देवास। एमपी के देवास जिले के खिवनी अभयारण्य को वन्यजीवों का घर कहा जाता है. सम्पूर्ण जिले में यह स्थान वन्यजीवों के लिए अनुकूल है. जिसके चलते देवास या आसपास के जिले में कहीं भी जंगली जानवरों को रेस्क्यू कर पकड़ा जाता है, तो खिवनी अभयारण्य में छोड़ा जाता है. मंगलवार को भी एक तेंदुआ खिवनी अभयारण्य में छोड़ा गया. खास बात यह है कि ये वहीं तेंदुआ है जिसकी पीठ पर बैठकर ग्रामीणों ने सेल्फी ली थी. आज 112 दिन बाद इस तेंदुए की याददाश्त लौट आई है. उसे जंगल में छोड़ा जा चुका है.
यहां मिला था बीमार तेंदुआ: दरअसल 29 अगस्त 2023 को देवास जिले के सोनकच्छ क्षेत्र के ग्राम इकलेरा में बीमार हालत में यह तेंदुआ मिला था. जिसे ग्रामीणों ने पकड़ कर परेशान किया और उसके ऊपर बैठकर सेल्फी ली थी. जानकारी के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने तेंदुए को इलाज के लिए भेजा था. जांच में तेंदुए को कैनाइन नामक बीमारी का पता चला था. जिसके वह अपनी याददाश्त खो चुका था. इंदौर जू और सोनकच्छ के विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों ने उसका उपचार किया.
तेंदुए में ऐसी बीमारी मिलने का एमपी में यह पहला केस: जहां करीब 112 दिनों बाद तेंदुए की याददाश्त वापस आ गई है और स्वस्थ होने पर उसे देवास के खीवनी अभयारण्य में छोड़ा गया है. बता दें अफ्रीका, यूपी के बाद देवास जिले में किसी जानवर में केनाइन वायरस मिलने का यह तीसरा केस है.
स्वस्थ होने पर अभयारण्य में छोड़ा तेंदुआ: मामले में अभयारण्य रेंजर भीमसिंह सिसोदिया ने बताया कि 'सोमवार को सोनकच्छ क्षेत्र के इकलेरा गांव से बीमार हालत में मिले तेंदुए को वन विभाग द्वारा जिले के खिवनी अभ्यारण में छोड़ा गया. 29 अगस्त को इकलेरा के गांव में यह तेंदुआ घुस आया था. तेंदुए की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे देवास से इंदौर वन्यप्राणी संग्रहालय भेजा गया था. जहां वन्यप्राणी चिकित्सक उत्तम यादव द्वारा इलाजे के बाद देवास वन विभाग को रिकवरी के लिए भेज दिया था.
यहां पढ़ें... |
वन विभाग देवास के देखरेख में सोनकच्छ वन विभाग के एसएस भाटी उपवनक्षेत्रपाल व उनकी टीम द्वारा तेंदुए की देख रेख की गई. विभिन्न चिकित्सीय परीक्षणों में तेंदुए को स्वस्थ पाए जाने पर उच्च अधिकारियों की अनुमति के बाद आज उसे खिवनी अभ्यारण में छोड़ा गया है. बता दें पिछले 3 वर्षों में 8 तेंदुए अलग-अलग स्थानों से लाकर यहां छोड़े गए हैं.