ETV Bharat / bharat

MP Poor Education System: वाह एमपी! छिंदवाड़ा के 150 से ज्यादा स्कूलों में नहीं हैं टीचर, फिर भी गुणवत्ता में नंबर 1 - छिंदवाड़ा के स्कूलों में शिक्षक नहीं

मध्यप्रदेश यूं ही नहीं अजब और गजब है. इसके पीछे कई कहानियां और कारण भी हैं. हाल ही में फिर एक ऐसा मामले सामने आया है, जिसे सुनकर आप कहेंगे कि एमपी गजब है. एमपी का छिंदवाड़ा जिला गुणवत्ता के मामले में प्रदेश में नंबर-1 है, जबकि हकीकत यह है कि 150 से ज्यादा स्कूलों में यहां शिक्षक ही नहीं है.

MP Poor Education System
शिक्षक बिना शिक्षा
author img

By

Published : Aug 10, 2023, 10:05 PM IST

बिना शिक्षक के स्कूलों में शिक्षा

छिंदवाड़ा। भले ही छिंदवाड़ा जिले के करीब 150 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं है, लेकिन फिर भी गुणवत्ता के मामले में नंबर वन है. स्कूलों में शिक्षकों की मांग और बुनियादी सुविधाओं की दरकार के लिए बच्चों ने कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना देकर रो-रोकर गुहार भी लगाई, लेकिन जब सरकारी आंकड़े आए तो छिंदवाड़ा जिले के सरकारी स्कूल प्रारंभिक शिक्षा में मध्यप्रदेश में अव्वल घोषित किए गए हैं. कलेक्टर कार्यालय के सामने चीख चीखकर सिसकियां भरते ये बच्चे हकीकत बताने के लिए काफी है.

जिले के 172 स्कूलों में नहीं है शिक्षक फिर भी नंबर वन का तमगा: शिक्षा विभाग छिंदवाड़ा के आंकड़ों की बात करें तो पहली से 8वीं क्लास में 15 जून 2023 तक जिले के 172 स्कूलों में एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं था, तो वहीं 411 सरकारी स्कूलों में सिर्फ एक एक शिक्षक पदस्थ है, लेकिन इसके बाद भी प्रारंभिक शिक्षा में राज्य स्तर से सभी जिलों की ग्रेडिंग सूची जारी की गई. जिसमें छिंदवाड़ा जिले ने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.

MP Poor Education System
बच्चों के साथ परिजनों ने भी लगाई गुहार

कलेक्टर कार्यालय के सामने बच्चों की मांग: छिंदवाड़ा जिले की बुनियादी शिक्षा के स्तर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले महीने अमरवाड़ा विकासखंड के कहुआ गांव से स्कूल में शिक्षक नहीं होने और जर्जर बिल्डिंग की शिकायत को लेकर 100 किलोमीटर का पैदल सफर कर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे और स्कूलों में शिक्षक पदस्थ करने की मांग की थी. इसके अलावा पांढुर्ना विकासखंड के काराघाट कामठी के स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों ने मामा शिवराज सिंह चौहान से कलेक्टर कार्यालय के सामने चीख- चीख कर रोते हुए अपना भविष्य संवारने के लिए स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग की. इतना ही नहीं जुन्नारदेव विकासखंड के चिकटवर्री गांव की कन्हान नदी में पुल नहीं होने की वजह से गांव के स्कूली बच्चे तीन से चार महीने स्कूल नहीं जा पाते, यह तो वो स्कूल है जो अपने अधिकार के लिए कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचे, लेकिन छिंदवाड़ा जिले के 172 ऐसे स्कूल हैं. जिनमें शिक्षक ही नहीं है और 411 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें सिर्फ एक शिक्षक है.

