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मुंबई रेप केस : सीएम ठाकरे ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के दिए निर्देश - मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

मुंबई रेप की घटना को लेकर शासन-प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पुलिस कमिश्नर से बात की और मामले की पूरी जानकारी ली. सीएम ठाकरे ने मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में किए जाने और जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.

CM Uddhav Thackeray
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Published : Sep 11, 2021, 3:11 PM IST

Updated : Sep 11, 2021, 9:20 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई रेप घटना को लेकर पुलिस कमिश्नर से बात की और मामले की पूरी जानकारी ली. महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने यह जानकारी दी. वहीं, मामले में गिरफ्तार आरोपी को शनिवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 21 सितंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना को मानवता पर धब्बा करार दिया है. उन्होंने एक बयान में कहा, 'इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होगी और पीड़िता जिसकी मौत गंभीर जख्म की वजह से हुई है उसे न्याय मिलेगा.'

ठाकरे ने बताया कि उन्होंने इस मामले पर राज्य के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल और मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले से बात की है. साकीनाका मुंबई का पश्चिमी उपनगर है और कई औद्योगिक इकाइयां इलाके में मौजूद हैं.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि एक महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल की जाए. उन्होंने मामले में बिना देरी किए कल से विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति कर कार्यवाही शुरू करने के भी निर्देश दिए.

पुलिस के मुताबिक आरोपी मोहन चौहान (45) वाहन चालक का काम करता है और उसी इलाके में फुटपाथ पर रहता है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने दुष्कर्म करने के बाद पीड़ित महिला के निजी अंग पर लोहे की छड़ से हमला किया जिसकी वजह से अत्यधिक खून का स्राव हुआ. महिला पर चाकू से भी हमला किया गया.

मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की है. पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने संवाददाताओं को बताया कि घटना की जानकारी तब हई जब खैरानी रोड स्थित कंपनी के चौकीदार ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचना दी कि एक व्यक्ति महिला पर हमला कर रहा है. उन्होंने बताया कि सूचना के 10 मिनट के भीतर ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और देखा कि पीड़ित महिला वहां खड़े टेम्पो में गंभीर अवस्था में मौजूद है.

पुलिस आयुक्त ने बताया कि पीड़िता की हालत को देखते हुए पुलिस ने उसे उसी वाहन से अस्पताल ले जाने का फैसला किया ताकि देरी नहीं हो. पुलिस को टेम्पो की चाबी चौकीदार से मिली और महिला को घाटकोपर स्थित राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरे की तस्वीर भी प्राप्त कर ली जिसमें दिखा कि मोहन चौहान टेम्पो से बाहर आ रहा है.

'पुलिस हर अपराध स्थल पर मौजूद नहीं हो सकती'
त्योहार के मौके पर जब पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ जाती है, ऐसे समय पर घटना होने के सवाल पर पुलिस आयुक्त ने कहा कि 10 मिनट के अंदर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस हर अपराध स्थल पर मौजूद नहीं हो सकती. जानकारी मिलने के बाद ही पहुंचती है. पुलिस ने अपनी पूरी क्षमता से काम किया.

अधिकारी ने बताया कि चौहान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला है. उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 21 सितंबर तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया.

नागराले ने बताया कि चौहान का खून से सना कपड़ा जब्त कर लिया गया है और उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि पता चल सके कि उसपर लगे खून के धब्बे पीड़िता के हैं या नहीं. उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है.

पुलिस आयुक्त ने बताया, सहायक पुलिस आयुक्त ज्योत्सना रसम जांच अधिकारी होंगी. जांच एक महीने में पूरी की जाएगी और इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होगी जैसा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की है.

उन्होंने कहा, पीड़िता बेहोश थी, इसलिए उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका. इसलिए पुलिस इस बात से अंजान है कि आखिर क्या हुआ लेकिन जांच के दौरान सभी तथ्यों का पता लगाया जाएगा.

नागराले ने कहा कि अबतक कि जांच में एक ही व्यक्ति के अपराध में शामिल होने की जानकारी मिली है. पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक शुक्रवार को पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा-307 (हत्या का प्रयास), 376 (दुष्कर्म), 323 (हमला) और 34 (समान मंशा) के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन पीड़िता की मौत के बाद धारा-302 (हत्या) जोड़ी गई है जबकि किसी अन्य के शामिल नहीं होने पर धारा-34 हटाई गई है.

