झाबुआ। मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार के मामलों को लेकर माहौल गर्म है. सीधी में आदिवासी युवक पर पेशाब करने के मामले के बाद एक के एक मामले सामने आ रहे हैं. इन घटनाओं से जहां बीजेपी व शिवराज सरकार बचाव की मुद्रा में है, वहीं कांग्रेस पार्टी सरकार पर हमलावर है. आज से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में भी कांग्रेस ने शिवराज सरकार को आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के मामलों को लेकर घेरने की रणनीति बनाई है. ऐसे में अब आदिवासी बाहुल्य जिले झाबुआ में नाबालिग छात्राओं के साथ अश्लील हरकत करने का मामला सामने आया है. (Jhabua sdm suspended)
![Suspension order of Sunil Kumar Jha](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-07-2023/18968486_bvg.jpg)
संभागायुक्त ने दिए निलंबन के आदेश : झाबुआ एसडीएम सुनील कुमार झा के विरुद्ध हॉस्टल की नाबालिग छात्राओं ने छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं. एसडीएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. इस मामले में कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर संभागायुक्त ने एसडीएम को निलंबित कर दिया है. मामले के अनुसार एसडीएम सुनील झा, नवीन अनुसूचित जनजाति कन्या आश्रम झाबुआ में निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अधीक्षक निर्मला झारबडे को रूम से बाहर रहने को कहा और छात्राओं से अश्लील हरकत की और अनुचित व्यवहार किया.
लड़कियों की उम्र 11 से 13 साल की ही है और पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में इन लड़कियों ने एसडीएम सुनील झा पर आपत्तिजनक हरकतें करने के आरोप लगाए हैं. अधीक्षक ने बताया कि "बच्चियों ने मुझसे कहा कि सर ने हमारी कमर में हाथ डाला, बालों को सुंघकर पूछा कि कौन सा तेल लगाती हो और सिर पर किस किया. इसके अलावा सर ये भी पूछ रहे थे कि तुम्हारा पीरियड कब आता है और कौन-सा पेड इस्तेमाल करती हो, उन्होंने एक लड़की को जोर से गले लगाया और उसका गाल भी खींचा."
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कई धाराओं में केस दर्ज : इसके बाद सोमवार देर रात झाबुआ कोतवाली में एसडीएम सुनील झा के विरुद्ध झाबुआ कोतवाली धारा 354, एसटी-एससी एक्ट और पाक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज कर लिया गया. मंगलवार तड़के पुलिस में उन्हें उनके निवास से हिरासत में भी ले लिया. इस प्रकरण में कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर संभागायुक्त ने उन्हें निलंबित करने के आदेश जारी जारी कर दिए. आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि "एसडीएम सुनील झा द्वारा प्रथम दृष्टया अपने पदीय दायित्व के निर्वहन में घोर लापरवाही व अनुशासनहीनता की गई है. उनका यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण के विपरीत है. इस आधार पर उन्हें निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय कलेक्टोरेट बुरहानपुर किया जाता है. "
पहले भी विवादों में रहे हैं एसडीएम सुनील कुमार झा: इंदौर में एसडीएम के रूप में पदस्थ रहते सुनील कुमार झा ने महिला बीएलओ के साथ भी बदतमीजी करते हुए अपशब्द कहे थे और महिला बीएलओ को थोड़ी देर अपने पास बैठकर चले जाने की बात कहते हुए पर्सनल नम्बर भी देने के प्रयास किए थे. इसी के चलते उक्त महिला बीएलओ ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की थी, तब झा को एसडीएम क्षेत्र से हटाकर अन्य शाखाओं में पदस्थ किया गया था. इतना ही नहीं कुछ समय पूर्व उन पर झाबुआ में ही रिश्वत लेने के गंभीर आरोप भी लगे थे, वहीं इन्दौर के पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह ने भी भरी बैठक में उनकी ढिली-ढाली कार्यप्रणाली पर जमकर फटकार लगाई थी. अभी झा पर अश्लीलता के आरोप लगे तो उनके बेटे दीपक पर भी कनाडिया थाने पर कुछ समय पूर्व छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज किया गया था.