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कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा - आत्महत्या मामले में

मुंबई पुलिस ने दो साल पुराने आत्महत्या मामले में पत्रकार अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. उन्हें मुंबई की एक अदालत ने 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले गोस्वामी ने कहा कि मुंबई पुलिस ने उनके साथ-साथ उनके सास-ससुर, बेटे और पत्नी के साथ बदसलूकी की. बीजेपी ने इसे सत्ता और शक्ति का दुरुपयोग बताते हुए कहा है कि यह घटनाक्रम लोकतंत्र के लिए काला दिन है.

Arnab Goswami-
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Published : Nov 4, 2020, 9:19 AM IST

Updated : Nov 5, 2020, 6:27 AM IST

मुंबई : रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उन्हें देर रात एक अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

इससे पहले पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अलीबाग पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी को यहां उनके घर से गिरफ्तार किया. भारतीय जनता पार्टी ने इस घटना को लोकतंत्र के लिए काला दिन करार दिया है.

गोस्वामी को पुलिस वैन में बैठाते हुए देखा गया. इस दौरान गोस्वामी ने दावा किया कि पुलिस ने उनके घर पर उनके साथ बदसलूकी की. गोस्वामी का कहना है कि मुंबई पुलिस ने उनके साथ-साथ उनके सास-ससुर, बेटे और पत्नी के साथ बदसलूकी की.

संबित पात्रा

अधिकारी ने बताया कि 2018 में एक आर्किटेक्ट और उनकी मां ने कथित तौर पर गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी द्वारा उनके बकाया का भुगतान न किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी.

इस वर्ष मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आर्किटेक्ट अन्वय नाइक की बेटी अदन्या नाइक की नई शिकायत के आधार पर फिर से जांच का आदेश दिए जाने की घोषणा की थी.

देशमुख ने बताया था कि अदन्या ने आरोप लगाया है कि अलीबाग पुलिस ने गोस्वामी के चैनल द्वारा बकाया भुगतान ना करने के मामले में जांच नहीं की. उसका दावा है कि इस कारण ही उसके पिता और दादी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले पर ट्वीट कर लिखा, वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ किया गया व्यवहार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने और विरोध के स्वर का दमन करने की अधिनायकवादी प्रवृत्ति का प्रतीक है. कांग्रेस को आपातकाल समेत अनेक उदाहरणों का ध्यान करना चाहिए कि प्रेस का दमन करने वाली सरकारों का हश्र बुरा हुआ है.

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राजनाथ सिंह का ट्वीट

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज पटना पहुंचे पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता का काला दिन है महाराष्ट्र में जिस तरह से एक निजी चैनल के पत्रकारों के साथ वहां की सरकार ने शुरू किया है निश्चित तौर पर हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करना यह बताता है कि कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार की मानसिकता किस तरीके से प्रजातंत्र का गला घोटने के लिए उतारू है. मैं इसकी घोर निंदा करता हूं और यह पत्रकारिता प्रजातंत्र पर भारी आघात है जिसके बारे में भारत की जनता को आगे आना चाहिए.

जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस इस तरह का काम करती है कि जनता निश्चित तौर पर इसको देख कर रह जाती है आपातकाल से लेकर आज तक जितना भी काम कांग्रेस के लोगों ने किया है निश्चित तौर पर वह निंदनीय है और इस बार पत्रकारों पर हमला के हम कड़ी निंदा करते हैं उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह रिवाज बन गया है कि जो फैसला उनके हक में नहीं हो उसका विरोध करना और यही कारण है कि महाराष्ट्र में निजी चैनल के पत्रकार के साथ कांग्रेस की सरकार ने ऐसा शुरू किया है देश की जनता सब कुछ देख रही है निश्चित तौर पर देश की जनता इसका जवाब देगी.

जेपी नड्डा क बयान

वहीं, प्रकाश जावड़ेकर ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मुंबई में पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर जो हमला हुआ है, वह निंदनीय है. महाराष्ट्र सरकार की यह कार्रवाई इमरजेंसी की ही तरह है. हम इसकी भर्त्सना करते हैं.

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया, 'स्वतंत्र प्रेस के लोग अगर आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं होते हैं , तो आप रणनीतिक रूप से फासीवाद के समर्थन में हैं. आप भले ही उन्हें पसंद नहीं करते हों, आप उनको चाहे मान्यता नहीं देते हों, भले ही आप उनकी उपस्थिति को नजर अंदाज करते हों लेकिन अगर आप चुप रहे तो आप दमन का समर्थन करते हैं. अगर अगले शिकार आप होंगे, तो फिर कौन बोलेगा?'

