछले दिनों उमेश पाल की हत्या को लेकर अभी तक मीडिया के जरिए जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं या आए हैं और इस घटना में खासकर अतीक की पत्नी का नाम आते और उसके फरार होने पर स्थिति बदल गई है. अब हमारी पार्टी अतीक की पत्नी को और न ही उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य को टिकट देगी. इसके अलावा जहां तक अतीक की पत्नी को पार्टी में रखने या ना रखने का सवाल है तो उनकी पुलिस के गिरफ्त में आते ही उनके बारे में जो तथ्य सामने आएंगे, तब इसका फैसला कर लिया जाएगा. क्योंकि, हमारी पार्टी कानून से ऊपर नहीं है. कानून का पूरा सम्मान करती है.

बहुजन समाज पार्टी इस बार लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव पूरे दमखम से लड़ेगी. इसके लिए बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने काफी पहले से ही पदाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए थे. कई बार मायावती ने प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर पार्टी की रणनीति के बारे में भी विचार-विमर्श किया था. उन्होंने प्रदेश भर में पार्टी पदाधिकारियों को सदस्यता अभियान चलाकर नए सदस्य पार्टी के साथ जोड़ने के भी निर्देश दिए थे. इसके अलावा 'गांव चलो अभियान' भी चलाया गया था. अब पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की परीक्षा की घड़ी भी करीब आ गई है. स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे बताएंगे कि पार्टी के पदाधिकारियों ने जमीन पर कितनी मेहनत की है.

निकाय चुनाव में पार्टी ऐसे प्रत्याशियों को मैदान में उतारना चाहती है जो जीत का माद्दा रखते हों. पार्टी की तरफ से लखनऊ में महापौर के प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी मंथन किया गया है. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि हर वर्ग से मेयर पद के लिए प्रत्याशियों के नाम आए हैं. इनमें ब्राह्मण, अनुसूचित जाति और मुस्लिम वर्ग के कुल चार महिला उम्मीदवारों के नाम काफी अहम हैं. सूत्रों की मानें तो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा का नाम मेयर के लिए सबसे ऊपर है. इसके बाद बुलबुल गोदियाल का नाम शामिल है. इसके अलावा पार्टी के दो कद्दावर मुस्लिम नेताओं की पत्नियों के नाम भी इस सूची में शामिल हैं. पार्टी का मेयर प्रत्याशी कौन होगा, यह तो बसपा सुप्रीमो ही तय करेंगी. लेकिन, सूत्र बताते हैं कि कल्पना मिश्रा पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार हो सकती हैं.

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