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MP Mission Gau Seva: गौ सेवकों के जरिये कमलनाथ बढ़ाएंगे गांव में पैठ, गाय के जरिये वोट पाने की कवायद

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Published : Jul 2, 2023, 10:29 AM IST

Updated : Jul 2, 2023, 1:37 PM IST

एमपी में विधानसभा चुनाव करीब हैं. फिर से सत्ता पाने के लिए बेताब कांग्रेस गाय को सहारा बना रही है. कमलनाथ गौ सेवकों के जरिए फिर से सत्ता पाने की कोशिश में जुट गए हैं. राजधानी भोपाल में चार हजार गौ सेवकों ने कमलनाथ के सामने वादा किया कि वे कमलनाथ की सरकार बनाने के लिए प्रदेश में जाएंगे और बताएंगे कि गाय की सेवा के लिए कमलनाथ ने क्या किया और शिवराज ने क्या किया.

MP Mission Gau Seva
गौ सेवकों के जरिये कमलनाथ बढ़ाएंगे गांव में पैठ
मध्य प्रदेश में गाय पर सियासत

भोपाल। गाय के जरिए भी सत्ता पाई जा सकती है क्या? इसका जवाब एमपी की सियासत में मिल सकता है. सत्ता में आते ही पूर्व सीएम कमलनाथ ने गौ शालाओं के लिए बड़ा बजट दिया, हाइटेक गौ शाला बनाने के लिए उनके मंत्री को विदेश भी भेजा. साथ ही प्लानिंग बनाई गई कि कैसे गौ शालाओं के जरिए लोगों को जोड़ा जा सकता है. लेकिन सरकार सिर्फ 15 महीने ही रही. अब कमलनाथ ने भोपाल में गौ सेवकों को बुलाकर उनकी मांगों की हामी तो भरी है, लेकिन वादा पूरा नहीं कर पाए, इसके लिए उन्होंने शिवराज सरकार को दोषी करार दिया. कमलनाथ ने कहा कि ''मैंने तो आप लोगों के लिए वादा पूरा करना चाहा, लेकिन सरकार के जाने के बाद बीजेपी आ गई. सीएम शिवराज ने आपके लिए कुछ नहीं किया.''

Congress claims to build 1000 gaushalas
एमपी की सियासत में गाय की एंट्री

सियासत का सहारा बनी गाय: गायों की दुर्दशा से तो पूरा प्रदेश वाकिफ है, सड़कों पर आए दिए एक्सीडेंट हो रहे हैं. वजह है लगातार गायों की बढ़ती संख्या. किसान उन्हें तब तक रखता है जब तक वो दूधारु होती हैं. जैसे ही वो दूध देना बंद करती है या उम्र दराज हो जाती है तो उसे खुले में छोड़ दिया जाता है. अभी तक दूध देनी वाली गाय अब सियासत का सहारा बन गई है. अब गाय को वोट के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रदेशभर से आए करीब 4 हजार गौ सेवकों की मदद से कांग्रेस ने ग्रामीण इलाकों में अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है.

कांग्रेस को गौ सेवकों का समर्थन: प्रदेश भर में करीब 27 हजार गौसेवक हैं जो कि अब कांग्रेस का समर्थन करते दिखाई दे रहे हैं. इनका कहना है कि शिवराज सरकार ने सत्ता में आने के बाद इनके लिए कुछ नहीं किया. इन्होंने साफ कह दिया है कि अब हम कमलनाथ के लिए गांव-गांव जाकर प्रचार प्रसार करेंगे.

MP Mission Gau Seva
गौ सेवकों के जरिये कमलनाथ बढ़ाएंगे गांव में पैठ

भाजपा ने कथावाचकों पर खेला दांव: बता दें कि प्रदेश के चुनावी दंगल में राजनीतिक पार्टी हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रही हैं. कांग्रेस पार्टी भगवान बजरंगबली, भोलेनाथ और राम भगवान के बाद अब गौ माता के जरिए वोट बैंक बढ़ाने की कोशिश कर रही है. वहीं, बीजेपी आदिवासियों के बीच भगवान राम की कथाएं करवाकर दिल जीतना चाहती है. कथावाचकों के जरिए बीजेपी लोगों का दिल जीतने की जुगत में है. कथावाचकों को भारी रकम मिल रही है. इस वक्त धीरेंद्र शास्त्री, प्रदीप मिश्रा, कथावाचिका जया किशोरी सहित कई संत चुनावी माहौल तक लगातार कथाओं के लिए बुक हैं.