MP Poor Education System
स्कूलों में शिक्षक की मांग

जानिए जिले के स्कूलों के हाल:

ब्लॉकशिक्षक वहीन स्कूलसिंगल शिक्षक स्कूलकुल
छिन्दवाड़ा 02 08 10
मोहखेड़ 01 10 11
परासिया 03 26 29
जुन्नारदेव 63 84 147
तामिया 41 101 142
सौंसर 01 12 13
बिछुआ 01 12 13
पांढुर्ना 07 24 31
अमरवाड़ा 03 21 24
हर्रई 48 102 150
चौरई 02 11 13
कुल 172 411 583

आदिवासी विकासखंड में सबसे ज्यादा शिक्षकों की कमी: भले ही सरकार आदिवासियों के विकास का दम भर रही है और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी इनके उत्थान के लिए काम करने की बात कहती हो, लेकिन सबसे प्रमुख शिक्षा की अगर बात करें तो छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी विकासखंड जुन्नारदेव हर्रई और तामिया में ही शिक्षकों की कमी है. इन्हीं विकासखंड के स्कूली बच्चे और ग्रामीण भी कलेक्टर के सामने कई बार गुहार लगा चुके हैं. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भी सरकार बनाने के लिए दोनों दल आदिवासियों को ही सत्ता की चाबी मानकर चल रहे हैं.

MP Poor Education System
रैली निकालते छात्र

यहां पढ़ें...

इन मापदंडों पर प्रारंभिक शिक्षा में नंबर वन बना छिंदवाड़ा,अधिकारी हुए गदगद: जिला शिक्षा केन्द्र के जिला परियोजना समन्वयक जगदीश कुमरा इड़पाचे ने बताया कि "प्रारंभिक शिक्षा में राज्य स्तर से सभी जिलों की ग्रेडिंग सूची जारी की गई. जिसमें छिंदवाड़ा जिले ने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया. राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा समग्र शिक्षा अभियान में जिलों की नामांकन एवं ठहराव, सीखने के प्रतिफल एवं गुणवत्ता, शिक्षक का व्यवसायिक विकास, सहभागिता, अघोसंरचना एवं सुविधाएं, शासकीय प्रक्रिया एवं वित्तीय प्रबंधन, नव भारत साक्षरता कार्यक्रम आदि बिन्दुओं पर समीक्षा कर ग्रेडिंग की गई. जिला मिशन संचालक एवं कलेक्टर मनोज पुष्प और जिला परियोजना संचालक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पार्थ जैसवाल के कुशल मार्गदर्शन व समग्र शिक्षा अभियान की टीम के प्रयासों से जिले को यह उपलब्धि प्राप्त हुई है.

MP Poor Education System
कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते बच्चे

क्या बोले अधिकारी: वहीं जिला शिक्षा केन्द्र के जिला परियोजना समन्वयक जगदीश कुमार इड़पाचे ने बताया कि "जिन स्कूलों में शिक्षक की कमी है, वहां पर तात्कालिक व्यवस्था बनाई गई है. कुछ जगह अतिथि शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, तो कई जगह अभी ट्रांसफर की प्रक्रिया चल रही है. शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी. इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है.

बिना शिक्षक के स्कूलों में शिक्षा

छिंदवाड़ा। भले ही छिंदवाड़ा जिले के करीब 150 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं है, लेकिन फिर भी गुणवत्ता के मामले में नंबर वन है. स्कूलों में शिक्षकों की मांग और बुनियादी सुविधाओं की दरकार के लिए बच्चों ने कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना देकर रो-रोकर गुहार भी लगाई, लेकिन जब सरकारी आंकड़े आए तो छिंदवाड़ा जिले के सरकारी स्कूल प्रारंभिक शिक्षा में मध्यप्रदेश में अव्वल घोषित किए गए हैं. कलेक्टर कार्यालय के सामने चीख चीखकर सिसकियां भरते ये बच्चे हकीकत बताने के लिए काफी है.

जिले के 172 स्कूलों में नहीं है शिक्षक फिर भी नंबर वन का तमगा: शिक्षा विभाग छिंदवाड़ा के आंकड़ों की बात करें तो पहली से 8वीं क्लास में 15 जून 2023 तक जिले के 172 स्कूलों में एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं था, तो वहीं 411 सरकारी स्कूलों में सिर्फ एक एक शिक्षक पदस्थ है, लेकिन इसके बाद भी प्रारंभिक शिक्षा में राज्य स्तर से सभी जिलों की ग्रेडिंग सूची जारी की गई. जिसमें छिंदवाड़ा जिले ने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.

