मुंबई : बुलेट ट्रेन परियोजना अब पटरी पर लौटने लगी है. गुजरात की ओर निर्माण का काम तेज गति से चल रहा है. मुंबई की ओर जमीन अधिग्रहण को लेकर समस्या आ रही थी. यह समस्या भी अब खत्म होने लगी है. ठाणे जिले में बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया काफी हद तक पूरी हो गई है. जमीन का कब्जा भी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन को दे दिया गया है. इसके लिए कुछ गांवों से अतिक्रमण को हटा लिया गया है. Mumbai Ahmedabad Bullet Train Project.
ठाणे शहर से गुजरने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 30 सितंबर तक जमीन राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम को सौंपने का आदेश जारी किया गया था. उसके बाद तत्काल कार्रवाई की गई और गुरुवार को संबंधित अधिकारियों को जमीन का कब्जा सौंप दिया गया.
जब ईटीवी भारत ने पालघर के जिलाधिकारी गोविंद बोडके से बात की तो उन्होंने कहा, ''महाराष्ट्र में अभी तक पालघर जिले में शत प्रतिशत भूमि अधिग्रहण नहीं हुआ है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. इस संबंध में किसानों की ओर से आपत्ति और विरोध किया जा रहा है. हालांकि सरकार के नियमानुसार हमारे स्तर पर प्रक्रिया चल रही है." महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन के लिए 71 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है. राष्ट्रीय गति शक्ति रेलवे निगम ने कहा है कि तीन राज्यों में परियोजना पर 97 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. जिसमें से 98 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण का काम गुजरात में हुआ था. दादर नगर हवेली में सौ फीसदी भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है. महाराष्ट्र में सिर्फ 71.83 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो पाई है.
देश का पहला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट गुजरात के अहमदाबाद और महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बीच है, जिस पर काम तेजी से प्रगति पर है. इसके अंतर्गत भरूच (गुजरात) में पिलर का काम पूरा नजर आने लगा है, इसका पहला परीक्षण 2026 में गुजरात के बिलिमोरा और सूरत के बीच होगा, इसके बाद अन्य सेक्शन में परीक्षण किए जाएंगे. इस परियोजना को इस तरह विकसित किया जा रहा है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी न हो. शुरुआती तौर पर ट्रेन सुबह 6 बजे से चलनी शुरू होगी और रात 12 बजे तक चलेगी. व्यस्त समय में 20 मिनट पर और गैर-व्यस्त समय में आधे घंटे पर ट्रेन मिलेगी. जिसके बाद इसे मांग के अनुसार और अधिक किया जाएगा. इसके साथ ही बुलेट ट्रेन में चढ़ने में यात्रियों को कम समय (चैक-इन टाइम) लगेगा, अधिक जगह होगी और इन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी होगी जो विमानों में सवार रहने के दौरान नहीं मिलती.
बुलेट ट्रेन यानी हाई स्पीड ट्रेन की संचार प्रणाली को वायुयान की संचार प्रणाली की तरह ही बनाया गया है. इसमें यात्रियों के लिए एक आपात बटन होगा. सफर के दौरान अगर कोई दिक्कत होती है तो यात्री अपनी परेशानी से बुलेट ट्रेन के चालक दल को अवगत करा सकेंगे. कोच को पूरी तरह साउंड प्रूफ बनाया गया है. कोच में डबल स्किन एल्युमीनियम एलॉय, एयर टाइट फ्लोर, साउंड एब्जॉबिर्ंग साइड कवर आदि पैनल लगाए जाएंगे. इसके साथ ही कंपन कम करने के लिये सभी कारों को एक्टिव सस्पेंशन सिस्टम से लैस किया जाएगा. आरामदेह सीट को ध्यान में रखते हुए सभी कारों में रिक्लाइनिंग सीट होगी.
रेल मंत्री के अनुसार देश में बुलेट ट्रेनों के लिए 7 रूट तय हैं. इनमें मुंबई-अहमदाबाद के साथ ही दिल्ली-नोएडा-आगरा-लखनऊ-वाराणसी (865 किलोमीटर) और दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद (886 किलोमीटर), मुंबई-नासिक-नागपुर (753 किलोमीटर), मुंबई-पुणे-हैदराबाद , (711 किलोमीटर), चेन्नै-बेंगलुरु-मैसूर, (435 किलोमीटर) और दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-जालंधर-अमृतसर (459 किलोमीटर) शामिल होंगे.