गौ सेवकों का बड़ा सम्मेलन: कांग्रेस पार्टी गौ सेवकों का बड़ा सम्मेलन कर ग्रामीण इलाकों में अपनी पहुंच बनाने की कोशिश में जुटी है. हालांकि 15 महीने की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के अलग-अलग ग्रामीण इलाकों में गौशाला बनाने के लिए योजना तैयार की थी. मगर सरकार जाने के चलते इस योजना को बंद करना पड़ा. हालांकि कांग्रेस पार्टी प्रदेश में 1 हजार से ज्यादा गौशाला बनाने का दावा कर रही है.

Congress claims to build 1000 gaushalas
कांग्रेस कर रही 1000 गौशालाएं बनाने का दावा

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भाजपा का कांग्रेस पर तंज: बीजेपी पार्टी हमेशा से ही अपने आप को गौ सेवक बताती आ रही है. वहीं, कांग्रेस भी अपने आप को गौ भक्त बताने पर पीछे नहीं है. हालांकि प्रदेश की राजनीति में अब गौ माता की एंट्री को लेकर बीजेपी का कहना है कि ''कमलनाथ ने गौशालाओं के नाम पर जनता के साथ धोखा किया. केरल में कांग्रेस नेताओं ने खुलेआम गौमांस खाकर हिंदुओं की भावनाएं आहत की.'' वहीं, कमलनाथ को चुनाव के कारण आज फिर गाय की याद आ रही है. आपने 15 महिने में सिर्फ खोखले वादे किए हैं.''

बीजेपी सरकार ने किया था प्लान: गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड ने सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधियों समेत आम लोगों से गोग्रास के प्रतिदिन 10 रुपये दान करने का आग्रह किया था. एक वर्ष में छह लाख रुपये दान में मिले, लेकिन किसी विधायक या सांसद ने एक रुपये भी दान नहीं किया. गोशालाओं को सरकार की तरफ से प्रतिदिन प्रति गाय सिर्फ 20 रुपये भोजन और अन्य खर्च के लिए दिया जाता है, जो बहुत कम है. उत्तर प्रदेश में यह राशि 30 रुपये है. प्रदेश में एक हजार 762 गोशालाएं हैं. गोवंश की कुल संख्या दो लाख 87 हजार है.

मध्य प्रदेश में गाय पर सियासत

भोपाल। गाय के जरिए भी सत्ता पाई जा सकती है क्या? इसका जवाब एमपी की सियासत में मिल सकता है. सत्ता में आते ही पूर्व सीएम कमलनाथ ने गौ शालाओं के लिए बड़ा बजट दिया, हाइटेक गौ शाला बनाने के लिए उनके मंत्री को विदेश भी भेजा. साथ ही प्लानिंग बनाई गई कि कैसे गौ शालाओं के जरिए लोगों को जोड़ा जा सकता है. लेकिन सरकार सिर्फ 15 महीने ही रही. अब कमलनाथ ने भोपाल में गौ सेवकों को बुलाकर उनकी मांगों की हामी तो भरी है, लेकिन वादा पूरा नहीं कर पाए, इसके लिए उन्होंने शिवराज सरकार को दोषी करार दिया. कमलनाथ ने कहा कि ''मैंने तो आप लोगों के लिए वादा पूरा करना चाहा, लेकिन सरकार के जाने के बाद बीजेपी आ गई. सीएम शिवराज ने आपके लिए कुछ नहीं किया.''

Congress claims to build 1000 gaushalas
एमपी की सियासत में गाय की एंट्री

सियासत का सहारा बनी गाय: गायों की दुर्दशा से तो पूरा प्रदेश वाकिफ है, सड़कों पर आए दिए एक्सीडेंट हो रहे हैं. वजह है लगातार गायों की बढ़ती संख्या. किसान उन्हें तब तक रखता है जब तक वो दूधारु होती हैं. जैसे ही वो दूध देना बंद करती है या उम्र दराज हो जाती है तो उसे खुले में छोड़ दिया जाता है. अभी तक दूध देनी वाली गाय अब सियासत का सहारा बन गई है. अब गाय को वोट के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रदेशभर से आए करीब 4 हजार गौ सेवकों की मदद से कांग्रेस ने ग्रामीण इलाकों में अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है.

