उज्जैन। श्रावण माह भोलेनाथ की भक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. 12 ज्योतिर्लिंगो में से एक विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हर हर महादेव के जयकारों के साथ बाबा के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. सावन माह में भक्तों की भीड़ और भी बढ़ जाती है. सावन के दूसरा सोमवार को हरियाली सोमवती अमावस्या है का योग 57 साल बाद बना है. यहां संयोग 1966 में बना था. ऐसे में श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ गई. सभी भक्त बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन कर भावविभोर हो गए.
इस बार सावन 59 दिन का: इस बार अधिक मास होने के कारण सावन की महीना 59 दिन का होगा. इस दौरान देश व दुनिया से महाकाल के भक्त बड़ी संख्या में दर्शन करने मंदिर पहुंच रहे हैं. सावन के दूसरे सोमवार को महाकाल मंदिर में अलसुबह 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए. सबसे पहले बाबा महाकाल को सभी पंडे-पुजारियों ने नियमानुसार जल चढ़ाकर दूध, घी, शहद, शकर व दही से पंचामृत अभिषेक किया. इसके बाद बाबा का भांग से श्रृंगार किया. उसके बाद महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरी महाराज के द्वारा भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित की गई. भस्म आरती के बाद बाबा का चंदन, फल, व वस्त्र से विशेष श्रृंगार किया गया.
इन खबरों पर भी एक नजर: |
चलित भस्म आरती की व्यवस्था: इस बार श्रद्धालुओं के लिए चलित भस्म आरती से भी दर्शन की व्यवस्था की गई है. इसके तहत महाकाल प्रबंधक समिति ने 40 मिनट में श्रद्धालुओं को दर्शन की व्यवस्था की है. बता दें कि सावन का महीना भगवान महाकाल को अति प्रिय है. ऐसे में श्रद्धालु भगवान महाकाल को प्रसन्न करने के लिए अनेत प्रकार के जतन करते हैं. श्रद्धालु भगवान महाकाल की उपासना करते हैं. माना जाता है कि भगवान महाकाल के दर्शन मात्र से ही सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं. इसके अलावा यदि कोई श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान महाकाल को एक बेलपत्र चढ़ाए तो उसकी इच्छाएं पूर्ण होती है. लाइव दर्शन की व्यवस्था मंदिर प्रबंध समिति द्वारा वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in एवं फेसबुक पेज पर की गई है. दिनभर दर्शन के साथ ही सवारी का सीधा प्रसारण किया जाएगा.