नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के आदेश के खिलाफ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. याचिका में मुकुल रॉय को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी. बता दें कि पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष विमान बनर्जी ने गत 11 फरवरी को विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की अपील खारिज कर दी थी.
दरअसल, मुकुल रॉय पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी बदलने का आरोप है. भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे मुकुल रॉय ने चुनाव नतीजों के बाद जून महीने में पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए थे. बता दें कि रॉय भाजपा से पहले भी टीएमसी में थे. मुकुल रॉय पर दलबदल विरोधी कानून के तहत विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी.
शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के फैसले के खिलाफ शुभेंदु अधिकारी कलकत्ता उच्च न्यायालय जा सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, शुभेंदु अधिकारी की रिट याचिका अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई है, जिसमें विधायक के रूप में मुकुल रॉय को अयोग्य नहीं ठहराए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है. पीठ ने कहा, विधानसभा स्पीकर के फैसले को चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वकील की दलीलों को सुनने के बाद, हमारा विचार है कि याचिकाकर्ता स्पीकर के आदेश पर उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं.
शीर्ष अदालत ने इस दलील पर भी गौर किया कि पश्चिम बंगाल की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष के रूप में मुकुल रॉय का कार्यकाल केवल एक वर्ष के लिए है. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय से कहा कि पीएसी में मुकुल रॉय के कार्यकाल वाले मामले का एक महीने के भीतर फैसला करें.
(पीटीआई)