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MP में पोस्टल बैलेट खुलने का मामला, 3 बजे का था समय लेकिन 1:30 बजे खोला स्ट्रांग रूम, CEO ने दी सफाई - एमपी नोडल अधिकारी निलंबित

Postal Ballots Open Before Counting: एमपी के बालाघाट में मतगणना से पहले पोस्टल बैलेट खुलने के मामले में मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने सफाई दी है. आयोग ने एक नोडल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. जबकि कांग्रेस पूरे मामले पर सवाल उठा रही है.

Postal Ballots Open Before Counting
एमपी में पोस्टल बैलेट खुलने का मामला
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2023, 3:36 PM IST

मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने दी सफाई

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तीन दिसंबर को होने वाली मतगणना के पहले बालाघाट जिले में डाक मत पत्रों के खुलने को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस पूरे बवाल पर मुख्य चुनाव पदाधिकारी अनुपम राजन ने बयान दिया है. मुख्य चुनाव पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा कि 'बालाघाट मामले में नोडल अधिकारी को निलंबित किया गया है. निलंबन की वजह बताते हुए मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने कहा कि डाक मत पत्रों के लिए स्ट्रांग रूम खोलने का समय दोपहर 3:00 बजे निर्धारित था, लेकिन स्ट्रांग रूम 1:30 पर खोला गया. इसके अलावा राजनीतिक पार्टियों को सही तरीके से सूचना नहीं दी गई.' उधर माना जा रहा है कि इस मामले में कुछ और अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है. मुख्य चुनाव पदाधिकारी कार्यालय ने चुनाव आयोग को पूरे मामले की रिपोर्ट भेज दी है.

कांग्रेस ने उठा मामले को लेकर सवाल: उधर बालाघाट में डाक मत पत्रों को लेकर हुई गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने सवाल किया कि 'जब आयोग के ही स्पष्ट निर्देश है कि डाक मत पत्रों की भी गणना 3 दिसंबर को सुबह 8:00 से होगी तो बालाघाट में 27 नवंबर को स्ट्रांग रूम कैसे खोला गया. जिले के कलेक्टर कह रहे हैं कि कांग्रेस को कुछ कंफ्यूजन है तो फिर नोडल अफसर को सस्पेंड क्यों किया गया. मामले की जांच कलेक्टर से कराए जाने के मामले में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि असली दोषी तो वही कलेक्टर है, जिससे आप यह जांच करवाएंगे.

कांग्रेस ने आरोप लगाया की मुख्य चुनाव पदाधिकारी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया में सत्ता दल को परोक्ष रूप से लाभ पहुंचा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे उनकी निष्पक्षता दिखाई दे. यह इसलिए क्योंकि कांग्रेस और अन्य पक्षी दलों द्वारा करीब 350 से ज्यादा शिकायतें मुख्य चुनाव पदाधिकारी कार्यालय में की है, लेकिन उनमें से एक के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की गई. मतदान दिवस पर कई स्थानों पर हिंसा, बूथों पर कब्जे, जाति विशेष के लोगों के बूथों पर उन्हें हथियारबंद लोगों द्वारा वोट डालने से रोका गया, लेकिन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके अलावा कई जिलों में कलेक्टर-एसपी बीजेपी के लिए काम करते रहे. साथ ही चुनाव ड्यूटी में लगे कई सरकारी कर्मचारी अधिकारी अपने मताधिकार का उपयोग ही नहीं कर सके.'

चुनाव आयोग ने दी सफाई: उधर बालाघाट की घटना को लेकर मुख्य चुनाव पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि 'बालाघाट में स्ट्रांग रूम खोलकर पोस्टल बैलेट की विधानसभा बार छटनी कर उनके बंडल बनाए गए थे. इस प्रक्रिया के दौरान कुछ राजनीतिक दलों के लोगों को यह आभास हुआ कि मत पत्रों की गिनती हो रही है, लेकिन वहां गिनती का काम नहीं हो रहा था. राजनीतिक प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ही स्ट्रांग रूम खोला गया और उसे वापस बंद किया गया था. किसी भी पोस्टल बैलेट को नहीं खोला गया. इन पोस्टल बैलेट की गिनती मतगणना के लिए निर्धारित 3 दिसंबर को ही होगी.

यहां पढ़ें...