MP Poor Education System
बच्चों के साथ परिजनों ने भी लगाई गुहार

कलेक्टर कार्यालय के सामने बच्चों की मांग: छिंदवाड़ा जिले की बुनियादी शिक्षा के स्तर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले महीने अमरवाड़ा विकासखंड के कहुआ गांव से स्कूल में शिक्षक नहीं होने और जर्जर बिल्डिंग की शिकायत को लेकर 100 किलोमीटर का पैदल सफर कर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे और स्कूलों में शिक्षक पदस्थ करने की मांग की थी. इसके अलावा पांढुर्ना विकासखंड के काराघाट कामठी के स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों ने मामा शिवराज सिंह चौहान से कलेक्टर कार्यालय के सामने चीख- चीख कर रोते हुए अपना भविष्य संवारने के लिए स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग की. इतना ही नहीं जुन्नारदेव विकासखंड के चिकटवर्री गांव की कन्हान नदी में पुल नहीं होने की वजह से गांव के स्कूली बच्चे तीन से चार महीने स्कूल नहीं जा पाते, यह तो वो स्कूल है जो अपने अधिकार के लिए कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचे, लेकिन छिंदवाड़ा जिले के 172 ऐसे स्कूल हैं. जिनमें शिक्षक ही नहीं है और 411 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें सिर्फ एक शिक्षक है.

MP Poor Education System
स्कूलों में शिक्षक की मांग

जानिए जिले के स्कूलों के हाल:

ब्लॉकशिक्षक वहीन स्कूलसिंगल शिक्षक स्कूलकुल
छिन्दवाड़ा 02 08 10
मोहखेड़ 01 10 11
परासिया 03 26 29
जुन्नारदेव 63 84 147
तामिया 41 101 142
सौंसर 01 12 13
बिछुआ 01 12 13
पांढुर्ना 07 24 31
अमरवाड़ा 03 21 24
हर्रई 48 102 150
चौरई 02 11 13
कुल 172 411 583

आदिवासी विकासखंड में सबसे ज्यादा शिक्षकों की कमी: भले ही सरकार आदिवासियों के विकास का दम भर रही है और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी इनके उत्थान के लिए काम करने की बात कहती हो, लेकिन सबसे प्रमुख शिक्षा की अगर बात करें तो छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी विकासखंड जुन्नारदेव हर्रई और तामिया में ही शिक्षकों की कमी है. इन्हीं विकासखंड के स्कूली बच्चे और ग्रामीण भी कलेक्टर के सामने कई बार गुहार लगा चुके हैं. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भी सरकार बनाने के लिए दोनों दल आदिवासियों को ही सत्ता की चाबी मानकर चल रहे हैं.

MP Poor Education System
रैली निकालते छात्र

यहां पढ़ें...

इन मापदंडों पर प्रारंभिक शिक्षा में नंबर वन बना छिंदवाड़ा,अधिकारी हुए गदगद: जिला शिक्षा केन्द्र के जिला परियोजना समन्वयक जगदीश कुमरा इड़पाचे ने बताया कि "प्रारंभिक शिक्षा में राज्य स्तर से सभी जिलों की ग्रेडिंग सूची जारी की गई. जिसमें छिंदवाड़ा जिले ने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया. राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा समग्र शिक्षा अभियान में जिलों की नामांकन एवं ठहराव, सीखने के प्रतिफल एवं गुणवत्ता, शिक्षक का व्यवसायिक विकास, सहभागिता, अघोसंरचना एवं सुविधाएं, शासकीय प्रक्रिया एवं वित्तीय प्रबंधन, नव भारत साक्षरता कार्यक्रम आदि बिन्दुओं पर समीक्षा कर ग्रेडिंग की गई. जिला मिशन संचालक एवं कलेक्टर मनोज पुष्प और जिला परियोजना संचालक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पार्थ जैसवाल के कुशल मार्गदर्शन व समग्र शिक्षा अभियान की टीम के प्रयासों से जिले को यह उपलब्धि प्राप्त हुई है.

MP Poor Education System
कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते बच्चे

क्या बोले अधिकारी: वहीं जिला शिक्षा केन्द्र के जिला परियोजना समन्वयक जगदीश कुमार इड़पाचे ने बताया कि "जिन स्कूलों में शिक्षक की कमी है, वहां पर तात्कालिक व्यवस्था बनाई गई है. कुछ जगह अतिथि शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, तो कई जगह अभी ट्रांसफर की प्रक्रिया चल रही है. शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी. इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.