भोपाल। मप्र में युवा नीति की शुरुआत 23 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करने जा रहे हैं और इसके लिए मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में यूथ महापंचायत की तैयारी जोरों पर चल रही हैं. बता दें कि युवा नीति के साथ सीएम शिवराज युवा नीति के साथ युवा पोर्टल भी लॉन्च करेंगे. दरअसल 3 हजार से अधिक युवाओं से सुझाव मांगकर युवा नीति पर ड्राफ्ट तैयार किया गया है, फिलहाल ईटीवी भारत को मिली विशेष जानकारी के अनुसार नई युवा नीति में कुछ बड़ी बातें युवाओं के लिए शामिल की गई हैं, इनमें अलग से युवा बजट, स्टार्टअप फंड और खिलाड़ियों के लिए स्कॉलरशिप जैसी बातें शामिल किए जाने की बात सामने आई है.
सशक्त होंगे 'मामा' शिवराज के भांजे-भांजियां: नई युवा नीति में प्रदेश भर में इनक्यूबेशन सेंटर बनाने की योजना है, जिसमें युवाओं को स्टार्टअप प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए फंड दिया जाएगा. यह इनक्यूबेशन सेंटर यूनिवर्सिटी और कॉलेज दोनों में ही बनाए जाएंगे, जो युवा स्टार्टअप शुरू करेंगे, उन्हें सरकार अलग से मदद देगी और गाइडेंस देने के लिए एक कोर टीम बनाने की तैयारी है. इस बार खास बात यह है कि यह स्टार्टअप प्रोग्राम शहर के साथ गांव में भी शुरू किए जाएंगे, एक मार्केटिंग टीम बनाई जाएगी, जो युवाओं के द्वारा तैयार किए गए उत्पाद को विदेशों तक बेचने में मदद करेंगे. इसके अलावा युवाओं को सशक्त बनाने और क्षमताओं को विकसित करने के लिए कम्युनिटी लीडरशिप प्रोग्राम चलाया जाएगा. युवा नीति में खेलों को बढ़ावा देने की तैयारी है, इसके लिए राजधानी और महानगर के अलावा छोटे शहरों में भी मिनि स्टेडियम जैसी सुविधा देने की तैयारी है. युवाओं को स्किल बनाने के लिए एक बार फिर पूरे प्रदेश में स्किल प्रोग्राम चलाने की तैयारी है. स्किल प्रोग्राम में युवाओं को रोजगार परक ट्रेनिंग दी जाएगी, इसके लिए हर जिले में ब्लॉक सेंटर को अपग्रेड किया जाएगा, हालांकि विपक्ष इसको लेकर सवाल उठा रहे हैं कि इसके पहले युवा आयोग बनाया गया था, लेकिन इसका कोई फायदा प्रदेश के युवाओं को नहीं मिला.
ऐसे बनी युवा नीति: युवा नीति के लिए सरकार ने प्रदेशभर से सुझाव मंगाए थे और इनमें से 3 हजार 18 सुझावों को शामिल करके मंथन किया गया है. ड्राफ्ट तैयार करने का जिम्मा सुशासन एवं विश्लेषण संस्थान और युवा एवं खेल विभाग को दिया गया था, इनके अलावा मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद और नेहरू युवा केंद्र से भी सुझाव मांगे गए थे. सुझाव देने वाले युवाओं से बात की तो पता चला कि इसमें सर्वाधिक सुझाव रोजगार से संबंधित दिए गए हैं, वहीं दूसरे नंबर पर युवाओं को अधिकार और बड़े प्रोजेक्ट में शामिल करने के सुझाव मिले हैं. इन सुझावों को संबंधित विभागों तक पहुंचा दिया गया है, विभागों ने सुझावों की रिपोर्ट तैयार कर ली और इसे युवा नीति में शामिल कर लिया है. जिन विभागों इसमें शामिल किया, उसमें उच्च शिक्षा विभाग, एमएसएमई और रोजगार विभाग मुख्य है, इनके अलावा स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा, किसान-कल्याण एवं कृषि विकास, जनसंपर्क, लोक निर्माण, जल संसाधन और पर्यावरण विभाग भी इसमें शामिल रहे हैं.