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स्मृति ईरानी का ट्वीट

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, महाराष्ट्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कुचल दी गई. कांग्रेस के इशारे पर अर्नब गोस्वामी पर ये बर्बर कार्रवाई की गई. लोकतंत्र को कुचलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने का कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार का ये प्रयास कभी सफल नहीं होगा. पुलिस ने बताया कि अलीबाग पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी को उनके निवास स्थान से गिरफ्तार किया है.

लोकतंत्र का काला दिन : संबित पात्रा

प्रेस वार्ता कर राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि साल 2018 में आत्महत्या के लिए उकसाने के एक बंद मामले में मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया है. यह सत्ता और शक्ति का दुरुपयोग है. यह आपातकाल को याद दिलाने वाला घटनाक्रम है. लोकतंत्र के लिए काला दिन है, उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं महाराष्ट्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. पात्रा ने कहा कि महाराष्ट्र में इटली का माफिया राज चल रहा है. माफिया चाटुकारिता चाहता है. माफिया को सच बर्दाश्त नहीं है. यह प्रेस की आजादी पर बड़ा हमला है. इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. यह लोग लोकतंत्र के हत्यारे हैं. पात्रा ने कहा कि अर्नब गोस्वामी के साथ आज जो हुआ है. यह पत्रकारिता जगत के लिए एक काला दिन. अगर आज हम एकजुट नहीं होंगे तो कल बारी हम सबकी है. सिर्फ किसी एक चैनल के नहीं बल्कि सभी चैनलों के अधिकार के लिए आज हम आवाज उठा रहे हैं.

पात्रा ने कहा कि जो लोग महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बोलते हैं या इनके निर्णयों पर सवाल खड़े करते हैं तो उनके खिलाफ इसी तरह सत्ता का चाबुक चलाया जाता है. पात्रा ने कहा कि कंधा शिवसेना का है लेकिन बंदूक और बारूद सब इटैलियन माफिया की है.

बिहार में प्रदर्शन

वहीं बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की. दीघा विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजीव चौरसिया के नेतृत्व में तमाम बीजेपी के समर्थक सदाकत आश्रम पहुंचकर अर्नब गोस्वामी को रिहा करने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया

वही इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं व बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच थोड़ी नोकझोंक भी हुई. बीजेपी विधायक संजय चौरसिया ने कहा जिस तरीके से पत्रकारों अरनव स्वामी की गिरफ्तारी हुई है वह काफी निंदनीय है और लोकतंत्र के खिलाफ है. इसलिए आज हम सभी कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं .

मुंबई : रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उन्हें देर रात एक अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

इससे पहले पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अलीबाग पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी को यहां उनके घर से गिरफ्तार किया. भारतीय जनता पार्टी ने इस घटना को लोकतंत्र के लिए काला दिन करार दिया है.

गोस्वामी को पुलिस वैन में बैठाते हुए देखा गया. इस दौरान गोस्वामी ने दावा किया कि पुलिस ने उनके घर पर उनके साथ बदसलूकी की. गोस्वामी का कहना है कि मुंबई पुलिस ने उनके साथ-साथ उनके सास-ससुर, बेटे और पत्नी के साथ बदसलूकी की.

संबित पात्रा

अधिकारी ने बताया कि 2018 में एक आर्किटेक्ट और उनकी मां ने कथित तौर पर गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी द्वारा उनके बकाया का भुगतान न किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी.

इस वर्ष मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आर्किटेक्ट अन्वय नाइक की बेटी अदन्या नाइक की नई शिकायत के आधार पर फिर से जांच का आदेश दिए जाने की घोषणा की थी.

देशमुख ने बताया था कि अदन्या ने आरोप लगाया है कि अलीबाग पुलिस ने गोस्वामी के चैनल द्वारा बकाया भुगतान ना करने के मामले में जांच नहीं की. उसका दावा है कि इस कारण ही उसके पिता और दादी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले पर ट्वीट कर लिखा, वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ किया गया व्यवहार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने और विरोध के स्वर का दमन करने की अधिनायकवादी प्रवृत्ति का प्रतीक है. कांग्रेस को आपातकाल समेत अनेक उदाहरणों का ध्यान करना चाहिए कि प्रेस का दमन करने वाली सरकारों का हश्र बुरा हुआ है.

