इंदौर। मध्यप्रदेश में पिछले कई दिनों से लगातार बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं. कहीं मासूम, कहीं महिलाएं तो कहीं बुजुर्ग महिला भी दुष्कर्म की घटना का शिकार हो रही हैं. वहीं इंदौर व आसपास के क्षेत्रों में भी इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. जिनमें 9 वर्ष की बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था. प्रदेश में बढ़ रहे महिला अपराधों को लेकर संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने दो टूक बयान दिया है (usha thakur statement on rape). मंत्री उषा ठाकुर ने आरोपियों को खुले में फांसी देने की मांग की है.
रेप के आरोपियों को खुले में दी जाए फांसी: मंत्री उषा ठाकुर ने इंदौर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमें एक हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की जरूरत है (usha thakur signature campaign in mp). हमें सीएम शिवराज सिंह से इन अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देने और खुले में फांसी देने की मांग करनी चाहिए (rape accused hanged in open). मंत्री ठाकुर ने कहा कि अपराधी अपराध तो समाज में करता है, लेकिन फांसी उसे एकांत में जेल में दे दी जाती है. किसी ने देखा ही नहीं, किसी को पता ही नहीं चलता है, लिहाजा किसी के मन में भय पैदा ही नहीं हुआ कि इसे फांसी कब हो गई. लोगों की भी याददाश्त कमजोर रहती है, वे घटनाओं को जल्द ही भुला देते हैं.
ऐसे नर पिशाचों का नहीं होता मानव अधिकार: मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि मैं चाहती हूं कि बेटियों के बलात्कारियों को चौराहे पर फांसी दी जाए (rape accused hanged in open) और उनका अंतिम संस्कार भी नहीं किया जाना चाहिए. चौराहे पर लटका रहने दो, उसे चील-कौवे नोच नोच कर खा जाएं. जब लोग इस दृश्य को देखेंगे तो दोबारा कोई बेटियों को हाथ लगाने की हिम्मत नहीं करेगा. इस दौरान मंत्री सभी से हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत करने के बारे में पूछा. जिसमें सभा में मौजूद लोगों ने सहमति जताई. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के नाम एक पत्रक तैयार करना है और उसमें लिखना है की बेटियों के साथ दरिंदगी करने वाले को चौराहे पर फांसी दी जाए और इनका अंतिम संस्कार मत होने दो. वहीं उषा ठाकुर ने मानव अधिकार आयोग को लेकर भी कहा कि भाड़ में जाए मानव अधिकार आयोग. ऐसे नर पिशाचों का कोई मानव अधिकार नहीं होता है. बता दें उषा ठाकुर का बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.