भाजपा की आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग
वहीं, भाजपा ने साकीनाका बलात्कार और मारपीट मामले में शामिल आरोपियों को मौत की सजा दिए जाने की मांग की है. साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर भी निशाना साधा है.

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, साकीनाका महिला दुष्कर्म मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होनी चाहिये ताकि आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिल सके. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात कर उनसे इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में कराने का आग्रह करना चाहिए.

उन्होंने कहा, मुझे पता है कि सजा सुनाने का काम न्यायपालिका का है, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि साकीनाका दुष्कर्म मामले के आरोपी को मौत की सजा मिलनी चाहिए.

राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि इस घटना की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर है, क्योंकि अपराधियों में कानून का थोड़ा सा भी डर रह नहीं गया है. महिला किस तरह के दर्द से गुजरी है, यह जानना भयावह है और वह पीड़िता की मौत से बेहद दुखी हैं। राज्य सरकार को कार्रवाई करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस पर कुछ कहती है तो यह आरोप लग सकता है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर पार्टी राजनीति कर रही है, लेकिन इस तरह के मामलों की संख्या खुद ही सबकुछ बयां कर रही है.

यह भी पढ़ें- दुष्कर्म पीड़िता ने की आत्महत्या, एक शख्स गिरफ्तार

प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम की तर्ज पर एक अधिनियम बनाने की मांग की ताकि इस तरह के अत्याचार में शामिल दोषियों को जल्दी जमानत न मिले. उन्होंने रेखांकित किया कि राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष का पद पिछले एक साल से खाली है.

बता दें, मुंबई के उपनगरीय इलाके साकीनाका में बलात्कार और निजी अंगों में लोहे की छड़ डालने की वीभत्सता का शिकार बनी 34 वर्षीय महिला ने इलाज के दौरान शनिवार तड़के दम तोड़ दिया. महिला के निजी अंगों में गंभीर चोटें आईं थी और हादसे में उसका बहुत खून बह गया था. एक अधिकारी ने बताया कि वह शुक्रवार तड़के से राजावाड़ी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही थी.

यह भी पढ़ें- मुंबई साकीनाका रेप मामला : जिंदगी की जंग हारी मुंबई की 'निर्भया', CCTV में कैद करतूत

प्रस्तावित शक्ति अधिनियम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मौजूदा कानून दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त हैं. कठोर निर्णय लेने और तार्किक अंत तक उसका पालन करने की राज्य की इच्छा शक्ति है.

मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई रेप घटना को लेकर पुलिस कमिश्नर से बात की और मामले की पूरी जानकारी ली. महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने यह जानकारी दी. वहीं, मामले में गिरफ्तार आरोपी को शनिवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 21 सितंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना को मानवता पर धब्बा करार दिया है. उन्होंने एक बयान में कहा, 'इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होगी और पीड़िता जिसकी मौत गंभीर जख्म की वजह से हुई है उसे न्याय मिलेगा.'

ठाकरे ने बताया कि उन्होंने इस मामले पर राज्य के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल और मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले से बात की है. साकीनाका मुंबई का पश्चिमी उपनगर है और कई औद्योगिक इकाइयां इलाके में मौजूद हैं.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि एक महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल की जाए. उन्होंने मामले में बिना देरी किए कल से विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति कर कार्यवाही शुरू करने के भी निर्देश दिए.

पुलिस के मुताबिक आरोपी मोहन चौहान (45) वाहन चालक का काम करता है और उसी इलाके में फुटपाथ पर रहता है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने दुष्कर्म करने के बाद पीड़ित महिला के निजी अंग पर लोहे की छड़ से हमला किया जिसकी वजह से अत्यधिक खून का स्राव हुआ. महिला पर चाकू से भी हमला किया गया.

मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की है. पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने संवाददाताओं को बताया कि घटना की जानकारी तब हई जब खैरानी रोड स्थित कंपनी के चौकीदार ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचना दी कि एक व्यक्ति महिला पर हमला कर रहा है. उन्होंने बताया कि सूचना के 10 मिनट के भीतर ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और देखा कि पीड़ित महिला वहां खड़े टेम्पो में गंभीर अवस्था में मौजूद है.

पुलिस आयुक्त ने बताया कि पीड़िता की हालत को देखते हुए पुलिस ने उसे उसी वाहन से अस्पताल ले जाने का फैसला किया ताकि देरी नहीं हो. पुलिस को टेम्पो की चाबी चौकीदार से मिली और महिला को घाटकोपर स्थित राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरे की तस्वीर भी प्राप्त कर ली जिसमें दिखा कि मोहन चौहान टेम्पो से बाहर आ रहा है.