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राजनाथ सिंह का ट्वीट

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज पटना पहुंचे पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता का काला दिन है महाराष्ट्र में जिस तरह से एक निजी चैनल के पत्रकारों के साथ वहां की सरकार ने शुरू किया है निश्चित तौर पर हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करना यह बताता है कि कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार की मानसिकता किस तरीके से प्रजातंत्र का गला घोटने के लिए उतारू है. मैं इसकी घोर निंदा करता हूं और यह पत्रकारिता प्रजातंत्र पर भारी आघात है जिसके बारे में भारत की जनता को आगे आना चाहिए.

जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस इस तरह का काम करती है कि जनता निश्चित तौर पर इसको देख कर रह जाती है आपातकाल से लेकर आज तक जितना भी काम कांग्रेस के लोगों ने किया है निश्चित तौर पर वह निंदनीय है और इस बार पत्रकारों पर हमला के हम कड़ी निंदा करते हैं उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह रिवाज बन गया है कि जो फैसला उनके हक में नहीं हो उसका विरोध करना और यही कारण है कि महाराष्ट्र में निजी चैनल के पत्रकार के साथ कांग्रेस की सरकार ने ऐसा शुरू किया है देश की जनता सब कुछ देख रही है निश्चित तौर पर देश की जनता इसका जवाब देगी.

जेपी नड्डा क बयान

वहीं, प्रकाश जावड़ेकर ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मुंबई में पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर जो हमला हुआ है, वह निंदनीय है. महाराष्ट्र सरकार की यह कार्रवाई इमरजेंसी की ही तरह है. हम इसकी भर्त्सना करते हैं.

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया, 'स्वतंत्र प्रेस के लोग अगर आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं होते हैं , तो आप रणनीतिक रूप से फासीवाद के समर्थन में हैं. आप भले ही उन्हें पसंद नहीं करते हों, आप उनको चाहे मान्यता नहीं देते हों, भले ही आप उनकी उपस्थिति को नजर अंदाज करते हों लेकिन अगर आप चुप रहे तो आप दमन का समर्थन करते हैं. अगर अगले शिकार आप होंगे, तो फिर कौन बोलेगा?'

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स्मृति ईरानी का ट्वीट

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, महाराष्ट्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कुचल दी गई. कांग्रेस के इशारे पर अर्नब गोस्वामी पर ये बर्बर कार्रवाई की गई. लोकतंत्र को कुचलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने का कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार का ये प्रयास कभी सफल नहीं होगा. पुलिस ने बताया कि अलीबाग पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी को उनके निवास स्थान से गिरफ्तार किया है.

लोकतंत्र का काला दिन : संबित पात्रा

प्रेस वार्ता कर राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि साल 2018 में आत्महत्या के लिए उकसाने के एक बंद मामले में मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया है. यह सत्ता और शक्ति का दुरुपयोग है. यह आपातकाल को याद दिलाने वाला घटनाक्रम है. लोकतंत्र के लिए काला दिन है, उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं महाराष्ट्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. पात्रा ने कहा कि महाराष्ट्र में इटली का माफिया राज चल रहा है. माफिया चाटुकारिता चाहता है. माफिया को सच बर्दाश्त नहीं है. यह प्रेस की आजादी पर बड़ा हमला है. इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. यह लोग लोकतंत्र के हत्यारे हैं. पात्रा ने कहा कि अर्नब गोस्वामी के साथ आज जो हुआ है. यह पत्रकारिता जगत के लिए एक काला दिन. अगर आज हम एकजुट नहीं होंगे तो कल बारी हम सबकी है. सिर्फ किसी एक चैनल के नहीं बल्कि सभी चैनलों के अधिकार के लिए आज हम आवाज उठा रहे हैं.

पात्रा ने कहा कि जो लोग महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बोलते हैं या इनके निर्णयों पर सवाल खड़े करते हैं तो उनके खिलाफ इसी तरह सत्ता का चाबुक चलाया जाता है. पात्रा ने कहा कि कंधा शिवसेना का है लेकिन बंदूक और बारूद सब इटैलियन माफिया की है.

बिहार में प्रदर्शन

वहीं बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की. दीघा विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजीव चौरसिया के नेतृत्व में तमाम बीजेपी के समर्थक सदाकत आश्रम पहुंचकर अर्नब गोस्वामी को रिहा करने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया

वही इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं व बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच थोड़ी नोकझोंक भी हुई. बीजेपी विधायक संजय चौरसिया ने कहा जिस तरीके से पत्रकारों अरनव स्वामी की गिरफ्तारी हुई है वह काफी निंदनीय है और लोकतंत्र के खिलाफ है. इसलिए आज हम सभी कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं .

Last Updated : Nov 5, 2020, 6:27 AM IST
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