उज्जैन। जिले की महिदपुर तहसील के किशन खेड़ी में रहने वाले अजीत और मधु के 1 महीने के बेटे को जन्म से ही निमोनिया था. जिसके बाद परिजनों ने अंधविश्वास के चलते बच्चे के शरीर पर गर्म सरिए से दाग दिया. लेकिन उसकी हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ गई. जिसके बाद परिजन बच्चे को गंभीर अवस्था में अस्पताल लेकर पहुंचे. फिहलाह बच्चे को निमोनिया है और ऑक्सीजन लगा हुआ है. जब बच्चे के शरीर हुए निशान के बारे में परिवार वालों से बात की तो उन्होंने अंधविश्वास होने से मना कर दिया. लेकिन बच्चे के शरीर पर जख्म देख लग रहा है कि निमोनिया ठीक करने के लिए जादू टोने का उपयोग किया गया होगा.
मां ने लगाए अन्य बच्चे पर जलाने के आरोप: उज्जैन जिला अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. मालवी का कहना है कि ''एक महीने के बच्चे के शरीर पर निशान को देखकर लग रहा है कि निमोनिया होने के कारण उसे गर्म सरिए से दागा गया है. वही सर्दी-खांसी के साथ में उसे बुखार भी आ रहा है और बच्चे को ऑक्सीजन पर रखा है. अस्पताल की और से कोतवाली थाना पुलिस को इसकी सूचना दे दी है.'' माता-पिता ने अस्पताल स्टाफ को बताया कि ''दूसरे बच्चे ने हमारे बच्चे को जला दिया है.'' मामले में अब पुलिस जांच कर वास्तविकता का पता लगाएगी. फिलहाल बच्चे के पिता हाईवे पर सड़क बनाने में मजदूरी का कार्य करते हैं.
बचपन से बच्चे को निमोनिया की शिकायत: बच्चे की मां मधु का कहना है कि ''बच्चा जब पेट में था तभी उसके मुंह में गंदा पानी चला गया था और जन्म से ही उसे निमोनिया की शिकायत है. 1 महीने से वह इधर-उधर इलाज कराकर काम चला रहे थे.'' लेकिन बच्चों के शरीर पर जले हुए निशान देख लग रहा है कि बच्चे के साथ जादू टोना भी किया गया होगा. जब बच्चे की हालत बिगड़ गई तो उसे उज्जैन के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. अब जहां बच्चे को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. अब देखना यह होगा कि पुलिस इस पूरे मामले में क्या कार्रवाई करती है.