सागर। मध्य प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के रेपुरा गांव में गुरुवार को वन विभाग द्वारा 50 साल से वनभूमि पर काबिज दलितों के मकान गिरा कर उन्हें बेदखल किए जाने के मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की एंट्री हो गई है. दरअसल, दलितों को बेदखल किए जाने के लिए पुलिस प्रशासन की टीम ने असंवेदनशील रवैया अपनाया और अपना सामान निकालने का भी मौका नहीं दिया. दलितों का जरूरी और गृहस्थी का सामान मकान के मलबे में दब गया, जो वन विभाग द्वारा गिराए गए थे.
प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट : इस मामले में प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा "मध्यप्रदेश में दलितों पर अत्याचार चरम पर है. सत्ता के अहंकार में भाजपा भूल गई है कि सरकार का काम दलितों को उजाड़ना नहीं, बल्कि बसाना है. सागर जिले में 10 दलित परिवारों के घर ढहा दिये गए. जो परिवार मजदूरी करने गए थे, बिना कोई सूचना दिए उनकी सारी गृहस्थी तहस-नहस कर दी. पीएम आवास योजना के तहत बने घर भी ढहा दिए. दलितों-आदिवासियों और गरीबों पर अत्याचार करने वाली भाजपा को मध्य प्रदेश की जनता सबक सिखाएगी". बता दें कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस मामले को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है.
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मध्य प्रदेश में दलितों पर भाजपा सरकार का अत्याचार चरम पर है। सागर जिले में 10 दलित परिवारों के घर ढहा दिये गए। जो परिवार मजदूरी करने गए थे, बिना कोई सूचना दिए उनकी सारी गृहस्थी तहस-नहस कर दी। पीएम आवास योजना के तहत बने घर भी ढहा दिए।
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सत्ता के अहंकार में भाजपा यह भूल गई है कि…
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 23, 2023
सत्ता के अहंकार में भाजपा यह भूल गई है कि…मध्य प्रदेश में दलितों पर भाजपा सरकार का अत्याचार चरम पर है। सागर जिले में 10 दलित परिवारों के घर ढहा दिये गए। जो परिवार मजदूरी करने गए थे, बिना कोई सूचना दिए उनकी सारी गृहस्थी तहस-नहस कर दी। पीएम आवास योजना के तहत बने घर भी ढहा दिए।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 23, 2023
सत्ता के अहंकार में भाजपा यह भूल गई है कि…
क्या है मामला : दरअसल, 21 जून को सुरखी विधानसभा के रेपुरा गांव में वन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम पहुंची. भारी-भरकम पुलिस बल के पास पहुंची टीम ने रैपुरा गांव में वन विभाग की जमीन पर करीब 50 साल से काबिज लोगों के मकान ढहा दिए. यह कार्रवाई इतनी असंवेदनशीलता से की गई कि लोगों को उनके घरों में रखा राशन पानी और दूसरा जरूरत का सामान भी नहीं निकालने दिया. कुछ लोग मजदूरी के लिए गांव से बाहर गए थे और उनके मकान में ताले पड़े थे, वह भी ढहा दिए गए. इसकी सूचना जैसे ही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लगी तो वह गुरुवार को रेपुरा पहुंचकर गांव में ही धरने पर बैठ गए.
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दिग्विजय सिंह को दिया अफसरों ने आश्वासन : पूर्व मुख्यमंत्री के धरने पर बैठने पर कलेक्टर-एसपी और डीएफओ मौके पर पहुंचे और दिग्विजय सिंह से बातचीत की. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बेदखल किए गए दलितों को आवासीय पट्टा दिए जाने, आवासीय पट्टे पर मकान बनाने और मकान बनने तक रहने और खाने के इंतजाम किए जाने जैसी शर्तों पर लिखित आश्वासन लिया, तब जाकर धरना समाप्त किया. वहीं इस मामले में शुक्रवार को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत पहुंचे और बेघर किए गए दलितों को जरूरी सामान और राशन मुहैया कराया.