कांग्रेस को गौ सेवकों का समर्थन: प्रदेश भर में करीब 27 हजार गौसेवक हैं जो कि अब कांग्रेस का समर्थन करते दिखाई दे रहे हैं. इनका कहना है कि शिवराज सरकार ने सत्ता में आने के बाद इनके लिए कुछ नहीं किया. इन्होंने साफ कह दिया है कि अब हम कमलनाथ के लिए गांव-गांव जाकर प्रचार प्रसार करेंगे.

MP Mission Gau Seva
गौ सेवकों के जरिये कमलनाथ बढ़ाएंगे गांव में पैठ

भाजपा ने कथावाचकों पर खेला दांव: बता दें कि प्रदेश के चुनावी दंगल में राजनीतिक पार्टी हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रही हैं. कांग्रेस पार्टी भगवान बजरंगबली, भोलेनाथ और राम भगवान के बाद अब गौ माता के जरिए वोट बैंक बढ़ाने की कोशिश कर रही है. वहीं, बीजेपी आदिवासियों के बीच भगवान राम की कथाएं करवाकर दिल जीतना चाहती है. कथावाचकों के जरिए बीजेपी लोगों का दिल जीतने की जुगत में है. कथावाचकों को भारी रकम मिल रही है. इस वक्त धीरेंद्र शास्त्री, प्रदीप मिश्रा, कथावाचिका जया किशोरी सहित कई संत चुनावी माहौल तक लगातार कथाओं के लिए बुक हैं.

गौ सेवकों का बड़ा सम्मेलन: कांग्रेस पार्टी गौ सेवकों का बड़ा सम्मेलन कर ग्रामीण इलाकों में अपनी पहुंच बनाने की कोशिश में जुटी है. हालांकि 15 महीने की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के अलग-अलग ग्रामीण इलाकों में गौशाला बनाने के लिए योजना तैयार की थी. मगर सरकार जाने के चलते इस योजना को बंद करना पड़ा. हालांकि कांग्रेस पार्टी प्रदेश में 1 हजार से ज्यादा गौशाला बनाने का दावा कर रही है.

Congress claims to build 1000 gaushalas
कांग्रेस कर रही 1000 गौशालाएं बनाने का दावा

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भाजपा का कांग्रेस पर तंज: बीजेपी पार्टी हमेशा से ही अपने आप को गौ सेवक बताती आ रही है. वहीं, कांग्रेस भी अपने आप को गौ भक्त बताने पर पीछे नहीं है. हालांकि प्रदेश की राजनीति में अब गौ माता की एंट्री को लेकर बीजेपी का कहना है कि ''कमलनाथ ने गौशालाओं के नाम पर जनता के साथ धोखा किया. केरल में कांग्रेस नेताओं ने खुलेआम गौमांस खाकर हिंदुओं की भावनाएं आहत की.'' वहीं, कमलनाथ को चुनाव के कारण आज फिर गाय की याद आ रही है. आपने 15 महिने में सिर्फ खोखले वादे किए हैं.''

बीजेपी सरकार ने किया था प्लान: गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड ने सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधियों समेत आम लोगों से गोग्रास के प्रतिदिन 10 रुपये दान करने का आग्रह किया था. एक वर्ष में छह लाख रुपये दान में मिले, लेकिन किसी विधायक या सांसद ने एक रुपये भी दान नहीं किया. गोशालाओं को सरकार की तरफ से प्रतिदिन प्रति गाय सिर्फ 20 रुपये भोजन और अन्य खर्च के लिए दिया जाता है, जो बहुत कम है. उत्तर प्रदेश में यह राशि 30 रुपये है. प्रदेश में एक हजार 762 गोशालाएं हैं. गोवंश की कुल संख्या दो लाख 87 हजार है.

Last Updated : Jul 2, 2023, 1:37 PM IST
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