'पुलिस हर अपराध स्थल पर मौजूद नहीं हो सकती'
त्योहार के मौके पर जब पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ जाती है, ऐसे समय पर घटना होने के सवाल पर पुलिस आयुक्त ने कहा कि 10 मिनट के अंदर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस हर अपराध स्थल पर मौजूद नहीं हो सकती. जानकारी मिलने के बाद ही पहुंचती है. पुलिस ने अपनी पूरी क्षमता से काम किया.

अधिकारी ने बताया कि चौहान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला है. उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 21 सितंबर तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया.

नागराले ने बताया कि चौहान का खून से सना कपड़ा जब्त कर लिया गया है और उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि पता चल सके कि उसपर लगे खून के धब्बे पीड़िता के हैं या नहीं. उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है.

पुलिस आयुक्त ने बताया, सहायक पुलिस आयुक्त ज्योत्सना रसम जांच अधिकारी होंगी. जांच एक महीने में पूरी की जाएगी और इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होगी जैसा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की है.

उन्होंने कहा, पीड़िता बेहोश थी, इसलिए उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका. इसलिए पुलिस इस बात से अंजान है कि आखिर क्या हुआ लेकिन जांच के दौरान सभी तथ्यों का पता लगाया जाएगा.

नागराले ने कहा कि अबतक कि जांच में एक ही व्यक्ति के अपराध में शामिल होने की जानकारी मिली है. पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक शुक्रवार को पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा-307 (हत्या का प्रयास), 376 (दुष्कर्म), 323 (हमला) और 34 (समान मंशा) के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन पीड़िता की मौत के बाद धारा-302 (हत्या) जोड़ी गई है जबकि किसी अन्य के शामिल नहीं होने पर धारा-34 हटाई गई है.

भाजपा की आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग
वहीं, भाजपा ने साकीनाका बलात्कार और मारपीट मामले में शामिल आरोपियों को मौत की सजा दिए जाने की मांग की है. साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर भी निशाना साधा है.

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, साकीनाका महिला दुष्कर्म मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होनी चाहिये ताकि आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिल सके. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात कर उनसे इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में कराने का आग्रह करना चाहिए.

उन्होंने कहा, मुझे पता है कि सजा सुनाने का काम न्यायपालिका का है, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि साकीनाका दुष्कर्म मामले के आरोपी को मौत की सजा मिलनी चाहिए.

राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि इस घटना की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर है, क्योंकि अपराधियों में कानून का थोड़ा सा भी डर रह नहीं गया है. महिला किस तरह के दर्द से गुजरी है, यह जानना भयावह है और वह पीड़िता की मौत से बेहद दुखी हैं। राज्य सरकार को कार्रवाई करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस पर कुछ कहती है तो यह आरोप लग सकता है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर पार्टी राजनीति कर रही है, लेकिन इस तरह के मामलों की संख्या खुद ही सबकुछ बयां कर रही है.

यह भी पढ़ें- दुष्कर्म पीड़िता ने की आत्महत्या, एक शख्स गिरफ्तार

प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम की तर्ज पर एक अधिनियम बनाने की मांग की ताकि इस तरह के अत्याचार में शामिल दोषियों को जल्दी जमानत न मिले. उन्होंने रेखांकित किया कि राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष का पद पिछले एक साल से खाली है.

बता दें, मुंबई के उपनगरीय इलाके साकीनाका में बलात्कार और निजी अंगों में लोहे की छड़ डालने की वीभत्सता का शिकार बनी 34 वर्षीय महिला ने इलाज के दौरान शनिवार तड़के दम तोड़ दिया. महिला के निजी अंगों में गंभीर चोटें आईं थी और हादसे में उसका बहुत खून बह गया था. एक अधिकारी ने बताया कि वह शुक्रवार तड़के से राजावाड़ी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही थी.

यह भी पढ़ें- मुंबई साकीनाका रेप मामला : जिंदगी की जंग हारी मुंबई की 'निर्भया', CCTV में कैद करतूत

प्रस्तावित शक्ति अधिनियम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मौजूदा कानून दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त हैं. कठोर निर्णय लेने और तार्किक अंत तक उसका पालन करने की राज्य की इच्छा शक्ति है.

Last Updated : Sep 11, 2021, 9:20 PM IST
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