विदिशा। एमपी के विदिशा जिले की कुरवाई विधानसभा की ग्राम पंचायत में लगभग 40 जीवित लोगों को मृत घोषित कर दिया गया. 10 जून को ग्राम पंचायत खजुरिया जागीर के लगभग 5 लोगों के नाम एसपीआर पोर्टल से मृत घोषित कर दिए गए थे. जिसकी जानकारी 18 जून को ग्राम पंचायत की सरपंच वर्षा राजपूत को लगी तो पता चला कि लगभग 40 लोगों को पहले ही मृत घोषित किया जा चुका है. यह कारनाम जनपद पंचायत में पदस्थ निजी कंप्यूटर ऑपरेटर ने किया है. जिसकी शिकायत गांव के सरपंच ने जनपद सीइओ से की है.
सरपंच ने लगाया विरोधियों पर हैकिंग का आरोप: सरपंच ने जनपद सीईओ, थाना प्रभारी को आवेदन के माध्यम से बताया कि मेरी ग्राम पंचायत खजुरिया जागीर के एस पी आर पोर्टल पर पिछले कुछ दिनों से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अनाधिकृत प्रवेश किया गया है एवं उसके डाटा से छेड़छाड़ की गई और कुछ जीवित सदस्यों को मृत दर्शाया गया है. सरपंच ने आरोप लगाते हुए कहा कि इससे मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है जबकि एस पी आर पोर्टल की समस्त जानकारी पंचायत सचिव के पास होती है इसमें मेरा किसी प्रकार से कोई हस्तक्षेप नहीं होता. आपको बता दें कि वर्षा राजपूत वर्तमान में महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष है. उनका आरोप है कि राजनीतिक द्वेष के चलते विरोधियों द्वारा यह कार्य कराया गया है.
आपको बता दें कंप्यूर ऑपरेटर जनपद पंचायत में पदस्थ था. जिसने गांव के एक साथ 40 लोगों को मृत घोषित कर दिया. इस निजी कंप्यूटर ऑपरेटर की सैलरी महज 10 हजार रुपए है, लेकिन उसकी लाइफ स्टाइल किसी लग्जरी से कम नहीं है. मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उसे अपने अधिकार दे रखे हं. लिहाजा इसी का फायदा उठाकर उसने जिंदा लोगों को मृत घोषित कर दिया और उनके नाम पर एक करोड़ रुपए की हेरफेरा कर दी. ऐसा वह लगातार करता रहा.
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साइबर सेल करेगा जांच: विदिशा कलेक्टर उमाशंकर भार्गव का कहना है कि जो हमको अभी प्रारंभिक जानकारी मिली है. पंचायत चुनाव जो हुए थे उसको लेकर दो पार्टियों के बीच कुछ विवाद है आरोप है कि एक पार्टी के द्वारा फ्रॉड किया गया है और इसमें एसपी को पत्र भी लिखा है जिसमें साइबर सेल से जांच कराएंगे, जो तकनीकी खामी हुई है हम बहुत जल्द इसको ठीक करा देंगे.