भोपाल। राजधानी भोपाल में जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश सीबीआई कोर्ट ने आज व्यापम द्वारा आयोजित आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 के मामले में तो लोगों को सात-सात साल की कठोर सजा सुनाई है. इसके अलावा फैसले के दिन अनुपस्थित रहे तीन आरोपियों को फरार घोषित कर दिया है. पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 के मामले में न्यायालय सीबीआई द्वारा प्रस्तुत चार्टशीट के आधार पर सुनवाई कर रही थी. लोक अभियोजन की ओर से मनोज उपाध्याय ने इस पूरे मामले में सीबीआई की और से अपना पक्ष रखा था. जिसके बाद आज इस पूरे मामले में आरोपियों को सजा सुनाई गई है. (MP Vyapam)
व्यापम मामले में पाए गए दोषी: राजधानी भोपाल में आज जिला न्यायालय में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश नीति राज सिंह सिसोदिया ने प्रकरण में पांच आरोपियों को दोषी पाया है. सीबीआई के लोक अभियोजक मनुजी उपाध्याय ने बताया कि व्यापम द्वारा साल 2013 में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 द्वितीय आयोजित की गई थी. जिसमें परीक्षार्थी जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर एवं केशव सिंह वडेरिया ने अपने स्थान पर परीक्षा दिलाने के लिए प्रतिरूपक क्रमश अमित आलोक, सतीश मौर्य व अज्ञात को अपने स्थान पर परीक्षा में बैठाया था. जिसके परिणाम स्वरूप परीक्षार्थी जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर एवं केशव सिंह वडेरिया परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए थे. इस पूरे मामले में सीबीआई द्वारा विवेचना के दौरान दोनों प्रतिरूपकों अमित, आलोक एवं सतीश कुमार मौर्य को आरोपी बनाया था.
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आरोपियों को 7-7 साल की सजा: इस पूरे मामले में सुनवाई के बाद के तीनों अभ्यर्थी और दोनों प्रतिरूपकों को न्यायालय द्वारा दोषी पाया गया. तीनों अभ्यर्थियों के अनुपस्थित रहने के कारण दोनों प्रतिरूपकों अमित, आलोक एवं सतीश कुमार मौर्य को प्रतिरूपण,मूल्यवान प्रतिभूति के दस्तावेजों के कूटकरण, कूट रचित दस्तावेजों का बेईमानी पूर्वक असल के रूप में उपयोग में लाए जाने, छल और आपराधिक षड्यंत्र के लिए दोषी पाए जाने पर सात-सात वर्ष का कठोर कारावास एवं दस हजार रुपए का अर्थदंड से दंडित किया है. अन्य तीनों आरोपी परीक्षार्थी जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर एवं केशव सिंह बड़ेरिया को सजा सुनाने के दौरान अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें फरार घोषित करते हुए उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. (MP Vyapam Case)