ETV Bharat / bharat

प्रहलाद पटेल के जिम्मे की सातों सीट हारी बीजेपी, शिवराज पहुंच रहे हैं मरहम लगाने, क्या है राजनीतिक गणित

Chhindwara Political Strategy: मध्य प्रदेश में भाजपा की लहर चली. भाजपा बहुमत के साथ सत्ता में आ गई, लेकिन इस बार भी कमलनाथ के किले को ढहाने में सफल नहीं हो सकी. छिंदवाड़ा जिले में सातों सीटों पर भाजपा की करारी हार हुई है. छिंदवाड़ा में जीत दिलाने की जिम्मेदारी प्रहलाद पटेल को सौंपी गई थी, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सके. अब हार के बावजूद शिवराज छिंदवाड़ा की जनता के बीज जाकर उनका आभार व्यक्त कर रहे हैं.

Prahlad Patel disappointed Chhindwara election
प्रहलाद पटेल के जिम्मे की सातों सीट हारी बीजेपी
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 6, 2023, 2:21 PM IST

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी में उथल-पुथल मची हुई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय CM पद की रेस में हैं. कमलनाथ के गढ़ में कमल खिलाने की जिम्मेदारी प्रहलाद पटेल को दी गई थी लेकिन सभी सीट बीजेपी हार गई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसी बीच छिंदवाड़ा में जनता का आभार जताने पहुंचे रहे हैं. इसे राजनीतिक स्ट्रेटजी भी कहा जा रहा है.

प्रहलाद पटेल के जिम्मे था छिंदवाड़ा, बुरी तरह से हारे: मध्य प्रदेश में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की है. इसके पीछे का कारण लाडली बहना स्कीम बताई जा रही है. लेकिन इसके बाद भी छिंदवाड़ा की सातों सीट बीजेपी हार गई. कमलनाथ के जिले में बीजेपी की कोई भी स्कीम काम नहीं आई जबकि छिंदवाड़ा जिले में चुनाव जीतने की जिम्मेदारी प्रहलाद पटेल को दी गई थी. प्रहलाद पटेल 2004 में भी लोकसभा का चुनाव कमलनाथ के विरोध में लड़ चुके हैं उसे दौरान वे चुनाव हार गए थे.

रमेश दुबे भी हार गए चुनाव: राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान छिंदवाड़ा में आकर आलाकमान को संदेश देना चाहते हैं कि मेरी मेहनत से पूरा मध्य प्रदेश जीता है. लेकिन प्रहलाद पटेल छिंदवाड़ा की एक भी सीट चुनाव में नहीं जीत पाए. यहां तक की छिंदवाड़ा जिले की लोधी बाहुल्य चौरई विधानसभा में एन वक्त पर पूर्व विधायक पंडित रमेश दुबे की टिकट काटकर लोधी प्रत्याशी को प्रहलाद पटेल ने अपने कोटे से टिकट दिलाई थी वो भी चुनाव हार गए.

शिवराज ने की थी सभा, प्रहलाद ने जमाया था डेरा: छिंदवाड़ा जिले के विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को दी गई थी कि वे कमलनाथ के गढ़ में बीजेपी को जीत दिलाएं. इसके साथ ही प्रहलाद पटेल ने नरसिंहपुर छोड़कर छिंदवाड़ा जिले के चौरई, छिंदवाड़ा, अमरवाड़ा सहित अन्य विधानसभा में लगातार सभाएं कर रोड शो भी किए थे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा के मेघासिवनी में सिर्फ एक जनसभा देर रात में की थी लेकिन प्रहलाद पटेल का छिंदवाड़ा में असर नहीं दिखा.

Also Read:

महिलाओं के साथ ही छिंदवाड़ा की जनता को देंगे संदेश: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चुनाव जीतने के बाद पहली जनसभा है. इसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल होंगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आलाकमान को दिखाना चाह रहे हैं कि महिलाएं उनके साथ हैं. आने वाले चुनाव में अगर शिवराज को सीएम नहीं बनाया गया तो महिलाओं के वोट बैंक पर असर पड़ेगा. छिंदवाड़ा जिले की जनता ने भले ही भाजपा को नकर दिया हो लेकिन भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि वह छिंदवाड़ा के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ेगी.

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी में उथल-पुथल मची हुई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय CM पद की रेस में हैं. कमलनाथ के गढ़ में कमल खिलाने की जिम्मेदारी प्रहलाद पटेल को दी गई थी लेकिन सभी सीट बीजेपी हार गई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसी बीच छिंदवाड़ा में जनता का आभार जताने पहुंचे रहे हैं. इसे राजनीतिक स्ट्रेटजी भी कहा जा रहा है.

प्रहलाद पटेल के जिम्मे था छिंदवाड़ा, बुरी तरह से हारे: मध्य प्रदेश में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की है. इसके पीछे का कारण लाडली बहना स्कीम बताई जा रही है. लेकिन इसके बाद भी छिंदवाड़ा की सातों सीट बीजेपी हार गई. कमलनाथ के जिले में बीजेपी की कोई भी स्कीम काम नहीं आई जबकि छिंदवाड़ा जिले में चुनाव जीतने की जिम्मेदारी प्रहलाद पटेल को दी गई थी. प्रहलाद पटेल 2004 में भी लोकसभा का चुनाव कमलनाथ के विरोध में लड़ चुके हैं उसे दौरान वे चुनाव हार गए थे.

रमेश दुबे भी हार गए चुनाव: राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान छिंदवाड़ा में आकर आलाकमान को संदेश देना चाहते हैं कि मेरी मेहनत से पूरा मध्य प्रदेश जीता है. लेकिन प्रहलाद पटेल छिंदवाड़ा की एक भी सीट चुनाव में नहीं जीत पाए. यहां तक की छिंदवाड़ा जिले की लोधी बाहुल्य चौरई विधानसभा में एन वक्त पर पूर्व विधायक पंडित रमेश दुबे की टिकट काटकर लोधी प्रत्याशी को प्रहलाद पटेल ने अपने कोटे से टिकट दिलाई थी वो भी चुनाव हार गए.

शिवराज ने की थी सभा, प्रहलाद ने जमाया था डेरा: छिंदवाड़ा जिले के विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को दी गई थी कि वे कमलनाथ के गढ़ में बीजेपी को जीत दिलाएं. इसके साथ ही प्रहलाद पटेल ने नरसिंहपुर छोड़कर छिंदवाड़ा जिले के चौरई, छिंदवाड़ा, अमरवाड़ा सहित अन्य विधानसभा में लगातार सभाएं कर रोड शो भी किए थे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा के मेघासिवनी में सिर्फ एक जनसभा देर रात में की थी लेकिन प्रहलाद पटेल का छिंदवाड़ा में असर नहीं दिखा.

Also Read:

महिलाओं के साथ ही छिंदवाड़ा की जनता को देंगे संदेश: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चुनाव जीतने के बाद पहली जनसभा है. इसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल होंगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आलाकमान को दिखाना चाह रहे हैं कि महिलाएं उनके साथ हैं. आने वाले चुनाव में अगर शिवराज को सीएम नहीं बनाया गया तो महिलाओं के वोट बैंक पर असर पड़ेगा. छिंदवाड़ा जिले की जनता ने भले ही भाजपा को नकर दिया हो लेकिन भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि वह छिंदवाड़ा के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.