युवाओं को डर कि कहीं आयोग जैसा हाल न हो जाए: युवा नीति को लेकर प्रदेश के युवाओं में एक डर भी है कि कहीं इसका हाल भी युवा आयोग जैसा न हो जाए. दरअसल शिवराज सरकार ने मप्र में साल 2012 में युवा आयोग का गठन किया था, इसके बाद जब भी इसमें सदस्य बने, वे सभी पॉलिटिकल बैकग्राउंड वाले थे. युवा आयोग के प्रमुख पांच बिंदुओं में से एक पर भी काम नहीं हुआ, अब एक बड़ी जानकारी यह मिली है कि युवा नीति के साथ ही सीएम युवा आयोग की टीम बनाने की घोषणा कर सकते हैं.
बेरोजगार युवाओं का आरोप: नेशनल एजुकेटेड यूनियन कमेटी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राधे जाट का कहना है कि मप्र सरकार धोखा दे रही है. हर साल एक लाख नौकरी का वादा करती है और फिर इसे दोहरा देती है. जिन पदों पर भर्ती भी हुई तो उनके परिणाम संविधान के विरुद्ध बनाए और इसी कारण वे कोर्ट में पेंडिंग हो गए. इसीलिए हम इस युवा नीति का पुरजोर विराेध करते हैं. शिक्षक वर्ग तीन में सिर्फ 19 हजार को पद दिए, सवा लाख पद वर्ग तीन के अब भी खाली हैं. यह सिर्फ चुनानी नीति है, जो चुनाव के चंद महीने पहले लाकर युवाओं को धोखा देने की तैयारी है.
कांग्रेस ने बताया छलावा: कांग्रेस ने मार्च 2020 में युवा आयोग का अध्यक्ष अभय तिवारी, सदस्य अमित शर्मा, विजय सरवैया, कुंदन पंजाबी, नीतु दुबे और एक अन्य को बनाया था. इनमें से अमित शर्मा ने युवा नीति को लेकर कहा कि शिवराज सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है. वर्ष 2012 में युवा आयोग बनाया, लेकिन कभी टीम नहीं बनाई, तो फिर कैसे काम होगा. पहली बार कांग्रेस ने अध्यक्ष और सदस्यों को मनोनीत किया. हम पहला ही प्रस्ताव लेकर आए कि जिनका पंजीयन पहले हुआ, उन्हें तत्काल नौकरी दिलाई जाएगी. लेकिन सरकार बदल गई और यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अब ये युवा नीति लेकर आ रहे हैं, जिसमें जो भी बिंदु बताए, वे सभी कहीं न कहीं पुरानी स्कीम या घोषणाएं हैं, उन्हें दोहराए जाने की तैयारी है.
भाजपा ने कहा: भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने युवा नीति को लेकर कहा कि इसे सिर्फ सरकारी नौकरी से जोड़कर न देखा जाए. इसमें स्टार्टअप के लिए सुझाव आए हैं और हम छोटे छोटे रोजगार के लिए युवाओं को ट्रेंड करने की बात कर रहे हैं. पहली बार इतनी बड़ी संख्या में युवाओं ने सुझाव दिए हैं और उन्हीं के मुताबिक इसे तैयार किया है.
एमपी की युवा नीति में हो सकती हैं शामिल ये बातें:
- राज्य एवं जिला सलाहकार परिषद का गठन.
- एग्जाम देने आने वाले युवाओं के लिए संभाग स्तर पर हॉस्टल सुविधा.
- सरकारी विभागों में इंटर्नशिप करने वाले युवाओं की संख्या 5000 से बढ़ाकर 10 हजार की जा सकती है.
- एनएसएस एवं दूसरी छात्र समितियों के युवाओं को ईंटनर्शिप में प्राथमिकता.
- रोजगार कार्यालय एवं कौशल विकास केंद्र का अपग्रेडेशन.
- खिलाड़ियों को स्कॉलरिशप.
- खेलों इंडिया की तर्ज पर हर साल खेलों मप्र का आयोजन.
- एग्जाम फीस माफ की जाएगी.