नोडल अधिकारी हुआ निलंबित: हालांकि मामले में एक नोडल अधिकारी को निलंबित किया गया है. इसकी वजह बताते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि इस मामले में 3:00 का समय निर्धारित था, लेकिन स्ट्रांग रूम 1:30 पर खोला गया. पोस्टल बैलेट की छटनी के काम की सूचना उन्होंने सही तरीके से राजनीतिक पार्टियों को नहीं दी. इस मामले में जांच प्रतिवेदन के बाद नोडल अधिकारी पर कार्रवाई की गई है. मामले की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी गई है.'

मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने दी सफाई

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तीन दिसंबर को होने वाली मतगणना के पहले बालाघाट जिले में डाक मत पत्रों के खुलने को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस पूरे बवाल पर मुख्य चुनाव पदाधिकारी अनुपम राजन ने बयान दिया है. मुख्य चुनाव पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा कि 'बालाघाट मामले में नोडल अधिकारी को निलंबित किया गया है. निलंबन की वजह बताते हुए मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने कहा कि डाक मत पत्रों के लिए स्ट्रांग रूम खोलने का समय दोपहर 3:00 बजे निर्धारित था, लेकिन स्ट्रांग रूम 1:30 पर खोला गया. इसके अलावा राजनीतिक पार्टियों को सही तरीके से सूचना नहीं दी गई.' उधर माना जा रहा है कि इस मामले में कुछ और अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है. मुख्य चुनाव पदाधिकारी कार्यालय ने चुनाव आयोग को पूरे मामले की रिपोर्ट भेज दी है.

कांग्रेस ने उठा मामले को लेकर सवाल: उधर बालाघाट में डाक मत पत्रों को लेकर हुई गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने सवाल किया कि 'जब आयोग के ही स्पष्ट निर्देश है कि डाक मत पत्रों की भी गणना 3 दिसंबर को सुबह 8:00 से होगी तो बालाघाट में 27 नवंबर को स्ट्रांग रूम कैसे खोला गया. जिले के कलेक्टर कह रहे हैं कि कांग्रेस को कुछ कंफ्यूजन है तो फिर नोडल अफसर को सस्पेंड क्यों किया गया. मामले की जांच कलेक्टर से कराए जाने के मामले में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि असली दोषी तो वही कलेक्टर है, जिससे आप यह जांच करवाएंगे.

कांग्रेस ने आरोप लगाया की मुख्य चुनाव पदाधिकारी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया में सत्ता दल को परोक्ष रूप से लाभ पहुंचा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे उनकी निष्पक्षता दिखाई दे. यह इसलिए क्योंकि कांग्रेस और अन्य पक्षी दलों द्वारा करीब 350 से ज्यादा शिकायतें मुख्य चुनाव पदाधिकारी कार्यालय में की है, लेकिन उनमें से एक के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की गई. मतदान दिवस पर कई स्थानों पर हिंसा, बूथों पर कब्जे, जाति विशेष के लोगों के बूथों पर उन्हें हथियारबंद लोगों द्वारा वोट डालने से रोका गया, लेकिन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके अलावा कई जिलों में कलेक्टर-एसपी बीजेपी के लिए काम करते रहे. साथ ही चुनाव ड्यूटी में लगे कई सरकारी कर्मचारी अधिकारी अपने मताधिकार का उपयोग ही नहीं कर सके.'

चुनाव आयोग ने दी सफाई: उधर बालाघाट की घटना को लेकर मुख्य चुनाव पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि 'बालाघाट में स्ट्रांग रूम खोलकर पोस्टल बैलेट की विधानसभा बार छटनी कर उनके बंडल बनाए गए थे. इस प्रक्रिया के दौरान कुछ राजनीतिक दलों के लोगों को यह आभास हुआ कि मत पत्रों की गिनती हो रही है, लेकिन वहां गिनती का काम नहीं हो रहा था. राजनीतिक प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ही स्ट्रांग रूम खोला गया और उसे वापस बंद किया गया था. किसी भी पोस्टल बैलेट को नहीं खोला गया. इन पोस्टल बैलेट की गिनती मतगणना के लिए निर्धारित 3 दिसंबर को ही होगी.

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नोडल अधिकारी हुआ निलंबित: हालांकि मामले में एक नोडल अधिकारी को निलंबित किया गया है. इसकी वजह बताते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि इस मामले में 3:00 का समय निर्धारित था, लेकिन स्ट्रांग रूम 1:30 पर खोला गया. पोस्टल बैलेट की छटनी के काम की सूचना उन्होंने सही तरीके से राजनीतिक पार्टियों को नहीं दी. इस मामले में जांच प्रतिवेदन के बाद नोडल अधिकारी पर कार्रवाई की गई है. मामले की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी गई है.'

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